Pulwama Terror Attack: एक क्लिक पर जानें देश के किस राज्य से ताल्लुक रखते थे शहीद
पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों में से सबसे अधिक उत्तर प्रदेश से थे। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, असम, राजस्थान, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और कर्नाटक से थे।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Sat, 16 Feb 2019 11:27 AM (IST)
नई दिल्ली जागरण स्पेशल। पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों में से सबसे अधिक उत्तर प्रदेश से थे। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, असम, राजस्थान, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और कर्नाटक से थे। यह हमला उस वक्त किया गया जब सीआरपीएफ जवानों का काफिला जम्मू श्रीनगर हाईवे से गुजर रहा था। इस हमले में तीस जवान घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है। इस हमले में शहीद सभी जवान 17वीं, 54वीं और 92वीं वाहिनी के थे। जवानों के इस काफिले में करीब साठ वाहन थे जिनमें 2547 जवान मौजूद थे। इस हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश फैला है और हर जगह से इसका बदला लेने की आवाज आ रही है। बहरहाल, हम आपको इस हमले में शहीद हुए जवानों की जानकारी दे रहे हैं।
1- रोहिताश लांबा
शहीद रोहिताश लांबा राजस्थान के अमरसर थाना इलाके के गोविंदपुरा के निवासी थे। वह सिर्फ दो साल पहले ही सेना में भर्ती हुए थे। शहीद रोहिताश की साल भर पहले ही शादी हुई थी। वह शनिवार को छुट्टी बिताकर वापस जम्मू-कश्मीर ड्यूटी पर लौटे थे। रोहिताश अपने पीछे पत्नी और दो महीने की बच्ची छोड़ गए हैं। जानकारी के अनुसार, शहीद के भाई को सीआरपीएफ के अधिकारियों ने शहादत की सूचना दी। 2- नारायण गुर्जर
पुलवामा हमले में राजसमन्द का भी एक लाल नारायण गुर्जर शहीद हुआ है। जिले के कुंवारिया थाना इलाके के बिनोल गांव के नारायण गुर्जर इस हमले में शहीद हो गए हैं। शहीद की पत्नी और उनके दो मासूम बच्चों को अभी इसकी जानकारी नहीं दी गई है। नारायण गुर्जर बचपन में ही अपने माता-पिता को खो चुके थे। शहरभर में लोग शहीद को श्रद्धाजंलि दे रहे हैं।
शहीद रोहिताश लांबा राजस्थान के अमरसर थाना इलाके के गोविंदपुरा के निवासी थे। वह सिर्फ दो साल पहले ही सेना में भर्ती हुए थे। शहीद रोहिताश की साल भर पहले ही शादी हुई थी। वह शनिवार को छुट्टी बिताकर वापस जम्मू-कश्मीर ड्यूटी पर लौटे थे। रोहिताश अपने पीछे पत्नी और दो महीने की बच्ची छोड़ गए हैं। जानकारी के अनुसार, शहीद के भाई को सीआरपीएफ के अधिकारियों ने शहादत की सूचना दी। 2- नारायण गुर्जर
पुलवामा हमले में राजसमन्द का भी एक लाल नारायण गुर्जर शहीद हुआ है। जिले के कुंवारिया थाना इलाके के बिनोल गांव के नारायण गुर्जर इस हमले में शहीद हो गए हैं। शहीद की पत्नी और उनके दो मासूम बच्चों को अभी इसकी जानकारी नहीं दी गई है। नारायण गुर्जर बचपन में ही अपने माता-पिता को खो चुके थे। शहरभर में लोग शहीद को श्रद्धाजंलि दे रहे हैं।
3- जीतराम गुर्जर
कश्मीर में हुए इस आतंकी हमले में राजस्थान के भरतपुर का एक सपूत भी शहीद हुआ है। जिले के नगर इलाके के सुंदरावली गांव का लाडला जीतराम गुर्जर हमले में शहीद हो गया। लाडले की शहादत की सूचना से सुंदरावली गांव पूरी तरह से गमगीन है। 4- अजीत कुमार आजाद
उत्तर प्रदेश उन्नाव के लोकनगर मोहल्ला निवासी प्यारेलाल का 35 वर्षीय बेटा अजीत कुमार आजाद 115वीं बटालियन में सीआई के पद पर तैनात था। देर रात जब शहादत की खबर आई तो मां राजवती, पत्नी मीना व बेटियों ईशा और श्रेया की मानो दुनिया उजड़ गई। सभी का रो-रोकर बुरा हाल है।
कश्मीर में हुए इस आतंकी हमले में राजस्थान के भरतपुर का एक सपूत भी शहीद हुआ है। जिले के नगर इलाके के सुंदरावली गांव का लाडला जीतराम गुर्जर हमले में शहीद हो गया। लाडले की शहादत की सूचना से सुंदरावली गांव पूरी तरह से गमगीन है। 4- अजीत कुमार आजाद
उत्तर प्रदेश उन्नाव के लोकनगर मोहल्ला निवासी प्यारेलाल का 35 वर्षीय बेटा अजीत कुमार आजाद 115वीं बटालियन में सीआई के पद पर तैनात था। देर रात जब शहादत की खबर आई तो मां राजवती, पत्नी मीना व बेटियों ईशा और श्रेया की मानो दुनिया उजड़ गई। सभी का रो-रोकर बुरा हाल है।
5- प्रदीप सिंह यादव
उत्तर प्रदेश के कन्नौज के तिर्वा के सुखचैनपुर निवासी जवान प्रदीप सिंह यादव भी 115वीं बटालियन में तैनात था। प्रदीप की पत्नी नीरज का रो-रोक बुरा हाल है। उनकी दो बेटी सुप्रिया यादव और सोना यादव को अपने पिता की शहादत पर गर्व है। 6- कौशल कुमार रावत
आगरा के ताजगंज इलाके के कहरई गांव के जवान कौशल कुमार रावत पुलवामा हमले में शहीद हुए हैं। मां धन्नो देवी, भाई कमल किशोर और पूरा परिवार बेहाल हो गया। कौशल कुमार रावत का बेटा गुनगांव से पढ़ाई कर रहा है। चार दिन पूर्व ही ड्यूटी जॉइन करने कश्मीर गए थे।7- महेश कुमार
प्रयागराज के तुड़ीहर बदल गांव निवासी महेश कुमार 118 बटालियन में तैनात थे। इस हमले में महेश भी शहीद हुए हैं। महेश के दो बच्चे साहिल पांच साल व समर छह साल का है। पिता राजकुमार यादव ऑटो चालक हैं। पांच दिन पहले ही वह यहां आए थे। बीते मंगलवार को ही वह जम्मू-कश्मीर के लिए यहां से रवाना हुए। 8- प्रदीप कुमार
शामली के बनत निवासी प्रदीप कुमार के घर में कोहराम मचा हुआ है। वे भी इस हमले में शहीद हुए हैं। वह 21 वीं बटालियन में तैनात थे। शहीद प्रदीप कुमार के परिवार में तीन भाई और एक बहन है। प्रदीप के एक बेटा और एक बेटी है, जो पढ़ाई कर रहे हैं। आईटीबीपी में तैनात बड़े भाई संजय का कहना है कि, देश को इसका बदला लेना चाहिए, सर्जिकल स्ट्राइक की एक बार और जरूरत है।9- रमेश यादव
वाराणसी के तोफापुर बराइन गांव निवासी रमेश यादव भी पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए हैं। रमेश की शादी 4 साल पहले रेणु से हुई थी, डेढ़ साल का एक बेटा है।एक भाई प्राइवेट नौकरी मुम्बई में करता है। बहन सरोज के मुताबिक, रमेश ने कहा था होली पर आएंगे, गांव में होली खेला जाएगा। सपना टूटा नहीं, बिखर गया। पिता श्याम नारायण ने रो रो कर कहा- मेरे बेटे को धोखे से गद्दारों ने मारा, सामने से तो वह 15 पर भारी पड़ता। 10- श्याम बाबू
कानपुर देहात के डेरापुर थाना के रैगवा के रहने वाले श्याम बाबू शहीद हो गए। बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई करते हुए ही 2007 में उन्होंने सीआरपीएफ ज्वॉइन किया था। श्याम लाल के दो बच्चे हैं। एक लड़का 4 वर्ष का और एक लड़की पांच माह की है।11- अमित कुमार
शामली के मोहल्ला रेपार निवासी अमित कुमार भी पुलवामा हमले में शहीद हुए हैं। अमित दो साल पहीले सीआरपीएफ में नियुक्त हुए थे। अमित अपने छह भाई-बहनों में सबसे छोटा भाई था। अमित के पापा स्थानीय व्यापारी के पास मुनीम का कार्य करते हैं। शहीद अमित के बड़े भाई का कहना है कि, हम लोगों को शुक्रवार सुबह करीब 7:30 बजे फोन करके सूचना दी गई। घटना के बाद से पूरे परिवार में कोहराम मचा हुआ है 12- विजय मौर्या
देवरिया के भटनी थाना इलाके के छपिया जयदेव निवासी विजय मौर्या सीआरपीएफ के 92 बटालियन में तैनात थे। गुरुवार देर रात जब शहादत की खबर आई तो पूरे गांव में मातम छा गया।13- पंकज त्रिपाठी
महाराजगंज के रहने वाले जवान पंकज त्रिपाठी भी पुलवामा हमले में शहीद हुए हैं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पंकज परिवार में सबसे बड़े बेटे थे। पिता ओम प्रकाश ने बताया कि पंकज की शादी छह साल पहले हुई थी। उसके चार साल का बेटा है। वह बाबा के देहांत पर आया था और चार दिन पहले ड्यूटी पर गया था। 14- अवधेश यादव
चंदौली के मुगलसराय इलाके के बहादुरपुर गांव निवासी अवधेश यादव 2006 में सीआरपीएफ में नियुक्त हुए थे। वर्तमान में उनकी तैनाती 45वीं बटालियन में थी। चार भाई-बहनों में सबसे बड़े अवधेश पुलवामा हमले में शहीद हो गए। उनकी तीन साल पहले शादी हुई थी। दो साल का बच्चा है। उनकी मां कैंसर से पीड़ित हैं।15- राम वकील
मैनपुरी के बरनाहल स्थित गांव विनायकपुर के सैनिक राम वकील 10 फरवरी को ही छुट्टी बिताकर वापस लौटे थे। पत्नी गीता से वादा करके गए थे कि वापस लौटकर आऊंगा, मुझे अपना मकान बनवाना हैं। रामवकील के तीन छोटे बच्चे हैं। रामवकील के बच्चे इटावा के केंद्रीय विद्यालय में पढ़ते हैं। इनका परिवार अपने नाना नानी के साथ रहता है। जैसे ही शहीद होने खबर परिवार को लगी तो पत्नी, बच्चों व परिजनों का रो रो करके बुरा हाल है। घर मे मातम छा गया है। शहीद की शादी 15 वर्ष पहले हुई थी। 16- विजय सोरेंग
झारखंड के गुमला के बसिया के फरसमा गांव के निवासी विजय सोरेंग इस हमले में शहीद हो गए. वो अपने पीछे दो बच्चे और तीन बच्चियां छोड़ गए हैं. एक फरवरी को विजय सोरेंग अपने घर छुट्टी पर आए थे। रांची के डीआइजी होमकर ने इस बात की जानकारी दी है.17- संजय कुमार सिन्हा
बिहार के मसौढ़ी के संजय कुमार सिन्हा भी पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हो गए हैं। उनकी उम्र 45 वर्ष थी. संजय कुमार सिन्हा 8 फरवरी को घर आए थे और 15 दिन बाद वो अपनी बेटी की शादी के लिए फिर से घर आने वाले थे। संजय कुमार सिन्हा के परिवार में कोहराम मच गया है और इलाके में सन्नाटा पसर गया है। शहीद संजय कुमार सिन्हा जो बतौर हेड कांस्टेबल के देश की सेवा कर रहे थे, उनकी शहादत की खबर मिलते ही उनके परिवार में भी मातम पसर गया है। पास-पड़ोस के घरों में आज चूल्हे भी नहीं जले हैं। संजय के पिता महेंद्र प्रसाद सीआरपीएफ की 176वीं बटालियन में तैनात थे।18- रतन कुमार ठाकुर
बिहार के भागलपुर के रतन कुमार ठाकुर शहीद हो गए। रतन कुमार ठाकुर 2011 के बैच के 45 बटालियन में कॉन्सेटेबल के पद पर तैनात थे. रतन कुमार की पत्नी मां बनने वाली हैं और इसलिए उन्हें अभी तक इस बात की जानकारी नहीं दी गई है. भागलपुर के शहीद रतन ठाकुर का परिवार मूल रूप से कहलगांव के आमंडंडा थाना के रतनपुर गांव का रहने वाला है। घर में पत्नी राजनंदिनी देवी और चार साल का बेटा कृष्णा है। राजनंदिनी फिर से मां बनने वाली हैं तो वहीं संजय कमार सिन्हा ने बताया कि हर शाम वो फोन करता था पिता निरंजन कुमार ठाकुर ने कहा शाम को बेटे के फोन का इंतजार हो रहा था तब तक उधर से सात बजे उसके शहादत की खबर आई। खबर के सुनते ही पूरे घर में कोहराम मच गया।19- सुदीप बिस्वास
पश्चिम बंगाल के नाडिया जिले के हंसपुकुरिया गांव के रहने वाले सुदीप बिस्वास इस हमले के बाद लापता बताए जा रहे हैं।20- राठौड़ नितिन शिवाजी
पुलवामा में सुरक्षाबलों पर हुए कायराना हमले में महाराष्ट्र के बुल्ढाना शहर की तहसील लोनार के चोरपांगरा गांव के निवासी राठौड़ नितिन शिवाजी पुलवामा हमले में शहीद हो गए।21- भागीरथ सिंह
पुलवामा हमले में भागीरथी सिंह भी शहीद हो गए। राजस्थान के जिले ढोलपुर में जैतपुर के रहने वाले थे।22- वीरेंद्र सिंह
उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के मोहम्मद पुर भूरिया गांव में रहने वाले वीरेंद्र सिंह भी आतंकी हमले में शहीद हो गए।23- कुलविंदर सिंह
कुलविंदर सिंह पुलवामा हमले में शहीद हो गए। वह पंजाब के आनंदपुर साहिब के रौली गांव के रहने वाले थे।24- मनेश्वर बासुमतारी
मनेश्वर बासुमतारी भी आतंकी हमले में शहीद हो गए। वह असम के बासका जिले के कलबारी गांव के रहने वाले थे।25- मोहन लाल
उत्तराखंड के मोहन लाल भी इस हमले में शहीद हो गए। वह उत्तरकाशी के बानकोट गांव के रहने वाले थे।25- नसीर अहमद
नसीर अहमद भी इस हमले में शहीद हो गए। वह जम्मू-कश्मीर के रजौरी जिले से डोडासनबाला के रहने वाले थे।26-जयमाल सिंह
पुलवामा हमले में शहीद हुए जयमाल सिंह पंजाब के मोगा जिले के कोटइसेखां के रहने वाले थे। बताया जा रहा है कि जिस पर बस पर हमला हुआ उसे जयमाल ही चला रहे थे।27-सुखजिंदर सिंह
सुखजिंदर सिंह भी हमले में शहीद हो गए। वह पंजाब के तरनतारन जिले के गंडीविंड के रहने वाले थे।28- तिलक राज
तिलक राज पुलवामा हमले में शहीद हो गए। वह हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के ढेवा गांव के रहने वाले थे।29- वसंत कुमार वीवी
वसंत कुमार वीवी भी इस हमले में शहीद हो गए। वह केरल के वायानाड जिले के रहने वाले थे।30- सुब्रमण्यम जी
सुब्रमण्यम जी आतंकी हमले में शहीद हो गए। वह तमिलनाडु के तूतिकोरिन जिले के सबलापेरी गांव के रहने वाले थे।31- गुरु एच
गुरु एच पुलवामा हमले में शहीद हो गए। वहकर्नाटक के मांड्या जिले के गुड़िगेरे गांव के रहने वाले थे।32- मनोज कुमार बेहरा
मनोज कुमार बेहरा इस हमले में शहीद हो गए। वह ओडिशा के कटक के रतनपुर गांव के रहने वाले थे।33- हेमराज मीणा
राजस्थान के रहने वाले हेमराज मीणा भी इस हमले में शहीद हो गए। वह कोटा के विनोद कालन गांव के रहने वाले थे।34- पीके साहू
ओडिशा के जगतसिंह पुर जिले के रहने वाले पीके साहू भी इस हमले में शहीद हो गए।35- संजय राजपूत
महाराष्ट्र के बुल्ढाना जिले के लखनी प्लॉट गांव के निवासी संजय राजपूत भी शहीदों में शामिल हैं।36- मनिंदर सिंह अटरी
पंजाब के गुरदासपुर जिले आर्य नगर गांव के रहने वाले मनिंदर सिंह भी हमले में शहीद हो गए।37- बबलू संतरा
पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के पश्चिमी बउरिया निवासी बबूल संतरा भी इस हमले में शहीद हो गए।38- अश्विनी कुमार काउची
मध्य प्रदेश के जबलपुर निवासी अश्वनी कुमार भी इस हमले में शहीद हो गए। वह जबलपुर के कुदावल के रहने वाले थे।जवान, जो लापता बताए जा रहे हैं 1- शिवचंद्रन सी
तमिलनाडु के अरियालपुर जिले के करगुड़ी गांव के निवासी शिवचंद्रन सी इस हमले के बाद से लापता हैं।2- गोपाल सिंह किरूला
उत्तराखंड के अल्मोड़ा के बांद्रा गांव के रहने वाले गोपाल सिंह किरूला इस हमले में लापता बताए जा रहे हैंपाकिस्तान मीडिया का घिनौना चेहरा, पुलवामा में हमला करने वालों को बताया 'Freedom Fighter'
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उत्तर प्रदेश के कन्नौज के तिर्वा के सुखचैनपुर निवासी जवान प्रदीप सिंह यादव भी 115वीं बटालियन में तैनात था। प्रदीप की पत्नी नीरज का रो-रोक बुरा हाल है। उनकी दो बेटी सुप्रिया यादव और सोना यादव को अपने पिता की शहादत पर गर्व है। 6- कौशल कुमार रावत
आगरा के ताजगंज इलाके के कहरई गांव के जवान कौशल कुमार रावत पुलवामा हमले में शहीद हुए हैं। मां धन्नो देवी, भाई कमल किशोर और पूरा परिवार बेहाल हो गया। कौशल कुमार रावत का बेटा गुनगांव से पढ़ाई कर रहा है। चार दिन पूर्व ही ड्यूटी जॉइन करने कश्मीर गए थे।7- महेश कुमार
प्रयागराज के तुड़ीहर बदल गांव निवासी महेश कुमार 118 बटालियन में तैनात थे। इस हमले में महेश भी शहीद हुए हैं। महेश के दो बच्चे साहिल पांच साल व समर छह साल का है। पिता राजकुमार यादव ऑटो चालक हैं। पांच दिन पहले ही वह यहां आए थे। बीते मंगलवार को ही वह जम्मू-कश्मीर के लिए यहां से रवाना हुए। 8- प्रदीप कुमार
शामली के बनत निवासी प्रदीप कुमार के घर में कोहराम मचा हुआ है। वे भी इस हमले में शहीद हुए हैं। वह 21 वीं बटालियन में तैनात थे। शहीद प्रदीप कुमार के परिवार में तीन भाई और एक बहन है। प्रदीप के एक बेटा और एक बेटी है, जो पढ़ाई कर रहे हैं। आईटीबीपी में तैनात बड़े भाई संजय का कहना है कि, देश को इसका बदला लेना चाहिए, सर्जिकल स्ट्राइक की एक बार और जरूरत है।9- रमेश यादव
वाराणसी के तोफापुर बराइन गांव निवासी रमेश यादव भी पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए हैं। रमेश की शादी 4 साल पहले रेणु से हुई थी, डेढ़ साल का एक बेटा है।एक भाई प्राइवेट नौकरी मुम्बई में करता है। बहन सरोज के मुताबिक, रमेश ने कहा था होली पर आएंगे, गांव में होली खेला जाएगा। सपना टूटा नहीं, बिखर गया। पिता श्याम नारायण ने रो रो कर कहा- मेरे बेटे को धोखे से गद्दारों ने मारा, सामने से तो वह 15 पर भारी पड़ता। 10- श्याम बाबू
कानपुर देहात के डेरापुर थाना के रैगवा के रहने वाले श्याम बाबू शहीद हो गए। बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई करते हुए ही 2007 में उन्होंने सीआरपीएफ ज्वॉइन किया था। श्याम लाल के दो बच्चे हैं। एक लड़का 4 वर्ष का और एक लड़की पांच माह की है।11- अमित कुमार
शामली के मोहल्ला रेपार निवासी अमित कुमार भी पुलवामा हमले में शहीद हुए हैं। अमित दो साल पहीले सीआरपीएफ में नियुक्त हुए थे। अमित अपने छह भाई-बहनों में सबसे छोटा भाई था। अमित के पापा स्थानीय व्यापारी के पास मुनीम का कार्य करते हैं। शहीद अमित के बड़े भाई का कहना है कि, हम लोगों को शुक्रवार सुबह करीब 7:30 बजे फोन करके सूचना दी गई। घटना के बाद से पूरे परिवार में कोहराम मचा हुआ है 12- विजय मौर्या
देवरिया के भटनी थाना इलाके के छपिया जयदेव निवासी विजय मौर्या सीआरपीएफ के 92 बटालियन में तैनात थे। गुरुवार देर रात जब शहादत की खबर आई तो पूरे गांव में मातम छा गया।13- पंकज त्रिपाठी
महाराजगंज के रहने वाले जवान पंकज त्रिपाठी भी पुलवामा हमले में शहीद हुए हैं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पंकज परिवार में सबसे बड़े बेटे थे। पिता ओम प्रकाश ने बताया कि पंकज की शादी छह साल पहले हुई थी। उसके चार साल का बेटा है। वह बाबा के देहांत पर आया था और चार दिन पहले ड्यूटी पर गया था। 14- अवधेश यादव
चंदौली के मुगलसराय इलाके के बहादुरपुर गांव निवासी अवधेश यादव 2006 में सीआरपीएफ में नियुक्त हुए थे। वर्तमान में उनकी तैनाती 45वीं बटालियन में थी। चार भाई-बहनों में सबसे बड़े अवधेश पुलवामा हमले में शहीद हो गए। उनकी तीन साल पहले शादी हुई थी। दो साल का बच्चा है। उनकी मां कैंसर से पीड़ित हैं।15- राम वकील
मैनपुरी के बरनाहल स्थित गांव विनायकपुर के सैनिक राम वकील 10 फरवरी को ही छुट्टी बिताकर वापस लौटे थे। पत्नी गीता से वादा करके गए थे कि वापस लौटकर आऊंगा, मुझे अपना मकान बनवाना हैं। रामवकील के तीन छोटे बच्चे हैं। रामवकील के बच्चे इटावा के केंद्रीय विद्यालय में पढ़ते हैं। इनका परिवार अपने नाना नानी के साथ रहता है। जैसे ही शहीद होने खबर परिवार को लगी तो पत्नी, बच्चों व परिजनों का रो रो करके बुरा हाल है। घर मे मातम छा गया है। शहीद की शादी 15 वर्ष पहले हुई थी। 16- विजय सोरेंग
झारखंड के गुमला के बसिया के फरसमा गांव के निवासी विजय सोरेंग इस हमले में शहीद हो गए. वो अपने पीछे दो बच्चे और तीन बच्चियां छोड़ गए हैं. एक फरवरी को विजय सोरेंग अपने घर छुट्टी पर आए थे। रांची के डीआइजी होमकर ने इस बात की जानकारी दी है.17- संजय कुमार सिन्हा
बिहार के मसौढ़ी के संजय कुमार सिन्हा भी पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हो गए हैं। उनकी उम्र 45 वर्ष थी. संजय कुमार सिन्हा 8 फरवरी को घर आए थे और 15 दिन बाद वो अपनी बेटी की शादी के लिए फिर से घर आने वाले थे। संजय कुमार सिन्हा के परिवार में कोहराम मच गया है और इलाके में सन्नाटा पसर गया है। शहीद संजय कुमार सिन्हा जो बतौर हेड कांस्टेबल के देश की सेवा कर रहे थे, उनकी शहादत की खबर मिलते ही उनके परिवार में भी मातम पसर गया है। पास-पड़ोस के घरों में आज चूल्हे भी नहीं जले हैं। संजय के पिता महेंद्र प्रसाद सीआरपीएफ की 176वीं बटालियन में तैनात थे।18- रतन कुमार ठाकुर
बिहार के भागलपुर के रतन कुमार ठाकुर शहीद हो गए। रतन कुमार ठाकुर 2011 के बैच के 45 बटालियन में कॉन्सेटेबल के पद पर तैनात थे. रतन कुमार की पत्नी मां बनने वाली हैं और इसलिए उन्हें अभी तक इस बात की जानकारी नहीं दी गई है. भागलपुर के शहीद रतन ठाकुर का परिवार मूल रूप से कहलगांव के आमंडंडा थाना के रतनपुर गांव का रहने वाला है। घर में पत्नी राजनंदिनी देवी और चार साल का बेटा कृष्णा है। राजनंदिनी फिर से मां बनने वाली हैं तो वहीं संजय कमार सिन्हा ने बताया कि हर शाम वो फोन करता था पिता निरंजन कुमार ठाकुर ने कहा शाम को बेटे के फोन का इंतजार हो रहा था तब तक उधर से सात बजे उसके शहादत की खबर आई। खबर के सुनते ही पूरे घर में कोहराम मच गया।19- सुदीप बिस्वास
पश्चिम बंगाल के नाडिया जिले के हंसपुकुरिया गांव के रहने वाले सुदीप बिस्वास इस हमले के बाद लापता बताए जा रहे हैं।20- राठौड़ नितिन शिवाजी
पुलवामा में सुरक्षाबलों पर हुए कायराना हमले में महाराष्ट्र के बुल्ढाना शहर की तहसील लोनार के चोरपांगरा गांव के निवासी राठौड़ नितिन शिवाजी पुलवामा हमले में शहीद हो गए।21- भागीरथ सिंह
पुलवामा हमले में भागीरथी सिंह भी शहीद हो गए। राजस्थान के जिले ढोलपुर में जैतपुर के रहने वाले थे।22- वीरेंद्र सिंह
उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के मोहम्मद पुर भूरिया गांव में रहने वाले वीरेंद्र सिंह भी आतंकी हमले में शहीद हो गए।23- कुलविंदर सिंह
कुलविंदर सिंह पुलवामा हमले में शहीद हो गए। वह पंजाब के आनंदपुर साहिब के रौली गांव के रहने वाले थे।24- मनेश्वर बासुमतारी
मनेश्वर बासुमतारी भी आतंकी हमले में शहीद हो गए। वह असम के बासका जिले के कलबारी गांव के रहने वाले थे।25- मोहन लाल
उत्तराखंड के मोहन लाल भी इस हमले में शहीद हो गए। वह उत्तरकाशी के बानकोट गांव के रहने वाले थे।25- नसीर अहमद
नसीर अहमद भी इस हमले में शहीद हो गए। वह जम्मू-कश्मीर के रजौरी जिले से डोडासनबाला के रहने वाले थे।26-जयमाल सिंह
पुलवामा हमले में शहीद हुए जयमाल सिंह पंजाब के मोगा जिले के कोटइसेखां के रहने वाले थे। बताया जा रहा है कि जिस पर बस पर हमला हुआ उसे जयमाल ही चला रहे थे।27-सुखजिंदर सिंह
सुखजिंदर सिंह भी हमले में शहीद हो गए। वह पंजाब के तरनतारन जिले के गंडीविंड के रहने वाले थे।28- तिलक राज
तिलक राज पुलवामा हमले में शहीद हो गए। वह हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के ढेवा गांव के रहने वाले थे।29- वसंत कुमार वीवी
वसंत कुमार वीवी भी इस हमले में शहीद हो गए। वह केरल के वायानाड जिले के रहने वाले थे।30- सुब्रमण्यम जी
सुब्रमण्यम जी आतंकी हमले में शहीद हो गए। वह तमिलनाडु के तूतिकोरिन जिले के सबलापेरी गांव के रहने वाले थे।31- गुरु एच
गुरु एच पुलवामा हमले में शहीद हो गए। वहकर्नाटक के मांड्या जिले के गुड़िगेरे गांव के रहने वाले थे।32- मनोज कुमार बेहरा
मनोज कुमार बेहरा इस हमले में शहीद हो गए। वह ओडिशा के कटक के रतनपुर गांव के रहने वाले थे।33- हेमराज मीणा
राजस्थान के रहने वाले हेमराज मीणा भी इस हमले में शहीद हो गए। वह कोटा के विनोद कालन गांव के रहने वाले थे।34- पीके साहू
ओडिशा के जगतसिंह पुर जिले के रहने वाले पीके साहू भी इस हमले में शहीद हो गए।35- संजय राजपूत
महाराष्ट्र के बुल्ढाना जिले के लखनी प्लॉट गांव के निवासी संजय राजपूत भी शहीदों में शामिल हैं।36- मनिंदर सिंह अटरी
पंजाब के गुरदासपुर जिले आर्य नगर गांव के रहने वाले मनिंदर सिंह भी हमले में शहीद हो गए।37- बबलू संतरा
पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के पश्चिमी बउरिया निवासी बबूल संतरा भी इस हमले में शहीद हो गए।38- अश्विनी कुमार काउची
मध्य प्रदेश के जबलपुर निवासी अश्वनी कुमार भी इस हमले में शहीद हो गए। वह जबलपुर के कुदावल के रहने वाले थे।जवान, जो लापता बताए जा रहे हैं 1- शिवचंद्रन सी
तमिलनाडु के अरियालपुर जिले के करगुड़ी गांव के निवासी शिवचंद्रन सी इस हमले के बाद से लापता हैं।2- गोपाल सिंह किरूला
उत्तराखंड के अल्मोड़ा के बांद्रा गांव के रहने वाले गोपाल सिंह किरूला इस हमले में लापता बताए जा रहे हैंपाकिस्तान मीडिया का घिनौना चेहरा, पुलवामा में हमला करने वालों को बताया 'Freedom Fighter'
पुलवामा हमले के बाद भी आतंकी मसूद अजहर पर नहीं बदलेगी चीन की नीति!