G-20 की बैठक में विदेशी निवेश लाने पर होगा जोर, चीन से भी आगे निकलेगा भारत; यह है पीएम मोदी का मास्टर प्लान
जी-20 की बैठक में पीएम मोदी के भाषण में भारत में एफडीआइ लाने पर जोर होगा। पहली बार इस साल 100 अरब डॉलर से ज्यादा का एफडीआइ आने की संभावना है। बैठक में भारत को आकर्षक निवेश स्थल के तौर पर पेश करने पर जोर दिया जाएगा।
By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Sat, 12 Nov 2022 07:41 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगले हफ्ते दुनिया में आर्थिक दृष्टिकोण से सबसे सक्षम 19 देशों के मुखियाओं के समक्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत को सबसे आकर्षक निवेश स्थल के तौर पर पेश करेंगे। बाली में 15-16 नवंबर को आर्थिक तौर पर 20 शीर्ष संपन्न देशों के मुखियाओं की बैठक में पीएम मोदी इस खास एजेंडे के साथ हिस्सा लेंगे।
जी-20 से आर्थिक फायदा लेना चाहता है भारत
दरअसल, यह एजेंडा सिर्फ बाली बैठक का ही नहीं होगा, बल्कि अगले वर्ष जी-20 संगठन का अगुवाई कर रहे भारत की मंशा है कि इस आयोजन का पूरा फायदा आर्थिक तौर पर उठाने की कोशिश हो। ऐसे में इस जी-20 के तत्वाधान में जितनी बैठकें भारत में होंगी, उसमें से अधिकांश में भारत को एक आकर्षक व बेहद संभावनाओं वाले निवेश स्थल के तौर पर मार्केटिंग की जाए।
भारत को अपनी क्षमता दिखाने का मिला है बेहतरीन मौका
भारत की इस रणनीति के बारे में अधिकारियों ने बताया है कि हाल के समय में जब विश्व बैंक व अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसी एजेंसियां मान रही हैं कि वर्ष 2023 में भारत की आर्थिक विकास दर पहली बार चीन की विकास दर से काफी ज्यादा रहेंगी तो हमें आर्थिक तौर पर संपन्न देशों के बीच अपनी क्षमता दिखाने का इससे बेहतर मौका नहीं मिलेगा।