G20 Summit: ब्रिटेन और इटली से चीन को झटका, भारत की तारीफ और यूरोपीय देशों की नाराजगी से सकते में ड्रैगन
जी-20 शिखर सम्मलेन में भाग लेने भारत पहुंचे चीनी प्रधानमंत्री ली क्यांग से ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक और इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी ने अलग-अलग द्विपक्षीय वार्ताए कीं। इस दौरान ब्रिटेन और इटली ने चीन को खरी-खरी सुनाई। सुनक ने जहां अपने चीनी समकक्ष के आगे ब्रिटेन के संसदीय लोकतंत्र में चीनी हस्तक्षेप का मुद्दा उठाया। मेलोनी ने चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना बीआरआई से हटने के संकेत दिए।
नई दिल्ली, पीटीआई। जी-20 शिखर सम्मलेन में भाग लेने भारत पहुंचे चीनी प्रधानमंत्री ली क्यांग से ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक और इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी ने अलग-अलग द्विपक्षीय वार्ताए कीं। इस दौरान ब्रिटेन और इटली ने चीन को खरी-खरी सुनाई।
ब्रिटेन के संसदीय लोकतंत्र में चीनी हस्तक्षेप का मुद्दा उठा
सुनक ने जहां अपने चीनी समकक्ष के आगे ब्रिटेन के संसदीय लोकतंत्र में चीनी हस्तक्षेप का मुद्दा उठाया। वहीं, मेलोनी ने चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) से हटने के संकेत दिए। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने रविवार को जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर अपने चीनी समकक्ष ली क्यांग से मुलाकात की और उनके समक्ष ब्रिटेन के संसदीय लोकतंत्र में चीनी हस्तक्षेप का विषय उठाया।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय 10 डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता ने कहा, 'प्रधानमंत्री सुनक ने चीन के प्रधानमंत्री ली क्यांग से बातचीत के दौरान उन्हें ब्रिटेन की जासूसी चिंताओं से अवगत कराया।'
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दो लोगों के खिलाफ लगाए गए जासूसी के आरोप
ब्रिटेन की एक मीडिया रिपोर्ट में दो लोगों के खिलाफ जासूसी के आरोप लगाए गए हैं। ब्रिटेन के साप्ताहिक समाचारपत्र 'द संडे टाइम्स' की खबर के अनुसार, ब्रिटेन में एक संसदीय शोधकर्ता ने चीन के लिए जासूसी होने का दावा किया था। इसके बाद ब्रिटेन के आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। उनमें से एक 20 वर्षीय आरोपित शोधकर्ता है और उसका संबंध सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी के कई सांसदों से था। इन दोनों को मार्च में गिरफ्तार किया गया था और अब वह जमानत पर बाहर हैं।
जासूसी से संबंधित अपराधों की निगरानी करने वाली मेट्रोपॉलिटन पुलिस की काउंटर टेररिज्म कमांड मामले की जांच कर रही है। आरोपित शोधकर्ता को एडिनबर्ग जबकि दूसरे आरोपित को आक्सफोर्डशायर से गिरफ्तार किया गया था।
ब्रिटेन ने बनाया चीन पर दबाव
उधर, चीनी दबाव वाले समूहों को लेकर बने अंतर संसदीय गठबंधन का कहना है कि वह पीपुल्स रिपब्लिक आफ चाईना की ओर से काम करने वाले किसी व्यक्ति द्वारा ब्रिटेन की संसद में घुसपैठ की रिपोर्टों से स्तब्ध है। उधर, इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी ने भी चीन के पीएम क्यांग से जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान उन्होंने चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव, जिसे सिल्क रोड के नाम से भी जाना जाता है, से इटली के हटने की बात कही।
बीजिंग के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहते हैं- मेलोनी
मेलोनी ने कहा कि इटली का मानना है कि चीन की अरबों डॉलर की इस बुनियादी ढांचा परियोजना से उसे कोई लाभ नहीं हुआ है यानी यह अपेक्षित परिणाम नहीं ला पाई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि हम बीजिंग के साथ अभी भी मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहते हैं। चीन ने अगले महीने बीजिंग में बीआरआई का तीसरा सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा की है। यदि इटली पीछे हटता है तो यह राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अरबों डॉलर वाली महत्वकांक्षी परियोजना के लिए बड़ा झटका होगा।
छोटे देश उठाते रहते हैं सवाल
बीआरआई के तहत दिए जाने वाले कर्ज की स्थिरता को लेकर आलोचना होती रहती है, खासकर छोटे देश इसको लेकर सवाल उठाते रहे हैं। चीन ने 2013 में दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप को भूमि और समुद्री मार्गों के नेटवर्क से जोड़ने के उद्देश्य से बीआरआई परियोजना पेश की थी।
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