'आपातकाल संविधान पर हमले का सीधा सबूत' राष्ट्रपति के अभिभाषण में पेपर लीक का भी जिक्र; 10 बड़ी बातें
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने सबसे पहले आम चुनाव के सफल आयोजन के लिए चुनाव आयोग को बधाई दी। दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पूर्वोत्तर में हुए हिंसा से लेकर कई अहम मुद्दों पर बोला। आइए जानते हैं राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में क्या-क्या कहा...
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का यह तीसरी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के गठन के बाद उनका पहला राष्ट्रपति अभिभाषण है।
संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि मैं 18वीं लोकसभा के सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई देती हूं। आप सभी देश के मतदाताओं का विश्वास जीतकर यहां आए हैं। देश और जनता की सेवा करने का अवसर बहुत कम लोगों को मिलता है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे।
राष्ट्रपति ने नॉर्थ ईस्ट से लेकर अर्थव्यवस्था और रोजगार से लेकर पेपरलीक तक के मुद्दे को अपने भाषण में उठाया। उन्होंने कहा कि पेपरलीक पर हमारी सरकार निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध है और हमारी सरकार नया कानून लाई है। आइए जानते हैं राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में क्या-क्या कहा है-
'सीएए के तहत मेरी सरकार दे रही नागरिकता'
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि मेरी सरकार ने CAA कानून के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देना शुरू कर दिया है। इससे बंटवारे से पीड़ित अनेक परिवारों के लिए सम्मान का जीवन जीना तय हुआ है, जिन परिवारों को CAA के तहत नागरिकता मिली है मैं उनके बेहतर भविष्य की कामना करती हूं।
ग्रोथ हमारी सरकार की गारंटी...
साल 2021 से लेकर साल 2024 तक भारत ने औसतन आठ प्रतिशत की रफ्तार के हिसाब से विकास किया है। यह ग्रोथ सामान्य स्थितियों में नहीं हुई है। इस दौरान दुनिया ने बड़ी आपदा देखी है। भारत दुनिया के ग्रोथ में अकेले 15 प्रतिशत का योगदान दे रही है। सरकार अर्थव्यवस्था के तीनों स्तंभों मैक्युफैक्चरिंग, सर्विसेज और एग्रीकल्चर को बराबर महत्व दे रही है।राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में किया आपातकाल का जिक्र
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण के दौरान आपातकाल का भी मुद्दा उठाया। राष्ट्रपति ने आपातकाल के उस दंश का जिक्र किया, जिसे 1975 में पूरे देश ने झेला। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आज 27 जून है। 25 जून 1975 को लागू हुआ आपातकाल संविधान पर बड़े और सीधे हमले का काला अध्याय था। उस दौरान पूरे देश में हाहाकार मच गया था। लेकिन ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर देश ने जीत हासिल करके दिखाई। क्यों कि भारत के मूल्य में गणतंत्र की परंपराएं रही हैं। राष्ट्रपति के ऐसा बोलते ही पीएम मोदी ने मेज थपथपाकर उनकी इस बात का समर्थन किया। राष्ट्रपति ने जब आपातकाल पर बोला तो संसद में हंगामा मच गया। हर तरफ विपक्ष के हंगामे की आवाज गूंजने लगी।
पेपर लीक ना हो इसके लिए सरकार कर रही सख्त उपाय
सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने अभिभाषण में सम्मिलित किया। वहीं, राष्ट्रपति ने अपने भाषण के दौरान पेपर लीक को लेकर सरकार द्वारा लाए गए कानून का भी जिक्र किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि भविष्य में कोई पेपर लीक ना हो इसके लिए सरकार सख्त उपाय कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि इसे लेकर पिछले दिनों कानून भी आ चुका है। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में आगे कहा कि सरकार का प्रयास है कि देश के युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का उचित अवसर मिले। राष्ट्रपति के इतना कहने पर विपक्ष एक बार फिर सदन के अंदर शोर मचाना शुरू कर दिया।केंद्रीय बजट पर क्या बोलीं द्रौपदी मुर्मू?
बजट का जिक्र करते हुए स्पीच के दौरान राष्ट्रपति बोलीं, "आने वाले सत्र में सरकार इस कार्यकाल में पहला बजट लेकर आएगी। यह बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्यवादी दृष्टिकोण का प्रभावशाली दस्तावेज होगा। बजट में बड़े आर्थिक और सामाजिक फैसलों के साथ कई ऐतिहासिक कदम भी देखने को मिलेंगे।" उन्होंने यह भी दावा किया कि सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के संकल्प ने भारत को दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनाया है।