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बांग्लादेश में उथल-पुथल के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ? हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर सरकार-विपक्ष एकमत

बांग्लादेश के घटनाक्रम पर भारत नजर बनाये हुए है। इस बीच सरकार ने मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बैठक में विपक्षी नेताओं की चिंताओं और सवालों पर व्यापक रूप से चर्चा करते हुए सरकार ने उन्हें अपने भरोसे में लिया। सूत्रों के अनुसार विदेशमंत्री ने बांग्लादेश के घटनाक्रम से भारत पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों से लेकर वहां बाहरी हस्तक्षेप की स्थिति में भारत की रणनीति पर चर्चा की।

By Jagran News Edited By: Babli Kumari Updated: Tue, 06 Aug 2024 08:11 PM (IST)
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बांग्लादेश मामले पर मंगलवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक (फोटो- @DrSJaishankar)
संजय मिश्र, नई दिल्ली। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के भविष्य को लेकर भारत उनसे बातचीत कर रहा है मगर रणनीतिक वजहों से इसका खुलासा नहीं किया जा सकता। बांग्लादेश में हो रहे गंभीर हिंसक आंदोलन के पीछे चीन-पाकिस्तान और अमेरिका की भूमिका से जुड़े पहलुओं का भी भारत गहराई से आकलन कर रहा है।

इसके मद्देनजर ही भारत ने बांग्लादेश के ताजा हालत पर रणनीतिक निगाहें रखते हुए अपनी सेना और केंद्रीय सुरक्षा बलों को सीमा पर हाई अलर्ट कर रखा है। तख्ता पलट के बाद भारत पहुंची शेख हसीना के साथ केवल उनकी बहन रेहाना ही नहीं बल्कि कई करीबी रिश्तेदार भी साथ आए हैं।

बांग्लादेश के घटनाक्रम पर मंगलवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी नेताओं की चिंताओं और सवालों पर इन तथ्यों से रूबरू कराते हुए सरकार ने उन्हें भरोसे में लिया। बांग्लादेश में तख्तापलट से फैली अराजक स्थिति के बीच शेख हसीना के भारत में आने के एक दिन बाद ही केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय आम सहमति बनाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें विदेशमंत्री एस जयशंकर ने ताजा हालात से विपक्षी नेताओं को रूबरू कराया।

'भारत स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है'

सूत्रों के अनुसार विदेशमंत्री ने बांग्लादेश के घटनाक्रम से भारत पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों से लेकर वहां बाहरी हस्तक्षेप की स्थिति में भारत की रणनीति पर चर्चा की। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने बांग्लादेश के हिंसक घटनाक्रमों के रणनीतिक पहलुओं से जुड़ा सवाल पूछते हुए कहा कि क्या सरकार को इस तरह के उथल-पुथल का कुछ पुर्वानुमान था और क्या इसके पीछे ढाका से बाहर की ताकतों विशेष रूप से चीन-पाकिस्तान की भूमिका के बारे में कोई जानकारी है। सूत्र के अनुसार जयशंकर ने कहा कि भारत स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है और बाहरी ताकतों की बात है तो अभी पाकिस्तान के एक राजनयिक के मोबाइल में बदले हुए डीपी के बारे में जानकारी है जो विद्रोह को समर्थन देने के उनकी रुझान को दर्शाता है जिसकी हम पड़ताल कर रहे हैं।

भारत सरकार की इसे रोकने की क्या रणनीति है?

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के साथ मंदिरों पर हमले पर चिंता जताते हुए नेता विपक्ष ने पूछा कि भारत सरकार की इसे रोकने की क्या रणनीति है? विदेशमंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे तथा उनकी संपत्तियों को नष्ट किया जा रहा है और सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाएगी। बांग्लादेश के सेना प्रमुख से लेकर उनकी आथरिटी के साथ संपर्क बना हुआ है। बांग्लोदश की पूर्व पीएम के भारत में रहने से लेकर राजनीतिक शरण को लेकर भी सवाल हुए और सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने पूछा कि शेख हसीना से उनके भविष्य को लेकर सरकार की क्या बातचीत हुई है? जयशंकर ने इस पर कहा कि हसीना से उनके भविष्य की योजनाओं के बारे में बातचीत हुई है मगर इसका खुलासा नहीं किया जा सकता।

कुछ करीबी रिश्तेदार के साथ हसीना ने ली भारत में शरण

हसीना के साथ हिंडन एयरफोर्स बेस पहुंचे उनके करीबी लोगों के बारे में भी सवाल हुए तो विदेशमंत्री ने कहा कि कुछ करीबी रिश्तेदार उनके साथ आए हैं मगर इनकी संख्या का खुलासा करना मुनासिब नहीं होगा। बांग्लादेश की पूर्व पीएम के ब्रिटेन, फिनलैंड और दुबई में राजनीतिक शरण की चर्चाओं पर भी सवाल हुए जिस पर विदेशमंत्री ने कहा कि हसीना की इन देशों से बातचीत चल रही है।

भारत में कुछ दिन और रह सकती हैं हसीना

सूत्रों ने बताया कि विपक्षी नेताओं को जो संकेत दिए गए उसके मुताबिक ब्रिटेन में राजनीतिक शरण में अभी कुछ अवरोधक हैं जिसमें हसीना को कानूनी बचाव का कवच देने का मसला है। बांग्लादेश में उनके खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय मंचों की निगरानी में जांच की संभावनाओं को देखते हुए कानूनी कवच देने की गारंटी देने के लिए ब्रिटेन अभी राजी नहीं हुआ है। ऐसे में राजनीतिक शरण का फैसला होने में थोड़ा वक्त लग सकता है और हसीना अभी भारत में कुछ दिन और रह सकती हैं। सूत्रों ने बताया कि वर्तमान चर्चाओं के हिसाब से शेख हसीना को फिलहाल दुबई में राजनीतिक शरण मिलने की संभावनाएं ज्यादा हैं।

विपक्षी नेताओं ने सरकार को पूरा समर्थन देने का दिया भरोसा

सर्वदलीय बैठक में विपक्षी नेताओं ने बांग्लादेश मुद्दे पर राजनीतिक लाइन से इतर सरकार को पूरा समर्थन देने का भरोसा दिया और कहा कि राष्ट्रीय हित के मामले में हम सब एक साथ हैं। तृणमूल कांग्रेस नेता सुदीप बंधोपाध्याय ने कहा कि उनकी पार्टी केंद्र के हर निर्णय के साथ है मगर उनका आग्रह है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बांग्लादेश से जुड़े मामले की जानकारी देकर उनको भरोसे में लिया जाए। सर्वदलीय बैठक में बांग्लादेश घटनाक्रम पर राजनीतिक दलों के मिले समर्थन को विदेशमंत्री ने पहले एक्स पर पोस्ट और फिर संसद में दिए बयान में खुले रूप में स्वीकार करते हुए कहा कि सर्वसम्मति से मिले समर्थन और समझ की वे सराहना करते हैं।

AAP को सरकार ने इस बैठक में नहीं किया आमंत्रित 

बैठक में सरकार की ओर से गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आदि मौजूद थे तो विपक्ष की ओर से राहुल गांधी के अलावा द्रमुक के टीआर बालू, जनतादल यूनाइटेड के राजीव रंजन सिंह ललन, सपा के राम गोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन, राजद की मीसा भारती, शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, बीजू जनतादल के सस्मित पात्रा, एनसीपी पवार गुट की सुप्रिया सुले, तेलुगुदेशम के राममोहन नायडू आदि मौजूद थे। आम आदमी पार्टी को सरकार ने इस बैठक में आमंत्रित नहीं किया था।

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