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G-20 Summit: यूक्रेन पर रूस के विचार शामिल कर बयान पर सहमति का प्रयास कर रहा भारत

भारत ने प्रस्ताव किया है कि यूक्रेन युद्ध की निंदा करने वाले जी-20 के बयान में रूस और चीन के विचारों को भी शामिल किया जाए ताकि गतिरोध से बचा जा सके । वहीं रूस ने कहा है कि अगर घोषणा पत्र में उनके देश का रुख प्रदर्शित नहीं किया गया तो मास्को अंतिम घोषणा को बाधित कर देगा ।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Fri, 08 Sep 2023 12:49 AM (IST)
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नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन से पहले प्रगति मैदान के बाहर की तस्वीर। फोटोः पीटीआई।

नई दिल्ली, रायटर। भारत ने प्रस्ताव किया है कि यूक्रेन युद्ध की निंदा करने वाले जी-20 के बयान में रूस और चीन के विचारों को भी शामिल किया जाए ताकि गतिरोध से बचा जा सके। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। जी-20 का दो दिवसीय शिखर सम्मेलन शनिवार से शुरू होने जा रहा है, लेकिन दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के विचार-विमर्श में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के मुद्दे पर मतभेदों के कारण बाधा आई है।

रूस आक्रमण की निंदा करना चाहते हैं पश्चिमी देश

पश्चिमी देश दिल्ली घोषणा पत्र पर सहमत होने के लिए रूसी आक्रमण की कड़ी निंदा करना चाहते हैं। वहीं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के स्थान पर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव का कहना है कि अगर घोषणा पत्र में उनके देश का रुख प्रदर्शित नहीं किया गया तो मास्को अंतिम घोषणा को बाधित कर देगा।

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सभी सदस्य देशों के विचारों को शामिल करेगा भारत

भारत ने सुझाव दिया है कि जी-20 रूसी आक्रमण से हुई पीड़ा की निंदा करते हुए मास्को और बीजिंग के रुख को भी प्रतिबंबित करे क्योंकि यह मंच भू-राजनीति की जगह नहीं है। एक भारतीय अधिकारी ने बताया

जब हर कोई दस्तावेज के प्रारूप का समर्थन करेगा तो यह आम सहमति होगी। हम ऐसी स्थिति का प्रयास कर रहे हैं कि रूस, जी-7 और चीन सहित हर कोई इस बात से खुश हो कि उनके विचारों को शामिल किया गया है।

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि दूसरा विकल्प संयुक्त घोषणा में यूक्रेन युद्ध पर एक सामान्य बयान है। बताते चलें कि अगर दिल्ली सम्मेलन में संयुक्त घोषणा पत्र जारी नहीं हो सका तो जी-20 के इतिहास में यह ऐसा पहला अवसर होगा और इससे ग्रुप की व्यवहार्यता पर सवाल खड़ा होगा।

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चीन ने किया अफ्रीकी यूनियन को जी-20 में शामिल करने का समर्थन

चीन ने गुरुवार को अफ्रीकी यूनियन को जी-20 में शामिल करने के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया। समाचा एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चीन ने कहा कि वह अफ्रीकी यूनियन को इस ग्रुप में शामिल करने का समर्थन करने वाला पहला देश है।

पीएम मोदी ने किया था समर्थन

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हालिया साक्षात्कार में कहा था कि भारत अफ्रीकी यूनियन को जी-20 के पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल करने का समर्थन करता है क्योंकि दुनिया के भविष्य की कोई भी योजना सभी के प्रतिनिधित्व के बिना सफल नहीं हो सकती।