Gaganyaan Mission: अपनी पहली उड़ान को तैयार है गगनयान, इंसान को अंतरिक्ष में भेजने का भारत का सपना जल्द होगा पूरा
इसरो दो कक्षीय परीक्षण उड़ानों के परिणाम का आकलन करने के बाद 2024 में कम से कम दो अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजेगा। बता दें PM मोदी ने 2018 में 10000 करोड़ रुपये की लागत से गगनयान मिशन की घोषणा की थी।
By Shashank MishraEdited By: Updated: Tue, 13 Sep 2022 08:07 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि देश के पहले मानव अंतरिक्ष अभियान गगनयान के साल 2024 में लांच होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वर्ष 2022 में पहले मानव अंतरिक्ष अभियान को लांच करने की योजना बनाई थी, जो भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ का वर्ष है, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते ऐसा नहीं हो सका। दिल्ली में एक कार्यक्रम के इतर पत्रकारों से बातचीत में जितेंद्र सिंह ने कहा, 'कोविड-19 महामारी ने रूस के साथ-साथ भारत में भी अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण पर असर डाला।' उन्होंने कहा कि गगनयान मिशन की पहली परीक्षण उड़ान इस साल के अंत में होने की उम्मीद है।
पहली परीक्षण उड़ान के बाद संभवत: अगले साल 'व्योम मित्र' नामक एक रोबोट अंतरिक्ष यात्री को बाहरी अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। भारतीय वायुसेना ने पहले मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए संभावित चालक दल के रूप में चार लड़ाकू पायलटों की पहचान की थी, जिन्होंने रूस में बुनियादी प्रशिक्षण हासिल किया था।जितेंद्र सिंह ने बताया कि अंतरिक्ष की कक्षा में दो परीक्षण उड़ानों के नतीजों का आकलन करने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 2024 में कम से कम दो अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजेगा।
अधिकारियों के मुताबिक, परीक्षण उड़ान के दौरान अंतरिक्ष यान को 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर भेजा जाएगा, जिसके बाद अंतरिक्ष विज्ञानी मिशन को खत्म करने वाली परिस्थितियां पैदा करेंगे, ताकि पैराशूट के जरिये चालक दल के सदस्यों की धरती पर वापसी सुनिश्चित की जा सके।दूसरी परीक्षण उड़ान के दौरान गगनयान के चालक दल को और अधिक ऊंचाई पर ले जाया जाएगा तथा मिशन की समाप्ति वाली समान परिस्थितियां पैदा की जाएंगी, ताकि प्रणाली को यात्रियों की वापसी के लिहाज से उपयुक्त बनाया जा सके।