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Rajiv Gandhi: राजीव गांधी की राजनीति में नहीं थी रुचि, पायलट से पीएम बनने तक ऐसा रहा सफर

Former PM of India Rajiv Gandhi Assassination आज 21 मई है। आज के ही दिन 1991 में भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। उस समय वे तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली को संबोधित करने गए हुए थे।

By Achyut KumarEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 21 May 2023 07:39 AM (IST)
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Former PM of India Rajiv Gandhi Assassinated in a Suicide Bomb Attack at Sriperumbudur, Tamil Nadu: राजीव गांधी की पुण्यतिथि

नई दिल्ली, जागरण डेस्क। 21 मई 1991... यह वह दिन है जब दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री की एक चुनावी रैली के दौरान एक आत्मघाती हमले में हत्या कर दी जाती है। वह प्रधानमंत्री कोई और नहीं, राजीव गांधी थे। आज उनकी पुण्यतिथि है। इस मौके पर उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ पहलुओं से आपको रूबरू कराते हैं...

20 अगस्त 1944 को हुआ जन्म

  • राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को बंबई (अब मुंबई) में हुआ था।
  • जब देश को आजादी मिली, उस समय वे महज तीन साल के थे।
  • उनकी मां का नाम इंदिरा गांधी और पिता का नाम फिरोज गांधी था।
  • उनके दादा पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के प्रथम प्रधानमंत्री थे।
  • उनके पिता भी सांसद थे।

हर साल 20 अगस्त को मनाया जाता है सद्भावना दिवस

हर साल 20 अगस्त को राजीव गांधी के जन्मदिन को सद्भावना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन कांग्रेस देशभर में विशेष आयोजन करती है। पार्टी कार्यकर्ता और नेता राजीव गांधी को श्रद्धांजलि देते हैं और उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते है। इस दिन उनकी समाधि स्थल वीरभूमि पर उनका पूरा परिवार, करीबी मित्र , रिश्तेदार और कांग्रेस के प्रमुख नेता इकट्ठा होते हैं। इसके अलावा, दूसरी पार्टियों के नेता भी उन्हें श्रद्धांजलि देने वीरभूमि जाते हैं।

दून स्कूल से हुई पढ़ाई

  • राजीव गांधी का बचपन अपने दादा के साथ नई दिल्ली के तीन मूर्ति हाउस मे बीता।
  • शुरुआत में उन्हें पढ़ने के लिए देहरादून के वेल्हम स्कूल भेजा गया, लेकिन जल्द ही यहां से उन्हें आवासीय दून स्कूल में भेज दिया गया।
  • उनके छोटे भाई संजय गांधी को भी इसी स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा गया।
  • स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद राजीव गांधी लंदन के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज गए, लेकिन यहां उनका मन नहीं लगा।
  • इसके बाद वे इंपीरियल कालेज गए, जहां से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
  • कैंब्रिज के दौरान ही उनकी मुलाकात इटली की रहने वाली सोनिया मैनो से हुई थी, जो वहां अंग्रेजी की पढ़ाई कर रही थीं।
  • राजीव और सोनिया ने 1968 में नई दिल्ली में शादी कर ली।

राजनीति नहीं, संगीत में थी रुचि

राजीव गांधी की राजनीति में कोई रुचि नहीं थी। उनकी रुचि संगीत में थी। उन्हें शास्त्रीय संगीत और आधुनिक संगीत दोनों पसंद था। इसके अलावा, फोटोग्राफी, रेडियो सुनने और विमान उड़ाने का भी उन्हें शौक था। उन्होंने दिल्ली फ्लाइंग क्लब की प्रवेश परीक्षा पास कर वाणिज्यिक पायलट का लाइसेंस प्राप्त किया, जिसके बाद वे जल्द ही इंडियन एयरलाइंस के पायलट बन गए।

एक दुर्घटना ने बदली जिंदगी

1980 में एक विमान दुर्घटना में अपने भाई संजय गांधी की मौत के बाद राजीव गांधी ने न चाहते हुए भी राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने भाई की सीट अमेठी पर हुए संसदीय उपचुनाव में जीत हासिल की और सांसद बने। 31 अक्टूबर 1984 को अपनी मां इंदिरा गांधी की हत्या के बाद वे कांग्रेस अध्यक्ष और फिर देश के प्रधानमंत्री बने।

भारत में सूचना क्रांति का जनक किसे माना जाता है?

  • राजीव गांधी को भारत में सूचना क्रांति का जनक माना जाता है।
  • उन्हें देश में कम्प्यूटराइजेशन और टेलीकम्युनिकेशन क्रांति का श्रेय दिया जाता है।
  • इसके अलावा, महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिलवाने का काम भी उन्होंने ही किया।

राजीव गांधी को किसने और क्यों मारा

राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के पेरंबदूर में एक चुनावी रैली के दौरान आत्मघाती हमले में मौत हो गई। धनु नाम की एक लिट्टे समर्थक महिला ने राजीव को फूलों का हार पहनाने के बाद अपने कमर में बंधे विस्फोटकों में ब्लास्ट कर दिया।

भारत के युवा प्रधानमंत्री कौन थे?

  • राजीव गांधी भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे।
  • वे महज 40 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बने।
  • इंदिरा गांधी 1996 में जब पहली बार प्रधानमंत्री बनीं तो उनकी उम्र 48 साल की थीं।

कौन से प्रधानमंत्री पेशे से पायलट भी थे?

राजीव गांधी पेशे से पायलट भी थे। उन्हें 1970 में इंडियन एयरलाइंस द्वारा पायलट के रूप में नियुक्त किया गया। राजीव की शुरुआत में राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी।

भारत में किस प्रधानमंत्री की हत्या हुई थी?

इंदिरा गांधी और राजीव गांधी।

राजीव गांधी की हत्या के सभी दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने किया रिहा

राजीव गांधी की हत्या के सभी दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा कर दिया है। ये सभी दोषी उम्रकैद की सजा काट रहे थे। इन दोषियों में नलिनी, एजी पेरारिवलन, श्रीहरन, संधन, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और आर पी रविचंद्रन शामिल हैं। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस बी वी नागरत्न की बेंच ने दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया था।

सोनिया गांधी ने नलिनी को किया माफ

  • सोनिया गांधी ने अपने पति की हत्या के मामले में दोषी नलिनी को माफ कर दिया था।
  • ट्रायल कोर्ट ने नलिनी को तीन अभियुक्तों (मुरुगन उर्फ श्रीहरन, पेरारिवलन और संतन) के साथ पहले मौत की सजा सुनाई थी।
  • हालांकि, बाद में सोनिया गांधी की अपील के बाद उसकी मृत्युदंड की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया।
  • नलिनी को जिस समय मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी, उस समय वह दो महीने की गर्भवती थी।
  • सोनिया गांधी का कहना था कि मां की गलती की सजा उस मासूम को क्यों मिले, जो इस दुनिया में आया ही नहीं है।

लिट्टे ने रची राजीव गांधी की हत्या की साजिश

राजीव गांधी की हत्या की साजिश लिट्टे (लिबरेशन टाइगर्स आफ तमिल ईलम) ने रची थी। वह लिट्टे विद्रोहियों को काबू में करने के लिए भारतीय सैनिकों को श्रीलंका भेजने के फैसले से नाराज था। हत्या के मुख्य अभियुक्त शिवरासन ने गिरफ्तार होने से पहले साइनाइड खा लिया था। हत्या की जांच के लिए सीआरपीएफ के आईजी डॉक्टर डीआर कार्तिकेयन के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया था। इस मामले में लिट्टे के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था।