'मंत्री विपक्ष के नेताओं को धमकी दे रहे', ललन सिंह और रवनीत बिट्टू पर कार्रवाई हो; कांग्रेस ने ओम बिरला को लिखा पत्र
असम के जोरहाट से लोकसभा सांसद गौरव गोगोई ने अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र लिखकर केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह और रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने यह मांग दोनों केंद्रीय मंत्रियों द्वारा संसद में कांग्रेस की वरिष्ठतम नेता सोनिया गांधी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ धमकी भरे और असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने के लिए की है।
पीटीआई, नई दिल्ली। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता और सांसद गौरव गोगोई (Gaurav Gogoi) ने शनिवार को अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने संसद में संसदीय आचरण के बिगड़ते मानकों पर गहरी चिंता जताई है। चिंता जताते हुए गोगोई ने सरकार के मंत्रियों द्वारा विपक्षी नेताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का हवाला दिया है।
गौरव गोगोई ने पत्र में आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) और रवनीत सिंह बिट्टू ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के खिलाफ धमकी भरे और असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया।
बिरला से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग
असम के जोरहाट से लोकसभा सांसद गोगोई ने बिरला को लिखे पत्र लिखकर उनसे तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि बिरला सांसदों के खिलाफ निंदनीय बयान देने वालों के खिलाफ जल्दी कार्रवाई करेंगे।सरकार के मंत्री धमकी भरे बयान देते हैं- गोगोई
गौरव गोगोई ने पत्र में कहा, "मैं आपको लोकसभा में संसदीय आचरण के गिरते मानकों के बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त करने के लिए लिख रहा हूं, जैसा कि चल रहे मानसून सत्र के कई उदाहरणों से स्पष्ट है। अक्सर, यह सरकार के मंत्री ही होते हैं जो विपक्षी दलों के सदस्यों के खिलाफ असंसदीय, आपत्तिजनक और धमकी भरे बयान देते हैं।"
मंत्री राजीव रंजन ने धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल किया
उन्होंने दावा किया है कि 26 जुलाई को केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल किया। हुड्डा संसद के सदस्य भी नहीं हैं।संसदीय कार्य मंत्री को लेकर सवाल उठाया
गौरव गोगोई ने आगे कहा है कि 25 जुलाई को केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी का जिक्र करते हुए असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया। उन्होंने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा सदन में अपने भाषण के दौरान सांप्रदायिक भाषा का इस्तेमाल करने का भी उदाहरण दिया है। उन्होंने इन घटनाओं को लेकर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को लेकर सवाल उठाया है।
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