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Google ने CCI के आदेश पर दिया जवाब, कहा- जुर्माना लगाने के फैसले की करेंगे समीक्षा

दिग्गज टेक कंपनी गूगल (Google) ने शुक्रवार को कहा कि वह भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी काम के लिए 1338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के फैसले की समीक्षा करेगा। गूगल ने CCI के इस आदेश को भारतीय उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए एक बड़ा झटका करार दिया।

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Fri, 21 Oct 2022 07:56 PM (IST)
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Google ने CCI के आदेश पर दिया जवाब, कहा- जुर्माना लगाने के फैसले की करेंगे समीक्षा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। दिग्गज टेक कंपनी गूगल (Google) ने शुक्रवार को कहा कि वह भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी काम के लिए 1,338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के फैसले की समीक्षा करेगा। गूगल ने CCI के इस आदेश को भारतीय उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए एक बड़ा झटका करार दिया। बता दें कि CCI के आदेश के बाद, गूगल ने पहली बार आधिकारिक बयान दिया है। कंपनी ने कहा कि एंड्राइड ने सभी के लिए कई सारे विकल्प बनाए हैं और वे भारत सहित दुनिया भर में हजारों सफल व्यवसायों का समर्थन करता है।

CCI के आदेश को गूगल ने बताया झटका

गूगल के प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा, 'CCI का निर्णय भारतीय उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए एक बड़ा झटका है। ये कदम भारतीयों के लिए गंभीर सुरक्षा जोखिम का रास्ता खोल रहा है, एंड्राइड की सुरक्षा सुविधाओं पर भरोसा करते हैं।' गूगल ने कहा कि वह इस निर्णय की समीक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि समीक्षा करने के बाद अगले कदम उठाए जाएंगे।

गूगल पर 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना

बता दें कि CCI टेक कंपनी गूगल पर 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। CCI द्वारा एंड्रायड मोबाइल डिवाइस इकोसिस्टम में अपने एकाधिकार का दुरुपयोग करने पर गूगल पर जुर्माना लगाया गया था। CCI ने जुर्माना लगाने के साथ-साथ गूगल को अनुचित व्यापारिक गतिविधियों को निर्धारित समयसीमा के भीतर बंद करने के भी निर्देश दिया था।

क्या है पूरा प्रकरण

CCI ने एंड्रायड स्मार्टफोन उपभोक्ताओं की शिकायत के आधार पर अप्रैल 2019 में विस्तृत जांच का आदेश दिया था। एंड्रायड एक मोबाइल आपरेटिंग सिस्टम है। स्मार्टफोन या टैबलेट निर्माता कंपनियां इसे अपने उपकरणों में इंस्टाल करती हैं। टेक कंपनी पर स्मार्टफोन कंपनियों के साथ गलत व्यापार व्यवहार को लेकर दो समझौते करने के आरोप हैं। इसमें मोबाइल एप्लीकेशन वितरण समझौता (MADA) प्रमुख है। CCI ने कहा था कि MADA के तहत पूरे गूगल मोबाइल सूट (GMS) के प्री-इंस्टालेशन को अनिवार्य बनाने, इसे अनइंस्टाल करने का विकल्प नहीं देने और उनका बेहतर प्लेसमेंट उपकरण निर्माताओं पर अनुचित शर्त लगाने के बराबर है।

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