Gaganyaan Mission: महिला अंतरिक्ष यात्रियों को मिलेगी प्राथमिकता, ISRO चीफ ने कहा- देंगे ज्यादा से ज्यादा मौका
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने मंगलवार (24 अक्टूबर) को कहा कि वो देश के अंतरिक्ष अभियानों में महिला प्रतिनिधित्व बढ़ाने की इच्छा रखते हैं। उन्होंने कहा कि यह इच्छा प्रधानमंत्री मोदी सहित देश की भावनाओं को दर्शाती है। पूर्णमासी कावु मंदिर में एक कार्यक्रम के दौरान एस सोमनाथ ने इसरो के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन में ज्यादा से ज्यादा महिला अंतरिक्ष यात्रियों के शामिल होने की अपनी इच्छा जाहिर की।
By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Tue, 24 Oct 2023 04:59 PM (IST)
पीटीआई, तिरुवनंतपुरम। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने मंगलवार (24 अक्टूबर) को कहा कि वो देश के अंतरिक्ष अभियानों में महिला प्रतिनिधित्व बढ़ाने की इच्छा रखते हैं। उन्होंने कहा कि यह इच्छा प्रधानमंत्री मोदी सहित देश की भावनाओं को दर्शाती है। पूर्णमासी कावु मंदिर में एक कार्यक्रम के दौरान एस सोमनाथ ने इसरो के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन में ज्यादा से ज्यादा महिला अंतरिक्ष यात्रियों के शामिल होने की अपनी इच्छा जाहिर की।
हालांकि, एस सोमनाथ ने स्पष्ट करते हुए कहा कि अंतरिक्ष यात्रियों का चयन और प्रशिक्षण पहले ही किया जा चुका है, इसलिए पहले गगनयान मिशन में महिलाओं की भागीदारी संभव नहीं होगी। गगनयान मिशन का उद्देश्य इंसानों को अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है।
मैंने केवल प्रधानमंत्री मोदी सहित देश की आवाज उठाई है- सोमनाथ
इसरो चीफ ने भविष्य के गगनयान मिशनों में महिलाओं की अधिक भागीदारी होने की आशा व्यक्त की। उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, "अंतरिक्ष अभियानों में ज्यादा महिला अंतरिक्ष यात्री मेरी विश लिस्ट का हिस्सा हैं और मैंने केवल प्रधानमंत्री मोदी सहित देश की आवाज उठाई है।"इसरो अगले साल महिला ह्यूमनॉइड भेजेगा
इससे पहले इसरो एस सोमनाथ ने कहा था कि इसरो अपने बहुप्रतीक्षित मानव अंतरिक्ष मिशन कार्यक्रम गगनयान के लिए महिला पायलटों या महिला वैज्ञानिकों को प्राथमिकता देगा और भविष्य में उन्हें भेजना संभव है। उन्होंने यह भी कहा था कि इसरो अगले साल अपने मानव रहित गगनयान अंतरिक्ष मिशन पर एक महिला ह्यूमनॉइड (एक रोबोट जो मानव जैसा दिखता है) को भेजेगा।400 किमी पृथ्वी की निचली कक्षा में जाएंगे इंसान
गगनयान के इस महत्वाकांक्षी मिशन का लक्ष्य इंसानों को तीन दिनों के लिए 400 किलो मीटर पृथ्वी की निचली कक्षा में अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से धरती पर वापस लाना है। सोमनाथ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि हमें भविष्य में योग्य महिला उम्मीदवारों का पता लगाना होगा।
ये भी पढ़ें: Lunar Eclipse 2023: 28-29 अक्टूबर को लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानिए भारत में किस समय और कहां आएगा नजर