'ईश्वर सर्वशक्तिमान... श्रद्धालुओं के घर सहित वह हर जगह मौजूद', केरल HC ने कहा- सरकारी जमीन पर अवैध धार्मिक स्थल की अनुमति नहीं
Kerala HC हाई कोर्ट ने कहा कि ईश्वर सर्वशक्तिमान हैं और श्रद्धालुओं के शरीर उनके घर सहित हर जगह मौजूद हैं। आस्था रखने वाले लोग जहां भी जाते हैं ईश्वर उनके साथ रहते हैं। जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन ने कहा इसलिए ईश्वर में आस्था रखने वालों को धार्मिक स्थलों के निर्माण के लिए सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने की आवश्यकता नहीं है।
पीटीआई, कोच्चि। केरल हाई कोर्ट ने कहा है कि सरकारी जमीन पर किसी भी अवैध धार्मिक स्थल के निर्माण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, फिर चाहे वह किसी भी धर्म का क्यों न हो। हाई कोर्ट ने कहा कि ईश्वर ''सर्वशक्तिमान'' हैं और श्रद्धालुओं के शरीर, उनके घर सहित हर जगह मौजूद हैं।
आस्था रखने वाले लोग जहां भी जाते हैं, ईश्वर उनके साथ रहते हैं। जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन ने कहा, इसलिए ईश्वर में आस्था रखने वालों को धार्मिक स्थलों के निर्माण के लिए सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने की आवश्यकता नहीं है।
भूमिहीन लोगों में किया जाना चाहिए वितरित
इसे भूमिहीन लोगों में वितरित किया जाना चाहिए और मानव जाति के लिए उपयोग किया जाना चाहिए। ऐसा करने से ईश्वर अधिक प्रसन्न होंगे और सभी को आशीर्वाद देंगे। केरल प्लांटेशन कारपोरेशन लिमिटेड ने अदालत में एक याचिका दाखिल कर राज्य सरकार, पुलिस और पथनमथिट्टा जिला अधिकारियों को संस्थान को पट्टे पर दी गई संपत्तियों की पहचान करने और वहां से सभी अतिक्रमणकारियों को हटाने का निर्देश देने की मांग की थी। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी की।छह महीने के भीतर किसी भी तरह से हटाएं
केरल प्लांटेशन कारपोरेशन लिमिटेड की याचिका स्वीकार करते हुए हाई कोर्ट ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे संस्थान को पट्टे पर दी गई संपत्तियों की पहचान करें और सरकारी भूमि पर निर्मित सभी अवैध धार्मिक संरचनाओं सहित सभी अतिक्रमणकारियों को इस फैसले की प्रति प्राप्त होने की तिथि से छह महीने के भीतर किसी भी तरह से हटाएं। अदालत ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वह सभी जिलाधिकारियों को यह पता लगाने के लिए जांच करने का निर्देश दें कि क्या किसी धार्मिक समूह द्वारा किसी सरकारी भूमि पर अवैध, अनधिकृत पत्थर या फिर क्रास या अन्य किसी तरह की संरचनाएं तो नहीं लगाई गई हैं।
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