शीर्ष अदालत ने छात्रों की याचिका पर मणिपुर सरकार को दिया आदेश, राज्य के बाहर UPSC परीक्षा देने को अभ्यर्थियों को मिलेंगे तीन हजार
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार को हिंसा प्रभावित पहाड़ी जिलों के सिविल सेवा के उम्मीदवारों को गत आगामी 26 मई को राज्य से बाहर यूपीएससी परीक्षा में शामिल होने के लिए तीन हजार रुपये प्रतिदिन देने के निर्देश दिए। यह फैसला शीर्ष अदालत ने 140 छात्रों की ओर से परीक्षा केंद्र मणिपुर से बाहर स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका पर सुनाया।
पीटीआई, दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार को हिंसा प्रभावित पहाड़ी जिलों के सिविल सेवा के उम्मीदवारों को गत आगामी 26 मई को राज्य से बाहर यूपीएससी परीक्षा में शामिल होने के लिए तीन हजार रुपये प्रतिदिन देने के निर्देश दिए। यह फैसला शीर्ष अदालत ने 140 छात्रों की ओर से परीक्षा केंद्र मणिपुर से बाहर स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका पर सुनाया।
पीठ ने विशेष सुनवाई में कही ये बात
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने विशेष सुनवाई में राज्य के पहाड़ी जिलों के सिविल सेवा के उम्मीदवारों की शिकायत का संज्ञान लिया। इन छात्रों ने सुरक्षा चिंताओं के कारण मणिपुर के बाहर परीक्षा केंद्र चुना है।
पीठ ने अपने फैसले में कहा कि यूपीएससी परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले वर्तमान में पहाड़ी जिलों के अभ्यर्थियों को राज्य से बाहर परीक्षा में शामिल होने के लिए तीन हजार रुपये प्रति उम्मीदवार किया जाएगा।
सीजेआई ने बढ़ाई राशि
इस लाभ को प्राप्त करने के लिए इच्छुक उम्मीदवार को इस आदेश में दिए गए ईमेल पते पर नोडल अधिकारी को अपने वर्तमान पते की जानकारी देनी होगी। इससे पहले, हाई कोर्ट ने मणिपुर सरकार से ऐसे अभ्यर्थियों को 1500 रुपये देने को कहा था। इस पर सीजेआइ ने परिवहन समेत अन्य व्यवस्थाओं के लिए राशि को पर्याप्त न मानते हुए हाई कोर्ट द्वारा आदेशित राशि को बढ़ाकर तीन हजार कर दिया।