भारत और UAE के बीच में हुए चार समझौते, कितना होगा फायदा और क्यों है अहम? जानिए सबकुछ
भारत के ऊर्जा सुरक्षा के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अहमियत पहले के मुकाबले अब और बढ़ जाएगी। भारत के दौरे पर आये यूएई के सात राज्यों (अमीरात) में से एक अबूधाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद और पीएम नरेन्द्र मोदी के बीच आज हुई द्विपक्षीय वार्ता के दौरान ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े चार अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत के ऊर्जा सुरक्षा के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अहमियत पहले के मुकाबले अब और बढ़ जाएगी। भारत के दौरे पर आये यूएई के सात राज्यों (अमीरात) में से एक अबूधाबी के क्राउन ¨प्रस शेख खालिद बिन मोहम्मद और पीएम नरेन्द्र मोदी के बीच आज हुई द्विपक्षीय वार्ता के दौरान ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े चार अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं।
इसके तहत ना सिर्फ यूएई के साथ भारत को दीर्घकालिक अवधि के लिए एलएनजी आपूर्ति का रास्ता साफ हो गया है बल्कि दोनों देशों के बीच परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में संभावनाओं को तलाशने के लिए भी समझौता हुआ है। साथ ही रणनीतिक उद्देश्य से पेट्रोलियम भंडार बनाने और अबूधाबी की कंपनियों के बीच सहमति बनी है।
क्राउन प्रिंस तीन दिवसीय भारत दौरे पर आये
भारत में खाद्य उत्पादों का पार्क बनाने के लिए दोनों देशों की कंपनियों के बीच समझौता हुआ है जो भविष्य में यूएई की खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होगा। अबूधाबी के क्राउन प्रिंस तीन दिवसीय भारत दौरे पर आये हैं। पीएम मोदी के साथ उनकी मुलाकात में मुख्य तौर पर ऊर्जा सहयोग और दोनों देशों के बीच कारोबारी सहयोग का मुद्दा ही केंद्र में रहा। उन्होंने सोमवार को सुबह महात्मा गांधी की समाधि पर फूल चढ़ाए। उल्लेखनीय तथ्य यह है कि उनके दादा शेख जायेद बिन सुल्तान अह नाहयान ने वर्ष 1992 में और क्राउन प्रिंस के पिता व यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद जायेद ने वर्ष 2016 में राष्ट्रपिता के समाधि पर भारत की आधिकारिक यात्रा के दौरान गये थे। क्राउन प्रिलं शेख खालिद ने वहां अमलतास का पौधारोपण भी किया।
यूएई के प्रमुख नेता के तौर पर चिन्हित किए गए क्राउन प्रिंस
महात्मा गांधी के समाधि स्थल पर पहली बार किसी देश की तीन पीढ़ियों के नेताओं की तरफ से लगाये गये पौधे देखे जा सकेंगे। साथ सरकारी अधिकारियों व उद्योगपतियों का एक बड़ा दल भी भारत आया है। क्राउन प्रिंस को भविष्य में यूएई के प्रमुख नेता के तौर पर चिन्हित किया जा रहा है। दोनों देशों के बीच एक अहम समझौता यूएई में भारत की दो सरकारी कंपनियों इंडियन आयल (आइओसी) और भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल) के संयुक्त उद्यम को अबूधारी के एक तेल ब्लाक के लिए उत्पादन समझौते को मंजूरी देने से जुड़ा हुआ है।
यह पहला मौका होगा जब किसी भारतीय कंपनी को यूएई के ऊर्जा ब्लाक में सीधे उत्पादन करने की अनुमति मिलेगी। एलएनजी समजौता आइओसी व गेल और अबूधाबी की कंपनी एडीएनओसी के बीच हुआ है। इससे भारत को सालााना 10 लाख मैट्रिक टन एलएनजी की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इस साल भारतीय कंपनियां पहले भी यूएई से एलएनजी की दीर्घकालिक आपूर्ति के लिए दो समझौते कर चुकी हैं।
स्थानीय मुद्रा में भी हुई कारोबार की शुरुआत
सबसे अहम समझौता न्यूक्लिकर पावर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और अमीरात न्यूक्लियर इनर्जी कार्पोरेशन के बीच हुआ है। पहली बार भारत खाड़ी के किसी देश के साथ परमाणु ऊर्जा की संभावनाओं पर काम करेगा। खाड़ी के क्षेत्र में यूएई के साथ भारत सबसे ज्यादा करीबी तौर पर काम कर रहा है। वर्ष 2021 में दोनो देशों के बीच कारोबारी समझौता होने के बाद यह भरोसा और बढ़ गया है। दोनों देशों के बीच स्थानीय मुद्रा में भी कारोबार की शुरुआत हो चुकी है। लमोदी और शेख खालिद के बीच हुई वार्ता में क्षेत्रीय समस्याओं और गाजा की स्थिति पर भी चर्चा होने की संभावना है।