तेजपाल को यौन उत्पीड़न मामले में बरी किए जाने को लेकर गोवा सरकार ने हाई कोर्ट में दी चुनौती
गोवा में एक सत्र अदालत ने 21 मई को तेजपाल को बरी कर दिया था। तेजपाल पर गोवा में 2013 में एक लग्जरी होटल की लिफ्ट के भीतर अपनी महिला सहयोगी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप था।
By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Tue, 25 May 2021 09:51 PM (IST)
पणजी, प्रेट्र। गोवा सरकार ने तहलका पत्रिका के संस्थापक संपादक तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न मामले में सत्र कोर्ट द्वारा बरी किए जाने को बांबे हाई कोर्ट में चुनौती दी है। गोवा में एक सत्र अदालत ने 21 मई को तेजपाल को बरी कर दिया था। तेजपाल पर गोवा में 2013 में एक लग्जरी होटल की लिफ्ट के भीतर अपनी महिला सहयोगी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप था।
गोवा के महाधिवक्ता ने कहा- निचली अदालत के आदेश को हाई कोर्ट में दी चुनौतीगोवा के महाधिवक्ता देवीदास पानगम ने कहा कि राज्य सरकार ने बांबे हाई कोर्ट की गोवा पीठ के सामने निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने अभी तक अपील पर सुनवाई की तारीख तय नहीं की है।
सत्र कोर्ट ने संगीन धाराओं में लिप्त तेजपाल को सभी आरोपों से बरी कर दिया था
तेजपाल ने भादवि की धारा 341 (गलत तरीके से रोकना), 342 (बुरी नीयत से बंदी बनाना), 354 (हमला या छेड़खानी के इरादे से बल प्रयोग), 354-ए (यौन उत्पीड़न), 354-बी, 376 (2)(एफ) और 376 (2)(के) के तहत सुनवाई का सामना किया है। सत्र कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया था।
महिला पत्रकारों के संगठन ने गोवा सरकार द्वारा फैसले का किया स्वागत
महिला पत्रकारों के संगठन ने मामले में गोवा सरकार द्वारा फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दाखिल करने के फैसले का स्वागत किया। आईडब्ल्यूपीसी ने कहा, ‘आईडब्ल्यूपीसी पीड़िता और घटना को लेकर उसके दृष्टिकोण के साथ है। संगठन सत्र अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करने के गोवा सरकार के निर्णय का स्वागत करता है।’आईडब्ल्यूपीसी ने कहा- युवा महिला पत्रकार सात साल से लड़ रही न्याय पाने की लड़ाई
आईडब्ल्यूपीसी ने कहा कि युवा महिला पत्रकार ने अपने संपादक के खिलाफ सामने आकर बड़ी हिम्मत दिखाई और पुरुषों के पक्ष में झुकी व्यवस्था में सात साल से अधिक समय तक अथक लड़ाई लड़ती रही।गोवा की सत्र अदालत ने तेजपाल को यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी कर दिया थाबीते शुक्रवार को तहलका के पूर्व संपादक तेजपाल को गोवा की एक सत्र अदालत ने यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी कर दिया था। तेजपाल पर उनकी एक महिला सहयोगी ने गोवा में एक होटल की लिफ्ट में यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।
सत्र अदालत के फैसले को महिला पत्रकारों के संगठनों ने जताई थी निराशाअदालत के इस फैसले को लेकर महिला कार्यकर्ताओं और महिला पत्रकारों के संगठनों ने निराशा जाहिर की थी और मामले की सर्वाइवर के साथ एकजुटता जताई है।आईडब्ल्यूपीसी ने कहा- तेजपाल को बरी करने का फैसला निराशाजनक थाइंडियन वुमन प्रेस कोर (आईडब्ल्यूपीसी) ने कहा कि यौन उत्पीड़न के मामले में पत्रकार तरुण तेजपाल को बरी करने का फैसला निराशाजनक था।