गैंगस्टर रवि पुजारी को तो पकड़ा, लेकिन विदेश भागे बड़े कारोबारियों की बारी कब आएगी
अंडर वर्ल्ड गैंगस्टर रवि पुजारी के प्रत्यर्पण के बाद हाल ही में मुंबई कोर्ट में पेश किया गया। इसके साथ ही एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है कि बाकी आरोपितों को कब देश लाया जाएगा? इनमें मुख्य रूप से बड़े कारोबारी है।
By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Thu, 25 Feb 2021 10:07 AM (IST)
नेशनल डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्यर्पण कर लगभग सालभर पहले अफ्रीका से भारत लाए गए गैंगस्टर रवि पुजारी को मुंबई कोर्ट ने नौ मार्च तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। उसके खिलाफ मुंबई में 78 मामले हैं। वहीं देशभर में 200 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हैं। रवि पुजारी विदेश में रहकर अपराध को अंजाम दे रहा था। अलग-अलग गिरोह बनाकर हफ्ता वसूली करने लगा था। साथ ही बॉलीवुड में दहशत फैलाने का काम भी कर रहा था।
पुजारी को जनवरी 2019 में पश्चिम अफ्रीका के सेनेगल में गिरफ्तार किया गया था। जमानत के बाद वह वहां से भाग गया और नाम बदल कर रह रहा था। उसे सेनेगल की राजधानी डकार से गिरफ्तार किया गया था। रवि पुजारी की तरह कई बड़े नाम हैं जो भगोड़े घोषित कर दिए गए हैं लेकिन पुलिस उन्हें अभी तक भारत नहीं ला पाई है। ईडी द्वारा प्रस्तुत रिकॉर्ड की बात करें तो 36 कारोबारी ऐसे हैं जो आर्थिक घोटाला और अपराध कर देश से बाहर भाग गए है। पुलिस उन्हें लाने में सफल नहीं हुई है:
ऐसे आया भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल
2017 में वित्त मंत्रलय ने एक ड्राफ्ट बिल जारी किया था। यह ड्राफ्ट बिल उन हाई वैल्यू आर्थिक अपराधियों के मामलों में था जो मुकदमे से बचने के लिए देश छोड़कर भाग जाते हैं। तब कहा गया था कि नए बिल की जरूरत है क्योंकि मौजूदा कानूनों में निपटने का प्रविधान नहीं है।2018 में विदेशी मामलों के मंत्रलय ने कहा था कि भारतीय अदालतों के मुकदमों से बचने के लिए 30 से अधिक व्यवसायी, जिनकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय कर रहे हैं, देश से फरार हो चुके हैं। इसके बाद 2018 में भगोड़ा आर्थिक बिल लाया गया।
प्रमुख विशेषताएंभगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ): एक ऐसा व्यक्ति है जिसके खिलाफ अनुसूची में दर्ज किसी अपराध के संबंध में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। इस अपराध का मूल्य कम से कम 100 करोड़ रुपए है। इसके अतिरिक्त उस व्यक्ति ने मुकदमे से बचने के लिए देश छोड़ दिया है और देश लौटने से इनकार कर दिया है। अनुसूची में 55 आर्थिक अपराध सूचीबद्ध है जिनमें मुख्य रूप से नकली सरकारी स्टाम्प या नोट बनाना, बेनामी लेन-देन,धोखाधड़ी वाले लेन-देन करना, टैक्स चोरी, और मनी लांडिंग आदि है।
11 हजार करोड़ का बैंक घोटाला कर भागे नीरव मोदीपंजाब नेशनल बैंक में करीब साढ़े 11 हजार करोड़ के बैंकिंग घोटाले में हीरा कारोबारी नीरव मोदी का नाम उजागर हुआ है। ईडी ने नीरव मोदी के खिलाफ मनी लांडिंग का केस दर्ज कर लिया। बताया जाता है कि एक जनवरी 2019 में भाग गया था। मेहुल चुन्नीभाई चौकसी पर भी पंजाब नेशनल बैंक घोटाला में शामिल होने का आरोप है। चौकसी पर भी मनी लांडिंग व स्टॉक मार्केट की गड़बड़ियों का मामला दर्ज है।
मनी लांडिंग के केस में फंसे हैं ललित मोदीपूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी पर वर्ष 2010 में मनी लांडिंग का केस दर्ज हुआ था। ललित मोदी पर बीसीसीआइ को वित्तीय नुकसान पहुंचाने का आरोप है। उन्हें आइपीएल के कमिश्नर पद से हटा दिया गया था। इसके बाद ललित मोदी अपने परिवार की सुरक्षा का हवाला देते हुए इंग्लैंड फरार हो गया।
900 करोड़ का लोन नहीं चुकायाशराब कारोबारी विजय माल्या 900 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाने के चलते देश छोड़ चुका है। विजय माल्या भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। माल्या के खिलाफ देश में कई मामले चल रहे हैं।ईडी ने कोर्ट को बताया था ऐसे 36 भगोड़े कारोबारी हैं
सिर्फ यह पांच नहीं बल्कि देश में 32 ऐसे भगोड़े कारोबारी हैं, जो घोटाला कर देश से बाहर भाग गए हैं। वे पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। ईडी ने यह जानकारी अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआइपी हेलिकॉप्टर मामले में रक्षा एजेंट सुरेश मोहन गुप्ता की जमानत याचिका पर दी है।विमान सौदे में एक हजार करोड़ की रिश्वतकॉरपोरेट लॉबिस्ट दीपक तलवार पर कथित तौर पर लगभग एक हजार करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के मामले आरोपित हैं। आयकर विभाग में उनके खिलाफ पांच मामले दर्ज हैं। विमान सौदों की दलाली करने वाले तलवार ने अधिकारियों को रिश्वत दी थी।
भारतीयों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारीरेड कॉर्नर नोटिस: जिनके खिलाफ देश में केस दर्ज हैं और उन पर प्रकरण चलाने या सजा देने के लिए संबंधित आरोपित की गिरफ्तारी की मांग करना। भारत के 236 लोगों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी है।यलो नोटिस: लापता व्यक्तियों, अक्सर नाबालिगों का पता लगाने व मदद करने के लिए यह नोटिस जारी किया जाता है। भारत के 17 लोगों की पहचान के लिए इसे जारी किया गया है।
ब्लू नोटिस: किसी अपराध के संबंध में किसी व्यक्ति की पहचान, स्थान या गतिविधियों के बारे में अतिरिक्त जानकारी एकत्र करना।ब्लैक नोटिस: अज्ञात निकायों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए।ग्रीन नोटिस: किसी व्यक्ति की आपराधिक गतिविधियों के बारे में चेतावनी देना, जहां व्यक्ति को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए संभावित खतरा माना जाता है।
ऑरेंज नोटिस: किसी घटना, किसी व्यक्ति, वस्तु या प्रक्रिया को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर और आसन्न खतरे की चेतावनी देने के लिए।पर्पल नोटिस: अपराधियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली मॉडस ऑपरेंडी, वस्तुओं, उपकरणों और छिपने के तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करने या प्रदान करने के लिए।इंटरपोल नोटिस: उन समूहों और व्यक्तियों के लिए जारी किया गया जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समितियों के दायरे में आते हैं।