पाकिस्तान के मन में कश्मीर प्रेम है दिखावा, सच्चाई बयां कर रहे न्यूयॉर्क में सड़क पर पड़े ये झंडे
कश्मीर और वहां के लोगों से पाकिस्तानियों को कितना प्रेम है इसको न्यूयॉर्क की सड़क पर पड़े झंडे काफी हद तक बयां कर देते हैं।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Sun, 29 Sep 2019 06:02 PM (IST)
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। पाकिस्तान भले ही कश्मीर के मुद्दे पर बार-बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुंह की खाता रहा हो लेकिन इसके बाद भी वह कश्मीरियों के प्रति झूठा प्रेम दिखाने से बाज नहीं आ रहा है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में मिशन कश्मीर पर निकले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भले ही इसका कितना ही दिखावा क्यों न कर लें, लेकिन सच्चाई किसी से छिपी नहीं रही है। इसकी गवाही न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के बाहर पड़े गुलाम कश्मीर के झंडे बयां कर रहे हैं।
एक कड़वी सच्चाई यह कोई मजाक नहीं बल्कि एक कड़वी सच्चाई है। दरअसल, जिस वक्त भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना संबोधन दे रहे थे उस वक्त कुछ मुठ्ठीभर लोग इसके बाहर उनका विरोध कर रहे थे। इन लोगों के हाथों में गुलाम कश्मीर का झंडा था और ये नारेबाजी कर रहे थे। ये अपने नारों में इस बात का अहसास करवाना चाहते थे कि ये लोग कश्मीर और वहां रहने वाले लोगों के करीबी और बड़े हिमायती हैं और उन्हें प्रेम करते हैं। लेकिन इनकी हकीकत इससे बिल्कुल उलट निकली। ज्यों ही पीएम मोदी का संबोधन खत्म हुआ ये लोग भी वहां से चले गए और पीछे छोड़ गए गुलाम कश्मीर का झंडा, जिससे कुछ समय पहले तक ये प्रेम होने का दम भर रहे थे। पीएम मोदी के संबोधन के बाद ये झंडा लोगों के कदमों में रौंदता रहा, लेकिन इसके चाहने वालों ने इस ओर देखा तक नहीं।
इमरान के खिलाफ बलूचों की नारेबाजी
जिस तरह से इन लोगों ने पीएम मोदी के खिलाफ नारेबाजी की थी ठीक उसी तरह से इमरान खान के संबोधन के दौरान भी संयुक्त राष्ट्र के बाहर फ्री बलूचिस्तान के समर्थकों ने भी उनके खिलाफ नारेबाजी की थी। इतना ही नहीं ये इन लोगों ने पाकिस्तान सेना के चीफ के फोटो को कालिख तक पोत रखी थी। इन लोगों का कहना था कि सरकार और सेना मिलकर न सिर्फ बलूच बल्कि पश्तूनों के खिलाफ भी दमन चक्र चलाए हुए है। ये लोगों को अगवा कर उनकी हत्या करवा रहे हैं और महिलाओं से ज्यादत्तियां कर रहे हैं। ये लोग सैकड़ों की संख्या में थे लेकिन जब ये लोग यहां से गए तो सड़क पर न तो कोई पाकिस्तान का झंडा गिरा हुआ था और न ही कोई पोस्टर। यह इस बात का सुबूत है कि जम्मू कश्मीर पर दिखावा करने वाले या सरकार के एजेंडे पर काम करने वालों का कश्मीर से कोई लेना-देना नहीं है।
गुलालाई इस्माइल ने भी खोली पाक की पोल इतना ही नहीं अपनी जान बचाकर अमेरिका भागकर आने वाली पाकिस्तान की महिला मानवाधिकार कार्यकर्ता गुलालाई इस्माइल ने भी पाकिस्तान का सच पूरी दुनिया के सामने बेनकाब किया है। उन्होंने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर सेना की ओर से ढाए जा रहे जुल्मों की पोल खोलने का काम किया है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में आतंकवाद के सफाए के नाम पर हजारों अल्पसंख्यकों को मौत के घाट उतार दिया गया। उन्होंने पाकिस्तान के चेहरे से नकाब उस वक्त उठाया जब प्रधानमंत्री इमरान खान कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन का रोना रो रहे हैं।
इमरान के 40 मिनट पर भारी विदिशा के पांच मिनट, पाक पीएम की सोशल मीडिया पर हो रही फजीहत पंडित जवाहरलाल नेहरू की गलतियों की सजा दशकों से भुगत रहा है जम्मू कश्मीर!
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