2025 में भारत रचेगा इतिहास, अंतरिक्ष और गहरे समुद्र में पहला मानव मिशन भेजने की तैयारी पूरी
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने अंतरिक्ष क्षेत्र में हालिया प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 2022 में हमारे पास केवल एक अंतरिक्ष स्टार्टअप था और 2024 में निजी भागीदारी के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र खोलने के बाद हमारे पास लगभग 200 स्टार्टअप हैं और उनमें से कई के पास वैश्विक क्षमता है। कुछ महीनों में ही अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्र का 1000 करोड़ का निवेश आया है।
आइएएनएस, नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि भारत 2025 तक अंतरिक्ष और गहरे समुद्र में पहले मानव मिशन को भेजने के लिए तैयार है। भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए चार यात्रियों को चुना गया है।
इनमें वायु सेना के ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, अजीत कृष्णन और अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं। इसरो गगनयान मिशन का लक्ष्य मानवयुक्त तीन दिवसीय मिशन को अंतरिक्ष में भेजना है, जो पृथ्वी से 400 किमी ऊपर परिक्रमा करने के बाद वापस आएगा।
हिंद महासागर में 6 किलोमीटर अंदर तक जाएगा इंसान
वहीं, भारत का डीप-सी मिशन 2025 में तीन भारतीयों को लेकर गहरे समुद्र में जाएगा। समुद्रयान के रूप में जाना जाने वाला पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की पहल मत्स्य 6000 पर हिंद महासागर में 6,000 मीटर की गहराई तक चालक दल मिशन भेजा जाएगा।देश में अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़े 200 स्टार्टअप: जितेंद्र सिंह
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने अंतरिक्ष क्षेत्र में हालिया प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 2022 में हमारे पास केवल एक अंतरिक्ष स्टार्टअप था और 2024 में निजी भागीदारी के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र खोलने के बाद हमारे पास लगभग 200 स्टार्टअप हैं और उनमें से कई के पास वैश्विक क्षमता है। कुछ महीनों में ही अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्र का 1,000 करोड़ का निवेश आया है।
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