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VIDEO: भगवान गणेश की मूर्ति से लेकर चंद्रयान 3 रॉकेट तक, 65 लाख के सिक्कों और नोटों से सजा बेंगलुरु का मंदिर

गणेश चतुर्थी उसत्व से पहले कर्नाटक के बेंगलुरु में एक मंदिर का अद्भुत नजारा देखने को मिला। यहां 65 लाख रुपये की करेंसी नोटों और सिक्कों से मंदिर को सजाया गया है। श्री सत्य गणपति मंदिर जेपी नगर में स्थित है। यहां हर साल गणेश पूजा उत्सव के दौरान कुछ अनोखा प्रदर्शित होता है।इस मंदिर में 10 20 50 और 500 रुपये से लेकर सैकड़ों सिक्कों का उपयोग हुआ है।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Mon, 18 Sep 2023 01:06 PM (IST)
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65 लाख के सिक्कों और नोटों से सजा बेंगलुरु का मंदिर (Image: ANI Video)
बेंगलुरु, ANI। Ganesh Chaturthi 2023: 19 सितंबर से देशभर में गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाया जाएगा। देश के लगभग हर मंदिरों में भगवान गणेश की मूर्तियों को अद्भुत तरीके से सजाया जा रहा है। मुंबई, दिल्ली से लेकर बेंगलुरु तक में गणेश उत्सव का उत्साह देखने को मिल रहा है।

बात करें बेंगलुरु के एक मंदिर की तो वहां लगभग 11 सालों से गणेश उत्सव से पहले भगवान गणेश की मूर्ति से लेकर मंदिर तक को अनोखे तरीके से सजाया जा रहा है। इस साल भी इस मंदिर का अलग नजारा देखने को मिला। 

65 लाख के नोटों और सिक्कों से सजा मंदिर

गणेश चतुर्थी उत्सव से पहले, बेंगलुरु के जेपी नगर में स्थित श्री सत्य गणपति मंदिर को 65 लाख रुपये के करेंसी नोटों और सिक्कों से सजाया गया है। हर साल ये मंदिर गणेश पूजा उत्सव के दौरान अपने परिसर को अनूठा पेश करती है। 

इस मंदिर को 10, 20,  50 से लेकर  500 तक के सैकड़ों सिक्कों और करेंसी नोटों से मंदिर सजाया गया है।पिछले कुछ वर्षों में, मंदिर ने गणेश चतुर्थी समारोह के हिस्से के रूप में गणपति की मूर्ति को सजाने के लिए फूल, मक्का और कच्चे केले जैसी पर्यावरण-अनुकूल वस्तुओं का भी उपयोग किया है। 

हर साल कुछ नया करने की चाह

समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए मंदिर के ट्रस्टी मोहन राजू ने कहा, '11 साल से हम अलग-अलग तरह से मंदिर को सजाते आ रहे हैं। इस बार सभी ट्रस्टियों ने इसे सिक्कों और नोटों से सजाने की योजना बनाई है। कुल  52.50 लाख रुपये सिक्के और 2 करोड़ 6 लाख रुपये के नोट का इस्तेमाल इस मंदिर में किया गया है। हर साल हम इसे अलग तरीके से सजाने में करते हैं।'

गणेश चतुर्थी 2023

बता दें कि गणेश चतुर्थी त्योहार हिंदू कैलेंडर के भाद्रपद महीने में आता है। इस दिन को शिव और पार्वती के पुत्र भगवान गणेश के जन्मदिन का प्रतीक माना जाता है। इस त्योहार को विनायक चतुर्थी और गणेशोत्सव के नाम से भी जाना जाता है।

इस अवसर पर लोग अपने घरों और सार्वजनिक स्थानों पर गणेश की मिट्टी की मूर्तियों की स्थापना करते है और अनंत चतुर्दशी के दिन किसी नदी या समुद्र में मूर्ति को विसर्जित किया जाता है। इस साल, गणेश चतुर्थी उत्सव 19 सितंबर से शुरू होगा।

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