अफवाह फैला कर हानि पहुंचाने की हुई कोशिश : गौतम अदाणी
गौतम अदाणी ने अपने संदेश में इस बात का भी उल्लेख किया है कि “सुप्रीम कोर्ट की समिति को कंपनी में किसी तरह की गड़बड़ी का पता नहीं चला था। समिति ने अदाणी समूह पर लगे आरोपों को रद्द करते हुए यहां तक कहा था कि इस तरह के आरोप भारतीय बाजार को अस्थिर करने के लिए लगाये गये हैं।
By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Tue, 27 Jun 2023 10:19 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने हिंडनबर्ग की तरफ से अपनी कंपनी पर लगाये गये आरोपों पर एक बार फिर खुल कर विचार रखे हैं।
गौतम अदाणी ने कहा है कि अमेरिकी एजेंसी ने लक्ष्य बना कर उनकी कंपनी को लेकर अफवाह फैलाई व गलत सूचनाएं दी जिसका उद्देश्य कंपनी की छवि को नुकसान पहुंचाना और कंपनी के शेयरों के भाव में कमी आने पर उससे मुनाफा कमाना था।भारत के सबसे अमीर लोगों में शामिल गौतम अदाणी ने यह बात अदाणी समूह की सालाना रिपोर्ट में कही है जिसके मंगलवार को जारी किया गया।
राजनीतिक मुद्रा बना हिंडनबर्ग रिपोर्ट
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से भारतीय शेयर बाजार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ था और अदाणी समूह की कंपनियों का बाजार मूल्यांकन में 150 अरब डॉलर तक की कमी दर्ज की गई थी। इसे घरेलू स्तर पर राजनीतिक मुद्दा भी बनाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर सुनवाई की थी और विशेषज्ञ जांच समिति गठित की थी। समिति की रिपोर्ट ने हाल ही में अपनी अंतरिम रिपोर्ट दी है जिसमें अदाणी समूह को क्लीन चिट दी गई है।
जानें अदाणी ने रिपोर्ट पर क्या कहा
गौतम अदाणी ने अपने संदेश में इस बात का भी उल्लेख किया है कि “सुप्रीम कोर्ट की समिति को कंपनी में किसी तरह की गड़बड़ी का पता नहीं चला था। समिति ने अदाणी समूह पर लगे आरोपों को रद्द करते हुए यहां तक कहा था कि इस तरह के आरोप भारतीय बाजार को अस्थिर करने के लिए लगाये गये हैं।"
सनद रहे कि जब पहली बार हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आई थी तब गौतम अदाणी ने इसे भारत पर हमला करार दिया था। अदाणी ने भारतीय इकॉनोमी को लेकर अभी इस रिपोर्ट में विस्तार से बात रखी है।अदाणी ने आगे कहा है कि, पूरे मामले पर सेबी की रिपोर्ट अगले महीने आने की संभावना है लेकिन हमें भरोसा है कि गवर्नेंस व नियामकों को जानकारी देने के मामले में हम खरे उतरेंगे।"
गौतम अदाणी ने सरकार के कदमों के सराहा
उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों की भविष्यवाणी करना मुश्किल हो गया है लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं है कि भारत वर्ष 2030 से काफी पहले दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनोमी और वर्ष 2050 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनोमी के तौर पर स्थापित हो जाएगा। इसके लिए उन्होंने स्थिर सरकार और सरकार की सुधारवादी कदमों को सबसे ज्यादा श्रेय दिया है।अदाणी ने कहा है कि, किसी भी इकॉनोमी को विकास की राह पर ले जाने के लिए एक स्थिर सरकार बहुत जरूरी है और हमने देखा है कि बडे़ सुधारों को लागू करने में इसका कितना महत्व होता है।"