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पीएम मोदी मजबूत नेता, प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा भारत: अमेरिका के पूर्व एनएसए

अमेरिका के पूर्व एनएसए जॉन बाल्टन ने पीएम नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। बाल्टन ने कहा कि नरेंद्र मोदी भारत-अमेरिका संबंध 21वीं सदी की निर्णायक घटना हो सकते हैं। उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि भारत एक प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है। बता दें कि जॉन बल्टन डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में एनएसए थे।

By Agency Edited By: Manish Negi Updated: Wed, 09 Oct 2024 11:18 PM (IST)
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जॉन बाल्टन ने पीएम मोदी की तारीफ की (फाइल फोटो)

आईएएनएस, नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बाल्टन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मजबूत नेता बताते हुए कहा है कि भारत-अमेरिका संबंध 21वीं सदी की ''निर्णायक घटना'' हो सकते हैं, क्योंकि भारत एक प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है। बाल्टन डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में वर्ष 2018-19 में अमेरिका के एनएसए थे।

पीएम मोदी मजबूत नेता

विशेष बातचीत में बाल्टन ने कहा, 'मुझे लगता है कि नरेन्द्र मोदी एक मजबूत नेता हैं और इससे यह संभावना बढ़ती है कि अगर हम जापान, आस्ट्रेलिया, भारत और अमेरिका एक साथ क्वाड जैसे समूहों के जरिये काम करते हैं, तो हम साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं।

मुझे नहीं पता कि यूक्रेन और रूस के बीच मध्यस्थ के रूप में उन्हें कितनी सफलता मिलेगी, लेकिन यूक्रेन के लोगों के लिए यह बहुत गहन युद्ध है। यह उनके देश के भविष्य पर अस्तित्व का प्रश्न है।

अमेरिकी अरबपति सोरोस पर भी बोले बाल्टन

भारत विरोधी हिंडनबर्ग रिपोर्ट से चर्चा में आए अमेरिकी अरबपति सोरोस को लेकर बाल्टन ने कहा, कि अमेरिकी राजनीति के लिहाज से सोरोस वामपंथी हैं और उनके पास बहुत सारा पैसा है। वह अमेरिकी राजनीति और दुनियाभर में इसका बहुत इस्तेमाल करते हैं। उनके कामों के बारे में कुछ रिपो‌र्ट्स दूसरों की तुलना में ज्यादा सटीक हैं, लेकिन उनके समग्र वैश्विक दृष्टिकोण से मैं सहमत नहीं हूं। इसलिए मुझे इस बात की चिंता है कि अमेरिका पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। शायद लोग सोरोस, उनकी गतिविधियों को आधिकारिक अमेरिकी नीति के रूप में गलत तरीके से समझ रहे हैं, जो निश्चित रूप से नहीं होना चाहिए।

चीन कर रहा शक्तिशाली धुरी का निर्माण

चीन के संबंध में पूर्व अमेरिकी एनएसए ने कहा कि भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय स्थिति हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की व्यापक आधिपत्यवादी महत्वाकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। साथ ही चेताया कि चीन इस क्षेत्र में तेजी से एक शक्तिशाली धुरी का निर्माण कर रहा है।

भारतीय सेना चीन को मानती है खतरा

उन्होंने कहा, 'हम पूर्वी एशिया में ताइवान और सेनकाकू द्वीप समूह (दक्षिण चीन सागर में जापानी क्षेत्र) के विरुद्ध दबाव देख रहे हैं। चीन की जमीनी सीमा पर आखिरी बड़ा संघर्ष वियतनाम से हुआ था, लेकिन भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ व संघर्ष की कई घटनाएं हुई हैं। अगर मैं भारतीय सेना में धारणाओं को सही ढंग से समझता हूं, तो वे चीन को भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा मानते हैं और मुझे लगता है कि यह सही है।'