मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर जर्मनी ने उठाए सवाल, भारत ने कहा- बिना जानकारी कोई टिप्पणी करने से बचे
फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट आल्ट न्यूज के सह-संस्थापक जुबैर को पिछले महीने के अंत में 2018 में उनके द्वारा पोस्ट किए गए आपत्तिजनक ट्वीट पर गिरफ्तार किया गया था। बताते चलें कि मोहम्मद जुबैर ने अपनी जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरावाजा खटखटाया है।
By Piyush KumarEdited By: Updated: Fri, 08 Jul 2022 03:38 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसियां। आल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर जर्मनी द्वारा भारत को प्रेस की आजादी पर नसीहत दी गई। भारत के विदेश मंत्रालय ने भी गुरुवार दो टूक जवाब देते हुए कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची की यह टिप्पणी जर्मन विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी द्वारा जुबैर के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का जिक्र करते हुए पत्रकारों के कहने और लिखने की आजादी देने वाले बयान के एक दिन बाद आई है। बागची ने कहा, 'यह अपने आप में एक घरेलू मुद्दा है। मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया चल रही है और मुझे नहीं लगता कि मेरे या किसी और के लिए उचित होगा कि इस मामले पर कोई टिप्पणी करे क्योंकि यह मामला विचाराधीन है।
क्या कहा था जर्मनी ने जर्मन अधिकारी ने कहा था कि मुफ्त रिपोर्टिंग किसी भी समाज के लिए फायदेमंद है। वहीं, रिपोर्टिंग पर प्रतिबंध लगाना चिंता का विषय है। जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'पत्रकारों को उनके कहने और लिखने के लिए सताया और कैद नहीं किया जाना चाहिए। हम वास्तव में इस विशिष्ट मामले से अवगत हैं और नई दिल्ली स्थित हमारा दूतावास इस मामले पर बारीकी से नजर रख रहा है।
जर्मन प्रवक्ता ने कहा, 'भारत खुद को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताता है। इसलिए कोई भी उम्मीद कर सकता है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता जैसे लोकतांत्रिक मूल्यों को वहां आवश्यक स्थान दिया जाएगा।'जानिए कब हुई थी जुबैर की गिरफ्तारी
बता दें कि फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट आल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक जुबैर को पिछले महीने के अंत में 2018 में उनके द्वारा पोस्ट किए गए 'आपत्तिजनक ट्वीट' पर गिरफ्तार किया गया था। बताते चलें कि मोहम्मद जुबैर ने अपनी जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरावाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट में जुबैर की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की जाएगी।