हैदराबाद में राजकीय सम्मान के साथ मुकर्रम जाह का हुआ अंतिम संस्कार, KCR समेत कई लोगों ने दी श्रद्धांजलि
हैदराबाद रियासत के आठवें निजाम मुकर्रम जाह का 14 जनवरी को तुर्कीये में निधन हो गया था। मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर हैदराबाद लाया गया। शव को चौमहल्ला पैलेस में रखा गया था जहां तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव सहित कई लोगों ने श्रद्धांजलि दी।
By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 18 Jan 2023 10:55 PM (IST)
हैदराबाद, पीटीआई। हैदराबाद रियासत के आठवें निजाम मुकर्रम जाह का अंतिम संस्कार बुधवार को राजकीय सम्मान के साथ किया गया। असर की नमाज के बाद मुकर्रम जाह को आसफ जाही परिवार के पैतृक कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उनके शरीर को उनके पिता मीर हिमायत अली खान की कब्र के बगल में दफनाया गया। निजाम परिवार के सदस्य, तेलंगाना के गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली अंतिम संस्कार में शामिल थे।
केसीआर समेत कई लोगों ने दी श्रद्धांजलि
मुकर्रम जाह का 14 जनवरी को तुर्कीये में निधन हो गया था। मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर हैदराबाद लाया गया। शव को चौमहल्ला पैलेस में रखा गया था, जहां तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी सहित कई लोगों ने श्रद्धांजलि दी। शव को बुधवार को एतिहासिक मक्का मस्जिद ले जाया गया, जहां बड़ी संख्या में लोग जनाजे में शामिल हुए। शोक में चारमीनार के पास दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे।
आजम जाह बहादुर के बेटे थे मुकर्रम जाह
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने अधिकारियों को निजाम के उत्तराधिकारी के रूप में गरीबों के लिए शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में उनकी सामाजिक सेवाओं के लिए सर्वोच्च राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने का निर्देश दिया। 1933 में जन्मे मुकर्रम जाह तुर्कीये चले गए थे और वहीं रह रहे थे। मुकर्रम जाह हैदराबाद के सातवें निजाम मीर उस्मान अली खान के बड़े बेटे मीर हिमायत अली खान उर्फ आजम जाह बहादुर के बेटे थे।Nizam Mukarram Jah Bahadur: सादगी व रहस्यमय कहानियों से भरा था अंतिम निजाम का जीवन, आज भारत आएगा पार्थिव शव
मुकर्रम जाह का जन्म 1933 में फ्रांस में हुआ था। वरिष्ठ पत्रकार और हैदराबाद की संस्कृति व विरासत के गहन पर्यवेक्षक मीर अयूब अली खान बताते हैं कि मुकर्रम जाह को आधिकारिक तौर पर 1971 तक हैदराबाद का राजकुमार कहा जाता था, उसके बाद सरकार द्वारा खिताब और प्रिवी पर्स को समाप्त कर दिया गया था। खान ने बताया कि सातवें निजाम ने अपने पहले बेटे प्रिंस आजम जहां बहादुर के बजाय अपने पोते को गद्दी का उत्तराधिकारी बनाया। इसलिए, 1967 में हैदराबाद के अंतिम पूर्व शासक के निधन पर मुकर्रम जाह आठवें निजाम बने।
मुकर्रम जाह का जन्म 1933 में फ्रांस में हुआ था। वरिष्ठ पत्रकार और हैदराबाद की संस्कृति व विरासत के गहन पर्यवेक्षक मीर अयूब अली खान बताते हैं कि मुकर्रम जाह को आधिकारिक तौर पर 1971 तक हैदराबाद का राजकुमार कहा जाता था, उसके बाद सरकार द्वारा खिताब और प्रिवी पर्स को समाप्त कर दिया गया था। खान ने बताया कि सातवें निजाम ने अपने पहले बेटे प्रिंस आजम जहां बहादुर के बजाय अपने पोते को गद्दी का उत्तराधिकारी बनाया। इसलिए, 1967 में हैदराबाद के अंतिम पूर्व शासक के निधन पर मुकर्रम जाह आठवें निजाम बने।