Karnataka Polls: गोवा सरकार ने कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर क्यों किया 'वैतनिक अवकाश' का एलान? आखिर क्या है नियम
गोवा सरकार ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सोमवार को एक अधिसूचना जारी कर 10 मई को वैतनिक अवकाश की घोषणा की थी। अधिसूचना में कहा गया है कि यह अवकाश सरकारी सेवकों के साथ निजी संस्थानों एवं औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत कर्मियों के लिए भी होगा।
By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 11 May 2023 03:04 AM (IST)
पणजी, एजेंसी। गोवा की भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पड़ोसी राज्य कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 10 मई को राज्य में 'वैतनिक अवकाश' का एलान किया था। जिसके बाद राज्य सरकार को विपक्षी दलों और स्थानीय व्यापार निकाय की आलोचना का सामना करना पड़ा। हालांकि, राज्य सरकार ने इस मामले को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है।
राज्य सरकार के मुताबिक, पड़ोसी राज्यों में चुनाव के दौरान 'वैतनिक अवकाश' अधिसूचित करना एक नियमित मामला था।
गोवा सरकार ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सोमवार को एक अधिसूचना जारी कर 10 मई को वैतनिक अवकाश की घोषणा की थी। अधिसूचना में कहा गया है कि यह अवकाश सरकारी सेवकों के साथ निजी संस्थानों एवं औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत कर्मियों के लिए भी होगा।
गोवा सरकार की ओर से मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया कि कर्नाटक राज्य के मतदाताओं को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135-बी के तहत माना गया।
क्या कहता है अधिनियम ?
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135-बी के मुताबिक, किसी भी व्यवसाय, व्यापार, औद्योगिक उपक्रम या किसी अन्य प्रतिष्ठान में नियोजित और लोकसभा या किसी राज्य की विधानसभा के चुनाव में मतदान करने के हकदार प्रत्येक व्यक्ति को मतदान के दिन छुट्टी दी जाएगी।गोवा सरकार के बयान के मुताबिक, पड़ोसी राज्य होने के नाते गोवा में कर्नाटक राज्य के बड़ी संख्या में मतदाता हैं। ऐसे में कर्नाटक के सीईओ कार्यालय द्वारा मतदान के दिन 'वैतनिक अवकाश' घोषित किए जाने की मांग वाला अनुरोध मिला था। इसी के तहत 'अवकाश' को अनुकूल माना गया था।
इसमें आगे कहा गया कि हाल ही में गोवा विधानसभा चुनाव के समय महाराष्ट्र और कर्नाटक सरकार ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत इसी प्रकार की अधिसूचना जारी की थी।