'देश में 80 करोड़ से अधिक इंटरनेट यूजर्स', अश्विनी वैष्णव बोले- साइबर सुरक्षा के लिए सभी देशों का सहयोग जरूरी
जी-20 के कार्यक्रम में सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नई-नई तकनीक से साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में प्रतिदिन चुनौतियां पैदा हो रही हैं। वैष्णव ने कहा कि भारत में वर्ष 2015 में डिजिटल इंडिया मिशन लॉन्च किया गया और उसके बाद इस बात का पूरा ध्यान रखा गया कि तकनीक और डिजिटल सुविधा पर कुछ बड़ी कंपनियों का या कुछ खास लोगों का ही अधिकार नहीं रहे।
By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Fri, 14 Jul 2023 09:22 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। टेलीकॉम, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि साइबर सुरक्षा को लेकर चुनौतियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। इससे निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना होगा। समाधान को आपस में साझा करना होगा।
साइबर सुरक्षा के लिए देशों को बनाना होगा तालमेल: अश्विनी वैष्णव
किसी अपराध को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिस प्रकार से एक-दूसरे के साथ सभी देश सहयोग करते हैं, वैसा ही तालमेल साइबर सुरक्षा के लिए भी रखना होगा। शुक्रवार को जी-20 के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि नई-नई तकनीक से साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में प्रतिदिन चुनौतियां पैदा हो रही हैं।
उन्होंने आगे कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जटिलता बढ़ती जा रही है। इसलिए राष्ट्रीय, व्यक्तिगत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमें सहयोग भरा रवैया अपनाना होगा।
डिजिटल सुविधा पर न हो सिर्फ बढ़ी कंपनियों का अधिकार: वैष्णव
वैष्णव ने कहा कि भारत में वर्ष 2015 में डिजिटल इंडिया मिशन लॉन्च किया गया और उसके बाद इस बात का पूरा ध्यान रखा गया कि तकनीक और डिजिटल सुविधा पर कुछ बड़ी कंपनियों का या कुछ खास लोगों का ही अधिकार नहीं रहे। इसलिए लोकतांत्रिक तरीके से डिजिटल सुविधा का विकास किया गया। इसके लिए सार्वजनिक-निजी सहभागिता (PPP) मॉडल को अपनाया गया। इसका ही परिणाम है कि वर्तमान में 80 करोड़ से अधिक लोगों के पास इंटरनेट है।यूपीआई से होता है सलाना दो ट्रिलियन डॉलर का ट्रांजेक्शन: वैष्णव
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने अपने फंड से यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) प्रणाली को विकसित किया, जिससे सालाना दो ट्रिलियन डॉलर का ट्रांजेक्शन होता है और एक ट्रांजेक्शन को पूरा होने में सिर्फ दो सेकेंड का समय लगता है। ई-कामर्स से लेकर स्वास्थ्य जैसे कई क्षेत्रों में सरकार यूपीआइ जैसे प्लेटफार्म विकसित कर रही है।
गांव तक इंटरनेट सुविधा पहुंचाने के लिए सरकार ने किए अरब डॉल निवेश
वैष्णव ने कहा कि डिजिटल सुविधा समान रूप से उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने इसका पूरा ध्यान रखा कि देश के हर कोने में इंटरनेट हो और लोग इसके इस्तेमाल करने में सक्षम हों। अब देश के हर गांव तक 4जी सुविधा पहुंचाने के लिए सरकार 4.6 अरब डॉलर का निवेश करने जा रही है।केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि आखिरी छोर तक उच्च गुणवत्ता वाले ब्राडबैंड सेवा के लिए 13 अरब डॉलर निवेश किए जा रहे हैं। ऑप्टिकल फाइबर को गांवों तक पहुंचाने के लिए 8.3 अरब डालर का निवेश किया गया है। जिस तरह ऑटोमोबाइल सेक्टर को सुचारू रूप देने के लिए हाईवे नेटवर्क तैयार किया गया, ट्रैफिक नियम बनाए गए, दुर्घटना से बचने के लिए उपाय तैयार किए गए। ठीक उसी तरह वैश्विक स्तर पर इस प्रकार के प्रयास साइबर सुरक्षा के लिए करने होंगे।