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क्या है GE-F414 इंजन, जिससे चीन-पाकिस्तान से आगे निकल जाएगा भारत; सिर्फ चार देशों के पास है ऐसी तकनीक

GE-F414 इंजन कई आधुनिक तकनीक से लैस है जो इसे महत्वपूर्ण बनाती है। इस इंजन में एफएडीईसी सिस्टम लगा है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसकी परफॉर्मेंस को डिजिटल तरीके से कंट्रोल किया जा सकता है। इस इंजन की लाइफ लाइन बढ़ाने के लिए इसमें अव्वल दर्जे का कूलिंग सिस्टम लगाया गया है। इससे इंजन की क्षमता भी बढ़ जाती है।

By Devshanker ChovdharyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Thu, 22 Jun 2023 04:42 PM (IST)
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भारत को अमेरिका से मिला GE-F414 इंजन तकनीक।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। India US Deal GE-F414 Engine: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी राजकीय यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण साबित हुई। उनकी इस ऐतिहासिक यात्रा से भारत और अमेरिका के बीच रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण डील हुई है। भारत और अमेरिका के बीच जीई-एफ414 इंजन (GE-F414 Engine) को लेकर समझौते हुए हैं, जो अपने आप में ऐतिहासिक है। इसे मील का पत्थर माना जा रहा था।

बता दें कि GE-F414 इंजन टेक्नोलॉजी मिलने से अब भारत उन शक्तिशाली देशों में शुमार हो जाएगा, जिसके पास इस समय ये टेक्नोलॉजी मौजूद हैं। इस इंजन को भारत अपने हल्के लड़ाकू विमान तेजस में इस्तेमाल करेगा। इस तकनीक से भारत अब चीन और पाकिस्तान को भी पीछे छोड़ देगा।

क्या है GE-F414 इंजन टेक्नोलॉजी?

GE-F414 इंजन- इस इंजन को अमेरिका की मल्टिनेशनल कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) तैयार करती है। ये इंजन एक टर्बोफैन इंजन है, जो हल्का होता है। इस इंजन का इस्तेमाल अमेरिका की नेवी कर रही है। पिछले 30 सालों से GE-F414 इंजन अपने ताकत का प्रदर्शन कर रहा है। ये काफी जांचा-परखा इंजन है, जिसका इस्तेमाल अमेरिका सहित कई देशों में हो रहा है।

इसके प्रदर्शन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस इंजन ने अब तक 50 लाख से अधिक घंटे की उड़ान भरी है। इसे बनाने वाली कंपनी अब तक 1600 से अधिक इंजन बना चुकी है, जिसका फाइटर जेट्स में इस्तेमाल हो रहा है।

GE-F414 इंजन की खासियत

GE-F414 इंजन कई आधुनिक तकनीक से लैस है, जो इसे महत्वपूर्ण बनाती है। इस इंजन में एफएडीईसी सिस्टम लगा है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसकी परफॉर्मेंस को डिजिटल तरीके से कंट्रोल किया जा सकता है। इस इंजन की लाइफ लाइन बढ़ाने के लिए इसमें अव्वल दर्जे का कूलिंग सिस्टम लगाया गया है। इससे इंजन के सुरक्षित होने के साथ-साथ उसकी क्षमता भी बढ़ जाती है।

कितने देशों के पास है ऐसी तकनीक?

दुनिया में ऐसे आठ देश हैं, जिनके पास GE-F414 इंजन जैसी तकनीक है और उसका इस्तेमाल कर रहा है। जल्द ही इस सूची में भारत भी शामिल हो जाएगा। अमेरिका में एफ ए 18ई एफ सुपर होर्नोट और ईए18जी ग्रोवलर में इसका इस्तेमाल रहा है।

भारत के लिए GE-F414 इंजन क्यों है खास?

भारत GE-F414 इंजन को अपने तेजस एमके2 एयरक्राफ्ट में लगाएगा। इस तकनीक से तेजस और भी एडवांस हो जाएगा। तेजस में इस इंजन का प्रयोग करने के लिए 2010 में सुझाव दिया गया था। इस समय तेजस में इस इंजन का बेसिक डिजाइन GE-404-IN20 इंजन का इस्तेमाल हो रहा है। इसे आज से 50 साल पहले तैयार किया था, जो अब पुराना हो गया है।

भारत के लिए डील का महत्व

भारत और अमेरिका के बीच GE-F414 इंजन तकनीक को लेकर डील पक्की हो जाने के बाद भारत अब उन देशों की सूची में शामिल हो गया, जो खुद फाइटर जेट्स इंजन तैयार करते हैं।

चार देशों के पास हैं फाइटर जेट्स इंजन तैयार करने की तकनीक

इस समय सिर्फ चार देश ऐसे हैं, जिनके पास फाइटर जेट्स इंजन तैयार करने की तकनीक है। इन देशों में अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस का नाम है, लेकिन जल्द ही भारत का नाम इसमें जुड़ सकता है।