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गेहूं आयात से सरकार ने किया इनकार

उधर, सरकार ने हाल ही में घरेलू बाजार में आपूर्ति बढ़ाकर महंगाई पर काबू पाने के लिए गेहूं पर लगे आयात शुल्क को हटा लिया है। पासवान शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।

By Sachin BajpaiEdited By: Updated: Fri, 23 Dec 2016 09:11 PM (IST)
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जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। घरेलू बाजार में गेहूं की कम आपूर्ति के बीच सरकार ने आयात की संभावना से इनकार किया है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले व खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि सरकारी गोदामों में पर्याप्त अनाज है, जिससे राशन प्रणाली की मांग को पूरा करने के लिए काफी है। उधर, सरकार ने हाल ही में घरेलू बाजार में आपूर्ति बढ़ाकर महंगाई पर काबू पाने के लिए गेहूं पर लगे आयात शुल्क को हटा लिया है। पासवान शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।

आयात शुल्क हटाने के बाद से अब तक 18 लाख टन गेहूं का आयात सौदा हो चुका है। घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतें बढ़ीं तो क्या सरकार गेहूं का आयात करेगी? के सवाल के जवाब पर पासवान ने कहा कि इसका प्रश्न नहीं उठता। बफर स्टॉक में पर्याप्त गेहूं का स्टॉक है। केंद्रीय पूल में इतना गेहूं है कि सार्वजनिक राशन प्रणाली की जरूरत को आसानी से पूरा किया जा सकता है।

पासवान ने कहा कि एक दिसंबर को सरकारी नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम के स्टॉक में कुल 2.76 करोड़ टन अनाज पड़ा हुआ है। इसमें 1.64 करोड़ टन गेहूं और 1.1 करोड़ टन चावल है। पासवान यहां वर्ष 2016 की मंत्रालय की उपलब्धियों का ब्यौरा पेश कर रहे थे। बाजार में गेहूं की भले ही कमी महसूस की जा रही हो, लेकिन कृषि मंत्रालय किसी भी तरह पैदावार में कमी होने की बात को स्वीकार नहीं कर रहा है। मंत्रालय आज भी अपने पूर्व अनुमान 9.3 करोड़ टन की पैदावार पर कायम है। इसके विपरीत अनाज कारोबारी और उद्योग क्षेत्र 8.6 से 8.8 करोड़ टन के अनुमान पर कायम है। आयात शुल्क पूरी तरह हटाने के सवाल पर पासवान ने कहा कि यह कदम सिर्फ कीमतों को काबू में करने के लिए उठाया गया है। लेकिन शून्य शुल्क का प्रावधान स्थायी नहीं होगा।

पासवान ने कहा कि अंतर मंत्रालयी हर बैठक में कृषि मंत्रालय अपने अनुमान पर कायम रहा, जिसे हम वास्तविक मानकर चल रहे हैं। उस आंकड़े पर विश्वास न करने का कोई औचित्य नहीं है।