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G20 Delhi Declaration: क्या है नई दिल्ली घोषणा पत्र जिस पर सभी सदस्य देशों की बनी आम सहमति? जानें सबकुछ

भारत ने शनिवार को कूटनीतिक मंच पर एक और जीत हासिल कर ली।भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान नई दिल्ली घोषणा पत्र जारी कर दिया गया।नई दिल्ली घोषणा पत्र पर रूस-यूक्रेन युद्ध से संबंधित मुद्दों पर आम सहमति नहीं बन पा रही थीलेकिन भारत ने इस घोषणा पत्र की भाषा को इस तरह से रखा ताकि दोनों धुर विरोधी पक्षों की बातें एक साथ आ गई।

By Sonu GuptaEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sat, 09 Sep 2023 11:44 PM (IST)
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भारत की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित हुई जी-20 की बैठक। फाइल फोटो।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। भारत ने शनिवार को कूटनीतिक मंच पर एक और जीत हासिल कर ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित जी-20 की दो दिवसीय बैठक के पहले दिन सभी सदस्य देशों के बीच साझा घोषणा पत्र पर सहमति बनने के बाद इसको जारी कर दिया गया।

पीएम मोदी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि नई दिल्ली लीडर्स घोषणा पत्र पर सभी देशों की सहमति बन गई है। पीएम मोदी ने इस घोषणा पत्र को साकार करने की दिशा में काम करने वाले शेरपाओं और मंत्रियों को भी बधाई दी।  

इस लिए नहीं बन पा रही थी आम सहमति

भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान नई दिल्ली घोषणा पत्र जारी कर दिया गया। हालांकि, समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, नई दिल्ली घोषणा पत्र पर रूस-यूक्रेन युद्ध से संबंधित मुद्दों पर आम सहमति नहीं बन पा रही थी, लेकिन भारत ने इस घोषणा पत्र की भाषा को इस तरह से रखा ताकि दोनों धुर विरोधी पक्षों की बातें एक साथ आ गई।

साझा घोषणा पत्र में यूक्रेन का नहीं है जिक्र

नई दिल्ली घोषणा पत्र में यूक्रेन युद्ध का जिक्र नहीं है, बल्कि वहां समग्र और स्थायी शांति स्थापित करने की बात कही गई है। इसमें आह्वान किया गया है कि हर देश अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करते हुए दूसरे देश की क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता एवं अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करेंगे ताकि शांति व स्थिरता की सुरक्षा हो सके।

नई दिल्ली घोषणा पत्र पर पीएम मोदी ने क्या कहा?

पीएम मोदी ने प्रगति मैदान के भारत मंडपम में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि अभी-अभी एक अच्छी खबर मिली है कि हमारी टीमों की कड़ी मेहनत और आपके सहयोग से नई दिल्ली जी20 लीडर्स समिट घोषणा पत्र पर आम सहमति बन गई है।

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दिल्ली घोषणा पत्र की अहम बातेंः

  • साझा घोषणा पत्र में सभी देशों से क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता और राजनीतिक स्वतंत्रता को बनाए रखने का आह्वान किया गया।
  • घोषणा पत्र में आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा के रूप में उल्लेख किया। इस दौरान घोषणा पत्र में आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की गई। आतंकवादी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह और भौतिक या राजनीतिक समर्थन से वंचित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने का भी आह्वान किया गया।
  • व्यक्तियों, धार्मिक प्रतीकों और पवित्र पुस्तकों के विरुद्ध धार्मिक घृणा के सभी कार्यों की कड़ी निंदा की गई।
  • घोषणा पत्र में मजबूत और सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए तेजी लाने के लिए हरित विकास समझौते और बहुपक्षवाद को मजबूत करने पर बल दिया गया।
  • जाम्बिया, घाना और श्रीलंका जैसे विकासशील देशों की प्राथमिकताओं और जरूरतों पर ध्यान देने पर आम सहमति बनी।
  • सभी महिलाओं और बालिकाओं पर जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव को स्वीकार करते हुए लैंगिक समानता को मूल में रखते हुए जलवायु संकट से निपटने संबंधी कदमों में तेजी लाने की बात कही गई।
  • इसमें छोटे हथियारों और हल्के हथियारों की अवैध तस्करी के बारे में चिंता व्यक्त की गई। वहीं, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) और एफएटीएफ जैसी संस्थाओं की संसाधनों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने की भी प्रतिबद्धता जताई गई। 
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