Hit and Run Law: सरकार को भरोसा-ट्रक ड्राइवरों की चिंताओं का हो जाएगा समाधान, ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के साथ केंद्रीय गृह सचिव करेंगे बैठक
सरकार की ओर से आए बातचीत के प्रस्ताव के बाद एआइएमटीसी ने नए प्रविधान का विरोध तो किया लेकिन देशव्यापी हड़ताल का फिलहाल आह्वान नहीं किया है। साढ़े तीन बजे पूर्व निर्धारित संवादददाता सम्मेलन के लिए कांग्रेस की ओर से जो नोट तैयार किया गया था उसमें एक दिन की सांकेतिक हड़ताल का जिक्र था लेकिन कांग्रेस के पदाधिकारियों ने कहा कि हम सरकार से बातचीत करने जाएंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन के मामलों में दस साल तक की कैद और जुर्माने का विरोध कर रही अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पदाधिकारियों को बातचीत के लिए बुलाया है। यह बैठक देर शाम होनी है और सरकार को उम्मीद है कि ट्रक संचालकों की सबसे बड़ी संस्था की चिंताओं का समाधान हो जाएगा।
सरकार की ओर से आए बातचीत के प्रस्ताव के बाद एआइएमटीसी ने नए प्रविधान का विरोध तो किया, लेकिन देशव्यापी हड़ताल का फिलहाल आह्वान नहीं किया है। साढ़े तीन बजे पूर्व निर्धारित संवादददाता सम्मेलन के लिए कांग्रेस की ओर से जो नोट तैयार किया गया था, उसमें एक दिन की सांकेतिक हड़ताल का जिक्र था, लेकिन कांग्रेस के पदाधिकारियों ने कहा कि हम सरकार से बातचीत करने जाएंगे।
'बातचीत से यह मसला हो जाएगा हल'
सरकार के सूत्रों ने कहा कि जिस तरह उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों में ट्रक सड़कों पर नहीं हैं, उसका संज्ञान लिया गया है। हमें भरोसा है कि बातचीत से यह मसला हल हो जाएगा। एआइएमटीसी ने अभी किसी राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान नहीं किया है। एआइएमटीसी के पदाधिकारियों ने सरकार से हिट एंड रन के नए प्रविधान को तत्काल वापस लेने की मांग की है। उनका कहना है कि ये प्रविधान ड्राइवरों का काम मुश्किल करेंगे और इनके डर से ट्रक ड्राइवर नौकरी छोड़ रहे हैं।'बातचीत के नतीजे के आधार पर अपनी आगे की करेंगे रणनीति तय'
कांग्रेस के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने कहा कि हम सरकार से बातचीत के नतीजे के आधार पर अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे। मदान ने दावा किया कि राज्यों में ट्रक एसोसिएशनों की स्वर्त स्फूर्त हड़ताल के कारण 60 से 70 प्रतिशत ट्रक नहीं चल रहे हैं। एआइएमटीसी की आयोजन समिति के अध्यक्ष बाल मंकीत ¨सह ने कहा कि सरकार को यह मामला कृषि कानूनों की तरह लंबे वक्त नहीं खींचना चाहिए। उनका आरोप है कि सरकार ने ये प्रविधान तय करते हुए सभी संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श नहीं किया।