सुर्खियों में रहे 'युधिष्ठिर' को दूसरी पारी नहीं
सूचना प्रसारण मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार गजेंद्र चौहान का कार्यकाल 2 मार्च को पूरा हो गया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बीते सालों में विवादों की सुर्खियों में रहे पुणे के प्रसिद्ध राष्ट्रीय फिल्म संस्थान के चेयरमैन अभिनेता गजेंद्र चौहान को सरकार ने दूसरी पारी नहीं दी है। चौहान को दूसरा कार्यकाल नहीं दिए जाने के मद्देनजर एफटीआई के नए अध्यक्ष की तलाश भी शुरू हो गई है। सरकारी हलकों से मिले संकेतों के अनुसार बेशक संस्थान के नए अध्यक्ष के लिए फिल्म जगत की हस्तियों में से ही किसी को चुना जाएगा। मगर इस बार अध्यक्ष की नियुक्ति में फिल्मी हस्ती की शख्सियत और अहमियत भी नियुक्ति का पैमाना होगा।
सूचना प्रसारण मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार गजेंद्र चौहान का कार्यकाल 2 मार्च को पूरा हो गया। मगर दूसरे कार्यकाल के लिए किसी तरह का आदेश अभी तक जारी नहीं हुआ है। इसका संदेश साफ है कि सरकार ने एफटीआइआइ पुणे के नए अध्यक्ष की तलाश शुरू कर दी है। गौरतलब है कि प्रसिद्ध धारावाहिक महाभारत में युधिष्ठिर की भूमिका निभाने वाले गजेंद्र चौहान को जब इस संस्थान का चेयरमैन नियुक्त किया गया था तो वहां सालों से काबिज छात्रों ने उनकी अभिनय जगत में काबिलियत पर सवाल उठाते हुए भारी विरोध किया था। तब इस विरोध ने सियासी रंग पकड़ लिया और नियुक्ति के करीब सात महीने तक चौहान अपना पद भार नहीं संभाल पाए थे।
हालांकि जब चौहान ने विरोध के बीच कमान संभाली तो धीरे-धीरे संस्थान को पटरी पर लाने की कसरत शुरू हुई। इस दरम्यान मंत्रालय ने भारतीय सूचना सेवा के वरिष्ठ अधिकारी भूपेंद्र कैंथोला को एफटीआइआइ का निदेशक बनाकर भेजा जिन्होंने संस्थान के होस्टल को अनाधिकृत रुप से काबिज छात्रों से मुक्त कराया। साथ ही संस्थान के फिल्मों से जुड़े कोर्स और नए पाठ्यक्रमों को चौहान के साथ मिलकर लागू कराया है। पुणे फिल्म संस्थान के पिछले कुछ सालों के इस विवाद के इतिहास को देखते हुए नए चेयरमैन की नियुक्ति काफी सोच विचार के बाद ही की जाएगी।