सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अफजाल अंसारी की लोकसभा सदस्यता बहाल, शीर्ष अदालत ने शर्तों के साथ सजा की थी निलंबित
लोकसभा सचिवालय ने गुरुवार को निचले सदन के सदस्य के रूप में बसपा नेता अफजाल अंसारी की अयोग्यता को रद्द कर दिया। लोकसभा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गैंगेस्टर एक्ट मामले में बसपा नेता अफजाल अंसारी की सजा को सशर्त निलंबित करने के बाद यह निर्णय लिया। हालांकि वह सदन की कार्यवाही भाग नहीं ले सकेंगे। इस संबंध में लोकसभा सचिवालय ने अधिसूचना भी जारी की।
पीटीआई, नई दिल्ली। लोकसभा सचिवालय ने गुरुवार को निचले सदन के सदस्य के रूप में बसपा नेता अफजाल अंसारी की अयोग्यता को रद्द कर दिया। लोकसभा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गैंगेस्टर एक्ट मामले में बसपा नेता अफजाल अंसारी की सजा को सशर्त निलंबित करने के बाद यह निर्णय लिया। हालांकि, वह सदन की कार्यवाही भाग नहीं ले सकेंगे।
इस संबंध में लोकसभा सचिवालय ने अधिसूचना भी जारी की। गत दिसंबर शीर्ष अदालत के जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने दो-एक के बहुमत के फैसले में अंसारी की सजा को शर्तों के साथ निलंबित किया था।
जस्टिस सूर्यकांत और भुइयां ने बहुमत में फैसला सुनाया था
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस भुइयां ने बहुमत में फैसला सुनाया था और जस्टिस दत्ता ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अंसारी की याचिका को खारिज कर दिया था। हालांकि शीर्ष अदालत ने कहा था कि अंसारी के पास लोकसभा में वोट देने अथवा कोई भत्ता या मौद्रिक लाभ लेने का भी अधिकार नहीं होगा। ऐसे में अंसारी आगामी बजट सत्र में शामिल नहीं हो सकेंगे।
अयोग्यता के कारण गाजीपुर वैध प्रतिनिधित्व से वंचित रह जाएगा
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि उनकी अयोग्यता के कारण गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र वैध प्रतिनिधित्व से वंचित रह जाएगा और वर्तमान लोकसभा के शेष कार्यकाल को देखते हुए उपचुनाव नहीं कराया जा सकता है।
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