Gaganyaan Mission के लिए इसरो ने की सफलतापूर्वक टेस्टिंग, अब अंतरिक्ष यात्रियों की होगी सुरक्षित लैंडिंग
Gaganyaan Mission इसरो के गगनयान मिशन के पैराशूट सिस्टम की टेस्टिंग की गई। 18 नवंबर को विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के वैज्ञानिकों ने सेना के बबीना फील्ड फायर रैंज में गगनयान पैराशूट सिस्टम की टेस्टिंग की। ये पैराशूट गगनयान के क्रू मॉड्यूल की सुरक्षित लैंडिंग कराएंगे।
By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sun, 20 Nov 2022 08:27 AM (IST)
बेंगलुरु, पीटीआइ। Gaganyaan Mission: उत्तर प्रदेश के झांसी से थोड़ी दूर स्थित मिलिट्री कैंट के इलाके बबीना फील्ड फायर रैंज में इसरो के गगनयान मिशन के पैराशूट सिस्टम की टेस्टिंग की गई। इसरो ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट में पैराशूट की तस्वीर शेयर की हैं।
तस्वीर में दिख रहे पैराशूट गगनयान के क्रू मॉड्यूल की सुरक्षित लैंडिंग कराएंगे। शुक्रवार यानी 18 नवंबर को विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के वैज्ञानिकों ने सेना के बबीना फील्ड फायर रैंज में गगनयान पैराशूट सिस्टम की टेस्टिंग की। इसे इंटीग्रेटेड मेन पैराशूट एयरड्रॉप टेस्ट (IMAT) नाम दिया गया। इसमें पैराशूट की ताकत और क्षमता का परीक्षण किया गया जिससे भविष्य में गगनयान के क्रू मॉड्यूल की लैंडिंग कराते समय कोई समस्या उत्पन्न न हो।
इन पैराशूट की खासियत
गगनयान में ये तीनों पैराशूट बहुत ही मुख्य भूमिका निभाएंगे। इन पैराशूट में तीन छोटे एसीएस, पायलट और ड्रोग पैराशूट लगाया जाएगा। जिससे क्रू मॉडयूल को सही दिशा में लाकर उसकी गति को तय मनाकों तक कम किया जा सके। इस टेस्ट से ये पता चला कि अगर एक पैराशूट खराब हो जाता है तो दूसरा पैराशूट क्रू मॉड्यूल की सही लैंडिंग करा पाएगा कि नहीं। इन पैराशूट की मदद से 5 टन के डमी पैराशूट को जमीन पर लैंड कराया गया।
इसका वजन भी उतना ही है जितना गगनयान के क्रू मॉड्यूल को होता है। इस टेस्ट के लिए भारतीय वासूसेना के IL-76 एयरक्राफ्ट की मदद ली गई। बता दें कि पैराशूट को ढाई किलोमीटर ऊपर से गिराया गया था, जिसके बाद दो छोटे पाइरो-बेस्ड मोर्टार पायलट पैराशूट छोड़े गए। सात सेकेंड के भीतर दोनों पैराशूट खुल गए। इस टेस्टिंग को पूरा होने में महज 2 से 3 मिनट का समय लगा।
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