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G20 Summit 2023: जी20 शिखर सम्मेलन का समापन, PM मोदी ने वर्चुअल मीटिंग का दिया प्रस्ताव

जी20 समिट समापन सामरोह में पीएम मोदी ने समूह से कहा यह हमारी जिम्मेदारी है कि जो सुझाव दिए गए हैं उन पर गौर करें और देखें कि प्रगति को कैसे तेज किया जा सकता है।जी20 समूह के नेताओं ने नई दिल्ली घोषणा पत्र को पूरी सहमति के साथ अपनाया था। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन को समाप्त करते हुए 2024 के लिए ब्राजील को G20 की अध्यक्षता सोंपी।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sun, 10 Sep 2023 03:55 PM (IST)
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जी20 शिखर सम्मेलन का समापन (Image: X/@narendramodi)

नई दिल्ली, एजेंसी। 9 और 10 सितंबर को राजधानी दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में दुनिया के शीर्ष नेता शामिल हुए। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन को समाप्त करते हुए 2024 के लिए ब्राजील को G20 की अध्यक्षता सोंपी।

बता दें कि भारत के पास नवंबर तक G20 की अध्यक्षता रहेगी। इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समूह के नेताओं को इसी साल नवंबर में एक वर्चुअल बैठक आयोजित करने को कहा है।

समापन समारोह में क्या बोले पीएम मोदी?

जी20 समिट के समापन सामरोह में पीएम मोदी ने समूह से कहा, 'यह हमारी जिम्मेदारी है कि जो सुझाव दिए गए हैं, उन पर गौर करें और देखें कि प्रगति को कैसे तेज किया जा सकता है।' बता दें कि शनिवार (9 सितंबर) को जी-20 समूह के नेताओं ने नई दिल्ली घोषणा पत्र को पूरी सहमति के साथ अपनाया था।

रूसी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख, विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि शिखर सम्मेलन भारत के साथ-साथ ग्लोबल साउथ, दुनिया के विकासशील देशों के लिए एक सफलता साबित हुई है। एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ की स्थिति ने जी20 के एजेंडे को यूक्रेन पर हावी होने से रोकने में मदद की है। भारत ने वास्तव में ग्लोबल साउथ से जी20 सदस्यों को एकजुट किया है।

अमेरिका, जर्मनी और ब्रिटेन ने की घोषणा पत्र की सराहना

व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन समेत जर्मनी और ब्रिटेन ने भी घोषणा पत्र की सराहना की है, लेकिन यूक्रेन ने इस पर असहमति जताते हुए कहा कि 'इसमें गर्व करने लायक कुछ भी नहीं है।' रविवार को, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जर्मन ओलाफ स्कोल्ज, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और जापान के फुमियो किशिदा सहित नेताओं ने भारतीय स्वतंत्रता नायक महात्मा गांधी के स्मारक का दौरा कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

भारत के नेतृत्व के बिना यह संभव नहीं होता...

अपनी पहचान उजागर नहीं किए बिना यूरोपीय संघ के एक अधिकारी ने रविवार को कहा, 'यूक्रेन युद्ध समिट में सबसे विवादास्पद मुद्दा था और भारत के नेतृत्व के बिना यह संभव नहीं होता। उन्होंने कहा कि ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका ने भी मतभेदों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बता दें कि पिछले साल 2022 में रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया था, जिसमें हजारों लोग मारे गए और लाखों लोग विस्थापित हुए और दुनिया भर में आर्थिक उथल-पुथल मच गई थी।