विश्व की 85 फीसद अर्थव्यवस्था को कवर करने वाले समूह जी-20 के लिए भारत एजेंडा निर्धारक है। भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत से दुनिया को पर्यावरण अनुकूल जिंदगी जीना सिखाने के साथ समस्त दुनिया के एक समान विकास के पैरोकार के रूप में उभरेगा।
By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Sat, 31 Dec 2022 08:11 PM (IST)
नई दिल्ली, राजीव कुमार। नए साल में विकसित देश समेत दुनिया के कई देश भोजन एवं ऊर्जा की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष करते हुए दिखेंगे। लेकिन भारत में इसके विपरीत महंगाई में कमी आने के साथ घरेलू मांग में मजबूती की वजह से मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस दोनों ही सेक्टर में तेजी दिखेगी। नए साल में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत कई सेक्टर में नए उत्पादन के शुरू होने से भी मैन्यूफैक्चरिंग को समर्थन मिलेगा।
आस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर अमल की शुरुआत एवं ब्रिटेन व कनाडा के साथ एफटीए होने की संभावना को देखते हुए नए साल में भारत के वस्तु निर्यात में बढ़ोतरी जारी रहेगी। सेवा निर्यात में भारत का प्रदर्शन वर्ष 2022 की तरह ही वर्ष 2023 में बेहतरीन रहेगा।इन सबके अलावा जी-20 की अध्यक्षता की वजह से नए साल में दुनिया के कूटनीति मंच पर भारत का डंका बजने वाला है और भारत सॉफ्ट पावर का केंद्र बनकर उभर सकता है।
विश्व की 85 फीसद अर्थव्यवस्था को कवर करने वाले समूह जी-20 के लिए भारत एजेंडा निर्धारक है। इस मंच पर भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत से दुनिया को पर्यावरण अनुकूल जिंदगी जीना सिखाने के साथ समस्त दुनिया के एक समान विकास के पैरोकार के रूप में उभरेगा।
महंगाई में कैसे मिलेगी राहत
गत नवंबर में खुदरा महंगाई दर 5.88 फीसद के स्तर पर आ गई जो महंगाई के लिए आरबीआई की तरफ से निर्धारित छह फीसद की अधिकतम सीमा से कम है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले इस बार रबी की बुवाई 14.6 फीसद अधिक एरिया में की गई है। इसके अलावा पिछले कुछ महीनों में स्टील, तांबा, एल्युमीनियम जैसे कई औद्योगिक जिंसों के भाव में पिछले साल के मुकाबले कमी आई है जिससे औद्योगिक वस्तुओं की कीमतों में भी नरमी दिखेगी।
एचडीएफसी की वरिष्ठ अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता कहती है, 'जिंसों की कीमतों में नरमी, सप्लाई चेन के बाधारहित होने से नए साल में महंगाई में नरमी रहेगी। आरबीआइ की तरफ से ब्याज दरों में होने वाली बढ़ोतरी का असर अब मांग पर दिखेगा जिससे महंगाई में कमी आएगी।'
मैन्यूफैक्चरिंग और निर्यात में होगी बढ़ोतरी
महंगाई कम होने से ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी होने की संभावना है जिससे मैन्यूफैक्चरिंग को समर्थन मिलेगा। पिछले दो साल में एक दर्जन से अधिक सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम की घोषणा की गई और टेक्सटाइल, इलेक्टि्रकल व्हीकल्स व कई अन्य सेक्टर में नए साल में पीएलआई स्कीम के तहत उत्पादन शुरू होने की संभावना है। इससे मैन्यूफैक्चरिंग को तेजी मिलेगी। गत नवंबर माह के कोर सेक्टर में 5.4 फीसद की बढ़ोतरी भी मैन्यूफैक्चरिंग में तेजी आने का संकेत दे रही है।
विश्व व्यापार संगठन ने नए साल में वस्तुओं के वैश्विक व्यापार में सिर्फ एक फीसद की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है जबकि वर्ष 2022 में वैश्विक व्यापार में 3.5 फीसद की बढ़ोतरी का अनुमान है। इसके बावजूद नए साल की दूसरी छमाही से वस्तुओं के निर्यात में बढ़ोतरी दिख सकती है। तब तक भारत का ब्रिटेन और कनाडा के साथ एफटीए होने की संभावना है और आस्ट्रेलिया के साथ एफटीए का असर अगले तीन महीने में दिखने लगेगा।
चीन से सप्लाई चेन बाधित होने से चीन को मिलने वाले कई आर्डर भारत की तरफ शिफ्ट हो सकते हैं। सेवा निर्यात में भारत पहले ही मजबूत स्थिति में है और चालू वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल-अक्टूबर में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 28.7 फीसद की बढ़ोतरी रही और नए साल में भी सेवा निर्यात की यह गति जारी रहेगी।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के अध्यक्ष ए.शक्तिवेल के मुताबिक भारत-आस्ट्रेलिया एफटीए से जेम्स व ज्वैलरी, टेक्सटाइल, लेदर, फुटवियर, फर्नीचर, खाद्य व कृषि उत्पाद, इंजीनियरिंग उत्पाद, मेडिकल उपकरण ऑटोमोबाइल्स जैसे रोजगारपरक सेक्टर को लाभ मिलने वाला हैं।
जी-20 की बैठक से भारत बनेगा सॉफ्टपावर का केंद्र
गत एक दिसंबर से एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य के थीम के साथ भारत जी-20 की अध्यक्षता शुरू कर चुका है। अगले एक साल में 50 से अधिक शहरों में जी-20 की 200 से अधिक बैठकें होंगी जिससे भारत के हास्पिटलिटी सेक्टर को प्रोत्साहन मिलने के साथ विभिन्न राज्यों को अपनी क्षमता और अपने उत्पाद की नुमाइश का अवसर मिलेगा जिससे निर्यात भी बढ़ेगा और निवेश भी।
जी-20 की बैठक में भारत विकासशील व अविकसित देशों की आवाज बनने वाला है और महिला सशक्तिकरण के साथ दुनिया के सतत विकास के एजेंडा पर सहमति बनाने की कोशिश करेगा। इन सबके अलावा भारत पूरी दुनिया को डिजिटल सेवा देने की पेशकश करेगा जिससे भारत एक सॉफ्ट पावर देश बनकर उभरेगा। आईएमएफ व विश्व बैंक भी भारत के डिजिटाइजेशन कार्यक्रम का लोहा मान चुके है और दुनिया को भारत से सीखने की नसीहत तक दे चुके है।
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