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Gaganyaan Mission: D1 की लॉन्चिंग से दुनिया देखेगा भारत का दम, जनवरी 2024 में लैग्रेंज बिंदु तक पहुंचेगा Aditya-L1

ISRO चीफ सोमनाथ ने कहा पहली परीक्षण उड़ान के बाद हमने तीन और परीक्षण मिशनों D2 D3 D4 की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य गगनयान मिशन के दौरान अंतरिक्षयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। गगनयान मिशन के तहत तीन अंतरिक्षयात्रियों के दल को 400 किमी. की कक्षा में ले जाया जाएगा। इसके बाद उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाकर भारत मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करेगा।

By Jagran NewsEdited By: Shubham SharmaUpdated: Sun, 15 Oct 2023 05:30 AM (IST)
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मानव अंतरिक्ष उड़ान में दुनिया देखेगा भारत की दम। (फाइल फोटो)

एजेंसी, मदुरई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस. सोमनाथ ने शनिवार को कहा कि गगनयान मिशन के तहत 21 अक्टूबर को पहली परीक्षण उड़ान के जरिये क्रू एस्केप सिस्टम का इनफ्लाइट एबार्ट टेस्ट किया जाएगा।

मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन

सोमनाथ ने कहा, पहली परीक्षण उड़ान के बाद हमने तीन और परीक्षण मिशनों, D2, D3, D4 की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य गगनयान मिशन के दौरान अंतरिक्षयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। गगनयान मिशन के तहत तीन अंतरिक्षयात्रियों के दल को 400 किमी. की कक्षा में ले जाया जाएगा।  इसके बाद उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाकर भारत मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करेगा।

सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से होगा लॉन्च

अगले साल के अंत में मानव अंतरिक्ष उड़ान के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों के क्रू मॉड्यूल का परीक्षण करने के लिए परीक्षण वाहन विकास उड़ान (TB-D1) को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लांच किया जाएगा। परीक्षण के दौरान मॉड्यूल को अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा। इसके साथ इसे पृथ्वी पर वापस लाकर बंगाल की खाड़ी में उतारा जाएगा। देश के पहले सौर मिशन, आदित्य-L1 के बारे में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में सोमनाथ ने उम्मीद जताई कि यह जनवरी 2024 के मध्य में लैग्रेंज बिंदु (L1) तक पहुंच जाएगा।

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