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बाढ़-भूस्खलन-आपदा से निपटने के लिए फंड जारी, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, असम को मिली सबसे अधिक धनराशि

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान टोल संग्रह कुल 54811.13 करोड़ रहा और यह वित्त वर्ष 2022-23 के मुकाबले 1400 करोड़ रुपये अधिक था। बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित कर्नाटक के लिए केंद्र की उच्च स्तरीय समिति द्वारा 941करोड़ रुपये हिमाचल प्रदेश और असम के लिए क्रमश 873 करोड़ रुपये और 594 करोड़ रुपये मंजूर किए गए।

By Agency Edited By: Babli Kumari Updated: Wed, 07 Aug 2024 09:49 PM (IST)
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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में फंड किया जारी (फाइल फोटो)
पीटीआई, नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को राज्यसभा को बताया कि पिछले दो वर्षों में एनडीआरएफ के तहत कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और असम को राहत और पुनर्वास के लिए सबसे अधिक आवंटन किया गया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि 2022-24 में बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित कर्नाटक के लिए केंद्र की उच्च स्तरीय समिति द्वारा 941 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश और असम के लिए क्रमश: 873 करोड़ रुपये और 594 करोड़ रुपये मंजूर किए गए।

उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में एनडीआरएफ से कर्नाटक को 939 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश को 812 करोड़ रुपये और असम को 160 करोड़ रुपये जारी किए गए।

पिछले साल 54,811 करोड़ रहा टोल संग्रह

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान टोल संग्रह कुल 54,811.13 करोड़ रहा और यह वित्त वर्ष 2022-23 के मुकाबले 1400 करोड़ रुपये अधिक था। उन्होंने बताया कि पिछले पांच सालों के दौरान टोल दरों को पांच बार संशोधित किया गया है। मंत्रालय ने पिछले वर्ष राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव पर 6,523 करोड़ रुपये खर्च किए। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने बताया कि 2022 में राष्ट्रीय राजमार्गों (एक्सप्रेसवे सहित) पर 4,61,312 दुर्घटनाएं (राष्ट्रीय राजमार्गों पर 1,51,997 सहित) हुईं, जिसमें 1,68,491 लोग मारे गए (एनएच पर 61,038 सहित)।

20 प्रतिशत जैव ईंधन का उपयोग करने लगेगा भारत का विमानन उद्योग

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि अगले पांच सालों के दौरान भारत का विमानन उद्योग 20 प्रतिशत जैव ईंधन का उपयोग करने लगेगा। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत पराली से होगी और किसानों को इसके लिए 2500 रुपये प्रति टन की दर मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि अब राजमार्ग मंत्रालय सड़कों के निर्माण में जैव-बिटुमिन का उपयोग कर रहा है, जिससे भारत को बिटुमिन के आयात को कम करने में मदद मिल रही है। जैव-बिटुमिन एक जैव-आधारित बाइंडर है जो फसल के ठूंठ जैसे नवीकरणीय स्त्रोतों से प्राप्त होता है और इसका उपयोग पक्की सड़कों की सतहों को बांधने के लिए किया जाता है।

सरकार उत्तराखंड में भागीरथी पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध

चारधाम परियोजना पर चिंताओं के बीच केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार तीर्थयात्रियों को सुविधाएं प्रदान करते समय और चीन सीमा तक भारी रक्षा उपकरणों के परिवहन के लिए सड़क का निर्माण करते समय भागीरथी पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र का ख्याल रखेगी। राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए गडकरी ने कहा कि कुल 900 किलोमीटर लंबी चारधाम परियोजना में से केवल 150 किलोमीटर का निर्माण बाकी है। मंत्री ने बताया कि कानून और व्यवस्था की स्थिति के कारण मणिपुर में राजमार्ग निर्माण कार्य में देरी हो रही है और मुद्दों को हल करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

पीएम केयर्स फार चिल्ड्रेन पोर्टल पर प्राप्त 4,264 आवेदन खारिज

सरकार ने बुधवार को कहा कि पीएम केयर्स फार चिल्ड्रेन पोर्टल पर प्राप्त लगभग 4,264 आवेदनों को खारिज कर दिया गया है, जिसमें कोविड महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों के लिए योजना के तहत अस्वीकृति का कारण गैर पात्रता को बताया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने राज्यसभा को बताया कि 33 राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों के 613 जिलों से पीएम केयर्स फार चिल्ड्रन पोर्टल पर 9,331 आवेदन पंजीकृत किए गए हैं। उन्होंने एक लिखित जवाब में कहा कि इनमें से 524 आवेदन प्रतिलिपि(डुप्लिकेट) थे। मंत्री ने कहा, इस प्रकार, जिला स्तरीय बाल कल्याण समितियों और जिलाधिकारियों द्वारा 8,807 आवेदनों की समीक्षा की गई। देवी ने कहा कि डीएम की अंतिम मंजूरी के आधार पर 4,532 लाभार्थियों को योजना के तहत लाभ मिल रहा है और 11 अन्य आवेदन लाभ जारी करने के लिए कतार में हैं।

35 प्रतिशत तक बायो-बिटुमिन मिश्रण की अनुमति देगी सरकार

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सरकार पेट्रोलियम आधारित बिटुमिन (तारकोल) में 35 प्रतिशत तक लिग्निन के मिश्रण की अनुमति देगी, जिसका एक बड़ा हिस्सा अन्य देशों से आयात किया जाता है। बिटुमेन एक काला पदार्थ है जो कच्चे तेल के रिफाइन से प्राप्त होता है और इसका व्यापक रूप से सड़कों और छतों को बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। गडकरी ने राज्यसभा में सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हमारे पास दुनिया का सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है। 90 प्रतिशत सड़कें बिटुमिनस परतों का उपयोग कर रही हैं। 2023-24 में बिटुमिन की खपत 88 लाख टन थी। 2024-25 में यह 100 लाख टन होने की उम्मीद है। 50 प्रतिशत बिटुमिन का आयात किया जाता है। और वार्षिक आयात लागत 25,000-30,000 करोड़ रुपये है।

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