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भारहीन की जा सकेगी हर वस्तु

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। गॉड पार्टिकल की खोज से ब्रह्मांड के अनसुलझे और अबूझ रहस्यों से पर्दा उठाया जा सकता है। यहां तक कि इससे ब्रह्मांड के सबसे भारी डार्क मैटर के बारे में भी पूरी जानकारी जुटाई जा सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि गॉड पार्टिकल [ईश्वरीय कण] की मदद से जब किसी वस्तु के द्रव्यमान क

By Edited By: Updated: Thu, 05 Jul 2012 09:22 PM (IST)
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नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। गॉड पार्टिकल की खोज से ब्रह्मांड के अनसुलझे और अबूझ रहस्यों से पर्दा उठाया जा सकता है। यहां तक कि इससे ब्रह्मांड के सबसे भारी डार्क मैटर के बारे में भी पूरी जानकारी जुटाई जा सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि गॉड पार्टिकल [ईश्वरीय कण] की मदद से जब किसी वस्तु के द्रव्यमान के स्रोत का पता लग जाएगा, तो उस वस्तु को आसानी से भारहीन किया जा सकेगा। इससे वस्तु के स्थानांतरण में बल का प्रयोग नहीं होने से ऊर्जा की बचत हो सकेगी। इस खोज के जरिये नए दौर की शुरुआत हो सकती है।

यूरोपीयन सेंटर फॉर न्यूक्लियर रिसर्च [सर्न] के वैज्ञानिक अल्बर्ट डी रोइक का कहना है कि वर्ष 2013 की शुरुआत से ही खोजे गए कण [गॉड पार्टिकल] के रहस्यों से पर्दा उठना शुरू हो जाएगा। साथ ही लार्ज हैड्रन कोलाइडर की क्षमता बढ़ाने के बाद ज्यादा डाटा उपलब्ध होने पर वर्ष 2015 तक अंतिम निष्कर्ष निकाला जा सकेगा। उन्हें भरोसा है कि यह नए भौतिक विज्ञान का प्रवेश द्वार होगा। साथ ही प्रकृति को चलाने वाले वास्तविक नए सिद्धांतों की खोज की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि अगर खोजा गया कण स्टैंडर्ड मॉडल हिग्स बोसोन नहीं निकला, तो यह निराशाजनक होगा।

वैज्ञानिकों का मानना है कि इस खोज के बाद किसी भी वस्तु का द्रव्यमान हटा लेने पर उसे प्रकाश की गति से कहीं भी भेजा जा सकेगा। इससे अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले सेटेलाइट के प्रक्षेपण में बहुत कम ऊर्जा का इस्तेमाल किया जा सकेगा। साथ ही ऊर्जा का कम से कम इस्तेमाल होने के कारण खर्च भी बहुत कम आएगा। यह नियम केवल सेटेलाइट पर ही लागू नहीं होगा। इसे परिवहन के साधनों पर भी लागू कर ईधन की ज्यादा से ज्यादा बचत की जा सकेगी।

रोइक ने बिजली के अविष्कार का उदाहरण देते हुए कहा कि इसकी खोज के समय किसी ने भविष्य में होने वाले इसके उपयोगों के बारे में नहीं सोचा होगा। हिग्स बोसोन के मामले में सबसे अहम है कि यह बिग बैंग [महाविस्फोट] के एक सेकेंड के कई लाखवें हिस्से में दुनिया के वजूद की वास्तविकता का पता लगाया जा सकेगा। भौतिकविद् रे वॉक्स ने बताया कि हिग्स बोसोन सामान्य द्रव्यों के बीच पुल का काम करता है, जिससे अणु [एटम] बनते हैं। इसी खास कण की वजह से ब्रह्मांड का सबसे अहम और संभवत: सबसे भारी डार्क मैटर भी बनता है। इस कण की सहायता से सामान्य अणुओं के बजाय ब्रह्मांड के बारे में जानना अद्भुत होगा। हम यह जानना चाहते हैं कि दुनिया कैसे काम करती है। हालांकि, ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए हमें नई तकनीक की खोज करनी होगी।

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