'जलवायु परिवर्तन से मुकाबला नीतियों से ही नहीं हमें जीवनशैली भी बदलनी होगी', पी20 सम्मेलन से पहले बोले बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए केवल नीतियों और कानून में बदलाव ही पर्याप्त नहीं है बल्कि वैश्विक बिरादरी को इसके लिए अपनी जीवनशैली में भी बदलाव लाना होगा। बिरला ने जी 20 देशों के संसदीय सम्मेलन पी 20 के शुक्रवार से हो रहे आगाज से पहले लाइफ पर्यावरण के लिए जीवन शैली विषय पर संसदीय फोरम को संबोधित किया।
By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Thu, 12 Oct 2023 07:59 PM (IST)
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए केवल नीतियों और कानून में बदलाव ही पर्याप्त नहीं है बल्कि वैश्विक बिरादरी को इसके लिए अपनी जीवनशैली में भी बदलाव लाना होगा।
जी 20 देशों के संसदीय सम्मेलन पी 20 के शुक्रवार से हो रहे आगाज से पहले 'लाइफ: पर्यावरण के लिए जीवन शैली' विषय पर संसदीय फोरम के दौरान बिरला ने कहा कि वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन और उसका प्रभाव मानवता के साझे भविष्य से गहराई से जुड़ा हुआ है। इसीलिए भारत की पहल पर पी-20 सम्मेलन के दौरान पर्यावरण संबंधी मुद्दों को सर्वसम्मति से चर्चा के केंद्र में रखा गया है।
पीएम मोदी करेंगे दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को राजधानी दिल्ली के द्वारका के यशोभूमि में दो दिवसीय पी-20 सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। लाइफ मिशन पर गुरूवार को संसदीय फोरम की चर्चा में कई देशों के पीठासीन अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। ओम बिरला ने इस दौरान कहा कि कोई भी देश जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से अछूता नहीं है और इसका डटकर मुकाबला करना समय की मांग है।जीवनशैली को ऐसा बनाएं, जिससे पर्यावरण को नुकसान न हो
उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से पीएम मोदी द्वारा प्रस्तुत लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए कहा कि यह एक व्यापक दृष्टिकोण है। इसका लक्ष्य है कि हर कोई अपनी जीवनशैली में ऐसा दृष्टिकोण अपनाए जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान न हो।
'भारत की संसद में व्यापक चर्चा हुई'
ओम बिरला ने कहा कि लाइफ मिशन ने दुनिया को जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा आदि जैसी समकालीन चुनौतियों से निपटने का एक नया तरीका दिया है, जो अब एक वैश्विक आंदोलन बन गया है। उन्होंने भारत की संसद में इस विषय पर हुई व्यापक चर्चाओं का भी जिक्र किया।