Move to Jagran APP

इस राज्य में पांचवीं से आठवीं तक 30 फीसदी बच्चियां छोड़ देती हैं स्कूल

मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से दी गई एक जानकारी के अनुसार पांचवीं से आठवीं तक 30 फीसदी बच्चियां स्कूल छोड़ देती हैं।

By Jagran News NetworkEdited By: Updated: Sun, 24 Dec 2017 12:20 PM (IST)
इस राज्य में पांचवीं से आठवीं तक 30 फीसदी बच्चियां छोड़ देती हैं स्कूल

नई दिल्ली, अरविंद पांडेय। बालिकाओं को पढ़ाने की सरकार की कोशिश उत्तर प्रदेश, झारखंड, राजस्थान सहित देश के कई बड़े राज्यों में परवान नहीं चढ़ पा रही है। यह स्थिति माध्यमिक स्तर पर और ज्यादा खराब है। अकेले उत्तर प्रदेश पर नजर डालें तो यहां प्राथमिक से माध्यमिक स्तर तक आते-आते बालिकाओं की संख्या करीब 30 फीसदी कम हो जाती है।

रिपोर्ट के मुताबिक, वषर्ष 2016-17 में उत्तर प्रदेश में प्राथमिक स्तर पर बालिकाओं का सकल नामांकन अनुपात 91 फीसदी है, जबकि माध्यमिक स्तर पर यह अनुपात मात्र 60 फीसदी ही रह जाता है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से संसद को दी गई एक जानकारी में यह तथ्य सामने आया है। बताया गया है कि देश में बालिकाओं की शिक्षा का प्राथमिक स्तर पर सकल नामांकन अनुपात 96 फीसदी है, जबकि माध्यमिक स्तर पर यह अनुपात 80 फीसदी है।

रिपोर्ट के तहत जिन राज्यों में बालिकाओं की माध्यमिक शिक्षा का अनुपात काफी कम है, उनमें उत्तर प्रदेश, झारखंड के अलावा राजस्थान, गुजरात, नगालैंड और जम्मू-कश्मीर सहित कई अन्य शामिल हैं। मंत्रालय के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, झारखंड जैसे राज्यों में माध्यमिक स्तर पर बालिकाओं के सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) में यह गिरावट लगातार तीन सालों से जारी है। रिपोर्ट के तहत माध्यमिक स्तर पर बालिकाओं का सकल नामांकन अनुपात गुजरात में 66 फीसदी है, जबकि गुजरात में 68 फीसदी, नगालैंड में 64 फीसदी और जम्मू-कश्मीर में 60 फीसदी है।

रिपोर्ट के तहत उत्तर प्रदेश जैसे राज्य तो प्राथमिक स्तर पर भी राष्ट्रीय औसत अनुपात से काफी पीछे है। प्राथमिक स्तर पर उत्तर प्रदेश का सकल नामांकन अनुपात 91 फीसदी है। जो राष्ट्रीय औसत अनुपात 96 फीसदी से कम है। बालिकाओं की शिक्षा को लेकर राज्यों के इस रवैये को लेकर मंत्रालय ने भी नाराजगी जाहिर की है। मंत्रालय का कहना है कि राज्यों को इस बारे में अलर्ट किया गया है, फिर भी माध्यमिक स्तर पर वह सकल नामांकन अनुपात ब़़ढाने में विफल रहे हैं। इन राज्यों का प्रदर्शन सबसे अच्छा माध्यमिक स्तर पर जिन राज्यों को बालिकाओं की शिक्षा में सबसे बेहतर प्रदर्शन रहा है, उनमें पहले नंबर पर दिल्ली, दूसरे नंबर सिक्किम, तीसरे नंबर त्रिपुरा है। इन राज्यों में माध्यमिक स्तर पर बालिकाओं का सकल नामांकन अनुपात सबसे ज्यादा है।

यह भी पढ़ें: गुजरात चुनावों से नीति आयोग ने लिया सबक, कहा-बेरोजगारी की समस्या से निपटना आवश्यक