Goa Liberation Day: 36 घंटे में भारतीय सेना ने उखाड़ फेंका था 450 सालों का पुर्तगाली शासन, गोवा के आजादी की दिलचस्प कहानी
गोवा को आजाद कराने के लिए 17 दिसंबर को ऑपरेशन विजय की शुरुआत कर दी गई 19 दिसंबर को तत्कालीन पुर्तगाली गवर्नर मेन्यू वासलो डे सिल्ना ने भारत के सामने समर्पण करते हुए एक समझौते पर हस्ताक्षर कर दिया। 30 मई 1987 में गोवा को एक पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया दया और गोवा आधिकारिक तौर पर भारत का 25वां राज्य बन गया।
By Shalini KumariEdited By: Shalini KumariUpdated: Tue, 19 Dec 2023 10:08 AM (IST)
ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। आज गोवा का 62वां लिबरेशन डे मनाया जा रहा है। आज ही के दिन साल 1961 में गोवा को पुर्तगाल के सैनिकों से आजादी मिली थी। भारत ने कड़े संघर्ष के बाद अंग्रेजी हुकूमत से तो आजादी पा ली थी, लेकिन इसके बाद भी 14 साल तक गोवा पुर्तगालियों का गुलाम बना रहा था।
आजादी के 14 साल बाद गोवा हुआ मुक्त
पुर्तगालियों ने 450 सालों तक गोवा पर राज किया था। देश आजाद होने के 14 साल बाद लोगों ने मन में ठान ली थी कि गोवा को भी आजादी दिलाकर रहेंगे और महज 36 घंटों में पुर्तगाली सैनिकों ने भारत के आगे घुटने टेक दिए थे। 19 दिसंबर, 1961 में एक हस्ताक्षर के बाद गोवा पर से पुर्तगालियों का राज खत्म हो गया और उसके बाद से हर साल 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस (Goa Liberation Day) मनाया जाता है।
इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आखिर कैसे भारतीय सैनिकों ने अपने साहस और एकजुटता के दम पर महज चंद घंटों में गोवा को आजाद करा लिया था।
1510 तक कई हिस्सों पर पुर्तगालियों का कब्जा
दरअसल, वास्को डी गामा 1498 में भारत आए और इसके बाद धीरे-धीरे कुछ ही सालों में पुर्तगालियों ने गोवा पर कब्जा कर लिया। साल 1510 तक भारत के कई हिस्सों पर पुर्तगालियों ने अपना कब्जा कर लिया था, लेकिन फिर 19वीं शताब्दी आते-आते पुर्तगाली उपनिवेश गोवा, दमन, दादर, दीव और नागर हवेली तक सीमित हो गया।1947 में भयावह सांप्रदायिक हिंसा और बंटवारे के बाद भारत को अंग्रेजों से तो पूरी तरह से आजादी मिल गई, लेकिन पुर्तगालियों ने गोवा और देश के किसी भी हिस्से से अपना शासन खत्म करने से इनकार कर दिया। शुरुआती दिनों ने भारत सरकार ने कोशिश की कि शांति के जरिए पुर्तगालियों से छुटकारा पा लिया जाए, लेकिन सभी कोशिशें नाकाम होती दिखने लगी।