नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। फ्रांस में इस वक्त हालात बेहद खराब हैं। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों स्थिति से निपटने के लिए संघर्षरत दिखाई दे रहे हैं। उन्हें यूरोपियन शिखर संघ का दौरा बीच में ही छोड़कर पेरिस आना पड़ा। सरकार की तमाम कोशिशों और कवायदों के बावजूद भी फ्रांस में दंगों की आग फिलहाल थमती नजर नहीं आ रही है। कहा जा रहा है कि फ्रांस में वैसे ही विरोध प्रदर्शन दिख सकते हैं जैसा कि अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लायड के दौरान दिखाई दिया था। दरअसल, फ्रांस समेत यूरोप में बढ़ती हिंसा और दंगों के पीछे दुष्प्रचार, दुर्भावना और दुराग्रह सबसे बड़ी वजह के तौर पर सामने आ रहा है। ये दंगे अब फ़्रांस के अलावा कुछ अन्य देशों में भी हो रहे हैं। फ्रांस में पहले भी हुए हैं। लंदन भी कुछ साल पहले जला था। जानकार चेता रहे हैं कि अमेरिका में भी ऐसा कभी भी घटित हो सकता है।

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