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Friendship Day 2024: अटल-आडवाणी, मोदी-शाह से केजरीवाल-सिसोदिया तक, राजनीतिक जगत में ये दोस्ती बनीं मिसाल

Friendship Day 2024 राजनीति में वैसे तो कहा जाता है कि न कोई स्थाई दोस्त है और न ही दुश्मन लेकिन कुछ नेता ऐसे भी रहे जिनकी दोस्ती के किस्से आज तक मशहूर हैं। फ्रेंडशिप डे (Happy Friendship Day 2024) के दिन हम आपको राजनीतिक जगत में कुछ ऐसे ही मित्रता के किस्से बताने जा रहे हैं जो हमेशा चर्चा में रहे।

By Mahen Khanna Edited By: Mahen Khanna Updated: Sun, 04 Aug 2024 10:37 AM (IST)
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Friendship Day 2024 राजनीति में दोस्ती के किस्से।

जागरण डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Friendship Day 2024 भारत समेत दुनिया के कई देशों में आज फ्रेंडशिप डे मनाया जा रहा है। मुश्किल के समय काम आने वाले इंसान को ही सच्चा दोस्त कहा जाता है। ऐसी ही सच्ची दोस्ती राजनीति में भी कई बार देखने को मिली है।

वैसे तो राजनीति में कहा जाता है कि न कोई स्थाई दोस्त है न दुश्मन, लेकिन कुछ नेता ऐसे भी रहे जिनकी दोस्ती के किस्से काफी मशहूर रहे। 

आज फ्रेंडशिप डे (Happy Friendship Day 2024) के दिन हम आपको ऐसे ही कुछ दोस्तों के किस्से बताने जा रहे हैं, जिनकी दोस्ती की कहानियां राजनीतिक जगत में भी खूब हिट रहीं।

दशकों पुरानी है मोदी-शाह की दोस्ती

पीएम मोदी और देश के गृह मंत्री अमित शाह की दोस्ती के किस्से तो सभी ने सुने होंगे, लेकिन इसके इतिहास से हर कोई वाकिफ नहीं है। मोदी और शाह की दोस्ती (Friendship Day wishes) दशकों पुरानी है और भारतीय राजनीति में सबसे मजबूत भी गिनी जाती है। 

मोदी-शाह का रिश्ता 1980 के दशक से है। दोनों में दोस्ती तब से है, जब मोदी गुजरात के सीएम भी नहीं थे। दोनों दोस्त एक आरएसएस मीटिंग में मिले थे। तब मोदी आरएसएस प्रचारक थे और शाह आरएसएस के एक साधारण स्वयंसेवक। 

शाह ने एक बयान में बताया था कि आरएसएस की शाखाओं में कई लोग ऐसे ही मिल जाते हैं, लेकिन उनसे गहरी दोस्ती हो जाती है। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने शाह और मोदी की दोस्ती को 'एक ही पंख के पक्षी' बताया था।

Atal bihari vajpayee और आडवाणी की दोस्ती

अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी की दोस्ती 1950 के दशक में हुई थी। दोनों भारतीय जनसंघ में थे, जिसे अब भारतीय जनता पार्टी से जाना जाता है। वैसे तो भाजपा को अब दुनिया की सबसे बड़ी और ताकतवर पार्टी कहा जाता है, लेकिन इसे इस काबिल बनाने में इन दोनों नेताओं की अहम भूमिका मानी जाती है। 

वाजपेयी और आडवाणी ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी का भी मिलकर विरोध किया था। 1999 से 2004 तक वाजपेयी देश के पीएम तो आडवाणी गृह मंत्री और उपप्रधानमंत्री रहे थे। 

गोलगप्पे खाने जाते थे दोनों

एक बार आडवाणी ने एक लेख के जरिए बताया था कि उनकी वाजपेयी के साथ बेहद खास दोस्ती थी। उन्होंने अपने जवानी के दिनों की भी बात बताई और कहा कि वो दोनों गोलगप्पे खाने के शौकीन थे। दोनों स्कूटर पर बैठकर कनॉट प्लेस में गोलगप्पे खाने जाते थे। फिल्म देखने और किताब पढ़ने में भी दोनों की काफी रुचि थी।

केजरीवाल और मनीष सिसोदियाः मुश्किल में भी नहीं छोड़ा साथ

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की दोस्ती काफी चर्चित रही है। दोनों में दोस्ती तब हुई जब सिसोदिया पेशे से पत्रकार और केजरीवाल भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी थे। केजरीवाल एक एनजीओ चलाते थे, जहां दोनों की मुलाकात हुई। इसके बाद सिसोदिया ने अपनी नौकरी छोड़ दी और पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन बनाया।

इसके बाद दोनों 2011 में दोनों भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में समाजसेवी कार्यकर्ता अन्ना हजारे के साथ जुड़ गए। इसके बाद दोनों ने आम आदमी पार्टी का गठन किया। अब जब केजरीवाल और सिसोदिया शराब घोटाले में फंसे तब भी दोनों नेताओं ने साथ नहीं छोड़ा और डटकर एक दूसरे के साथ खड़े हैं।

International friendship day कब मनाया जाता है 

फेंडशिप डे हर बार अगस्त में ही मनाया जाता है। इसे इस महीने के पहले रविवार (Is today friendship day in india) को मनाया जाता है। जैसा की आज यानी 4 अगस्त को पहला रविवार है, इसलिए इसे आज मनाया जा रहा है।