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Free Trade Agreement:भारत और ब्रिटेन के संबंधों को बढ़ावा देगा FTA, दोनों पक्षों ने जल्द शुरू करने पर दिया जोर

Free Trade Agreement भारत और ब्रिटेन ने मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) को लेकर एक बैठक की। जिसकी जानकारी देते हुए भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि दोनों पक्ष मुक्त व्यापार समझौते में तेजी लाने का इरादा रखते हैं। उन्होंने आगे की जानकारी देते हुए कहा की दोनों पक्षों के लिए मुख्य बात यह है कि इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए।

By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Mon, 11 Sep 2023 04:23 PM (IST)
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भारत और ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता शीघ्र संपन्न करने के पक्ष में (फोटो क्रेडिट- @Jeremy_Hunt)

नई दिल्ली, एजेंसी। भारत और ब्रिटेन के बीच 12वीं आर्थिक और वित्तीय वार्ता हुई। जिसमें ब्रिटेन के चांसलर ऑफ एक्सचेकर जेरेमी हंट और भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर बातचीत की। सोमवार को हुए इस बैठक में दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को शीघ्र पूरा करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

ब्रिटेन के चांसलर ऑफ एक्सचेकर जेरेमी हंट के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि दोनों पक्ष मुक्त व्यापार समझौते में तेजी लाने का इरादा रखते हैं। वार्ता के समापन पर उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से एफटीए पर कुछ चर्चा हुई है...दोनों पक्षों के लिए मुख्य बात यह है कि इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए।"

जेरेमी हंट ने लंदन स्टॉक एक्सचेंज (London Stock Exchange (LSE)) में भारतीय कंपनियों की सीधी लिस्टिंग के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इसपे आगे कहा कि "हम भारत की पहली पुष्टि के साथ एक बड़ा कदम आगे बढ़ाकर विशेष रूप से प्रसन्न हैं कि वह एलएसई को एक अंतरराष्ट्रीय लिस्टिंग गंतव्य के रूप में मानेगा।

भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

इस बैठक को लेकर ब्रिटेन के चांसलर ऑफ एक्सचेकर जेरेमी हंट ने सोशल मीडिया एक्स (जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था) पर ट्वीट किया है। ट्वीट में उन्होंने भारत को एक प्रमुख वैश्विक सहयोगी और चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताया।

सीतारमण ने बैठक में कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और भारत का नया डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट जैसी उभरती प्रौद्योगिकियां दोनों देशों को सुरक्षित और समावेशी वित्तीय मध्यस्थता के लिए ढांचे पर सहयोग करने के पर्याप्त अवसर प्रदान करती हैं। उन्होंने आगे कहा, "भारत-यूके ग्रीन ग्रोथ इक्विटी फंड की सफलता बड़े पैमाने पर टिकाऊ वित्त को प्रसारित करने में सार्वजनिक-निजी भागीदारी की प्रभावकारिता का प्रमाण है।"

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