रेस्क्यू से लेकर अटैकिंग तक की खूबियों से लैस है भारत का एडवांस्ड लाइट हेलीकाप्टर, विदेशों में भी इसकी धूम
अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सेना का जो हेलीकाप्टर क्रैश हुआ है वो देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी पसंद किया जाता है। ये देश का ऐसा हेलीकाप्टर है जो सियाचिन में किसी भी समय मदद भेज सकता है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 21 Oct 2022 02:09 PM (IST)
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सेना को जो एडवांस्ड लाइट हेलीकाप्टर क्रैश हुआ है उसको भारतीय सेना के लिए बेहद खास माना जाता है। इसके खास होने की सबसे बड़ी वजह ये है कि ये एक मल्टीरोल हेलीकाप्टर है। इसका अर्थ है कि ये अकेला हेलीकाप्टर भारतीय सेना की कई जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है। स्वदेशी तकनीक से निर्मित इस हेलीकाप्टर को हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड ने बनाया है। इसका नाम है ध्रुव। जैसा कि इसके नाम से ही पता चल जाता है कि ये वजन में हल्का है इसलिए ये कई तरह की खूबियों से लैस हो सकता है।
रेस्क्यू से लेकर अटैकिंग हेलीकाप्टर तक
करीब 16 मीटर लंबाई वाले इस हेलीकाप्टर को नेवी, कोस्टगार्ड और एयरफोर्स में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा ये सिविल आपरेशन में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसकी कई खूबियों में से एक है कि ये किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है और दिन या रात में दुश्मन पर हमला भी कर सकता है। रेस्क्यू से लेकर अटैक तक, हर जगह इसका इस्तेमाल बखूबी किया जा सकता है। एचएएल ने इस एडवांस्ड लाइट हेलीकाप्टर Dhruv को Mk-I (मार्क-1), Mk-II, Mk-III and Mk-IV के अलग-अलग वैरिएंट में तैयार किया है।
विदेशों की भी पंसद
एचएएल इस तरह के अब तक करीब 250 से अधिक हेलीकाप्टर तैयार कर चुका है। ये हेलीकाप्टर केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी पसंद किए जा रहे हैं। भारतीय सेना को मार्च 2002 में पहली बार ध्रुव हेलीकाप्टर हासिल हुआ था। जून 2008 तक 76 और 2017 तक 227 हेलीकाप्टरों की डिलीवीरी की जा चुकी है। एयरफोर्स की सारंग टीम अपने करतब दिखाने के लिए इन्हीं हेलीकाप्टरों का इस्तेमाल करती है। इस हेलीकाप्टर की खूबियों की वजह से ही वर्ष 2008 में इक्वाडोर की तरफ से पहली बार एचएएल को विदेशी आर्डर मिला था।