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G7 Summit 2024: इटली में पीएम मोदी की जेलेंस्की से मुलाकात, यूक्रेन युद्ध पर दिया अहम बयान

G7 Summit 2024 जी 7 शिखर सम्मेलन के दौरान आउटरीच बैठक में हिस्सा लाने इटली पहुंचे पीएम नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को दुनिया के कुछ दिग्गज नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक की। देर शाम तक पीएम मोदी की फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों ब्रिटेन के पीएम रिषी सुनक के अलावा यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बातचीत हुई है ।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Published: Fri, 14 Jun 2024 08:18 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jun 2024 08:18 PM (IST)
PM मोदी ने दोहराया कि यूक्रेन-रूस विवाद का समाधान कूटनीति से ही संभव है। (Photo - ANI)

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। जी 7 शिखर सम्मेलन के दौरान आउटरीच बैठक में हिस्सा लाने इटली पहुंचे पीएम नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को दुनिया के कुछ दिग्गज नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक की। देर शाम तक पीएम मोदी की फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों, ब्रिटेन के पीएम रिषी सुनक के अलावा यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बातचीत हुई है।

लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद यह भारतीय पीएम की पहली विदेश यात्रा है। मोदी से मिलने वाले हर राष्ट्र प्रमुख ने उन्हें तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी। इटली के शहर अपुलिया में हुई इस मुलाकात से वैश्विक शक्तियों के साथ भारत के रिश्तों की निरंतरता को बनाये रखने और रणनीतिक रिश्तों को मजबूत बनाने के संकेत मिले हैं।

यूक्रेन के साथ रिश्ते मजबूत करेंगे: मोदी

भारत ने वैश्विक हालात में हो रहे बदलाव को देखते हुए अपनी कूटनीति में भी बदलाव के संकेत दिए हैं। पीएम मोदी की शुक्रवार को जब अपुलिया में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात हुई तो उन्होंने कहा, 'भारत यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने को बेहद इच्छुक हैं।' यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध और चीन के साथ रूस की बढ़ रही दोस्ती के मद्देनजर भारतीय पीएम की यह बात बहुत ही मायने रखती है।

रूस भारत का सबसे पुराना रणनीतिक साझेदार देश है। अभी भी भारत रूस से काफी रक्षा उपकरण खरीदता है लेकिन जिस तरह से चीन, पाकिस्तान के साथ रूस के संबंध बन रहे हैं, उसे देखते हुए भारत भी अपने विकल्प खोल कर रखे हुए है। हालांकि यूक्रेन पर रूस के हमले की भारत ने अभी तक खुल कर निंदा नहीं की है। बहरहाल, पीएम मोदी की यह जी 7 बैठक में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ लगातार दूसरी मुलाकात थी। पिछले वर्ष जापान में पहली बार मोदी और जेलेंस्की की द्विपक्षीय वार्ता हुई थी।

कूटनीति से संभव समाधान

शुक्रवार को भी मोदी ने भारत के इस पुराने स्टैंड को दोहराया कि यूक्रेन-रूस विवाद का समाधान वार्ता व कूटनीति से ही संभव है। मोदी ने एक्स पर लिखा, 'राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बहुत ही फलदायी बैठक हुई है। भारत यूक्रेन के साथ अपने रिश्तों को और मजबूत बनाने को लेकर तैयार है।'

एफटीए पर प्रगति से मोदी-सुनक संतुष्ट

मोदी और सुनक के बीच हुई वार्ता में द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े हर मुद्दे पर विमर्श हुआ है। मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, 'प्रधानमंत्री सुनक से मिल कर काफी खुशी हुई। मैंने उन्होंने आश्वासन दिया कि एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारत व ब्रिटेन के रणनीतिक रिश्ते को और प्रगाढ़ बनाने की पूरी कोशिश होगी। सेमीकंडक्टर, प्रौद्योगिकी व कारोबार में द्विपक्षीय रिश्ते को मजबूत बनाने की काफी संभावनाएं हैं। रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर भी बात हुई है।'

इसके अतिरिक्त भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया है कि दोनो नेताओं ने वर्ष 2030 के लक्ष्यों को लेकर बात की है। वर्ष 2022 में भारत और ब्रिटेन ने वर्ष 2030 तक अपने रिश्तों को कई महत्वपूर्ण सेक्टर में मजबूत बनाने का लक्ष्य रखा है। दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत व ब्रिटेन के बीच होने वाले मुक्त व्यापार समझौते को लेकर चल रही प्रगति संतोष जताया है। दोनो देशों के बीच इस समझौते को लेकर बातचीत अंतिम दौर में है। जुलाई, 2024 में ब्रिटेन में आम चुनाव समाप्त होने के बाद जल्द ही एफटीए पर समझौते को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। सुनक ने पीएम मोदी को लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने पर बधाई दी तो मोदी ने उन्हें आगामी चुनाव के लिए शुभकामनाएं दी।

इंडो-पैसिफिक रोडमैप पर हुई मोदी-मैक्रों में वार्ता

फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के साथ पीएम मोदी की हुई मुलाकात में मुख्य तौर पर दो मुद्दे अहम रहे। एक तो दोनों देशों के बीच 'होरीजन-2047' के तहत निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की समीक्षा की गई। दूसरी, दोनो देशों के बीच हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए तय रोडमैप के क्रियान्वयन पर बात हुई। वर्ष 2023 में पीएम मोदी ने जब फ्रांस की यात्रा की थी तब इस होरीजन-2047 समझौता हुआ था। इसके तहत वर्ष 2047 तक रक्षा, कारोबार व दूसरे रणनीतिक क्षेत्रों में द्विपक्षीय रिश्तों के लक्ष्य तय किये गये हैं। इसमें रक्षा क्षेत्र में सहयोग भी शामिल है।

यह समझौता फ्रांस की कंपनियों को भारत की जरूरत के मुताबिक रक्षा उत्पादों को विकसित करने और भारत में निर्माण करने की सहूलियत देता है। शुक्रवार को मोदी और मैक्रों के बीच इस बारे में भी बात हुई है। इसके अलावा फ्रांस में 2025 में दो अहम सम्मेलन (आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस व यूएन ओसियंस कांफ्रेंस) होने वाला है, जिसमें भारत की अहम हिस्सेदारी होगी। इस बारे में भी दोनो नेताओं के बीच विमर्श हुआ है।


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