ऑनलाइन कंपनियों की छल से ग्राहकों को बचाएगी सरकार, डार्क पैटर्न का मसौदा तैयार कर आम लोगों से मांगे सुझाव
ऑनलाइन प्लेटफार्म पर कुछ कंपनियों की तरफ से जारी डार्क पैटर्न का खेल खत्म होने वाला है। सरकार ने इसे रोकने के लिए मसौदा तैयार कर लिया है। आमलोगों से 30 दिनों के भीतर सुझाव मांगे गए हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने गुरुवार को जारी गाइडलाइंस में आनलाइन बिक्री के भ्रामक तरीकों को सूचीबद्ध किया है जो उपभोक्ताओं के हित को प्रभावित करते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Fri, 08 Sep 2023 12:13 AM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ऑनलाइन प्लेटफार्म पर कुछ कंपनियों की तरफ से जारी 'डार्क पैटर्न' का खेल खत्म होने वाला है। सरकार ने इसे रोकने के लिए मसौदा तैयार कर लिया है। आमलोगों से 30 दिनों के भीतर सुझाव मांगे गए हैं, जिसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। आनलाइन ग्राहकों से छल करने या उनकी पसंद को प्रभावित करने वाली तरकीब को 'डार्क पैटर्न' कहा जाता है।
मंत्रालय ने अपनी गाइडलाइंस में क्या कहा?
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने गुरुवार को जारी गाइडलाइंस में आनलाइन बिक्री के भ्रामक तरीकों को सूचीबद्ध किया है, जो उपभोक्ताओं के हित को प्रभावित करते हैं। पांच अक्टूबर तक सुझाव मिलने के बाद संशोधित मसौदे को विक्रेता कंपनियों एवं विज्ञापनदाताओं समेत ग्राहकों एवं आनलाइन मंचों के लिए लागू किया जाएगा।
यह भी पढ़ेंः ऑनलाइन शॉपिंग में डार्क पैटर्न पर सख्त हुई सरकार, सेल्स कंपनियों को 'अनुचित चालाकी' नहीं करने की दी हिदायत
मंत्रालय ने कई कंपनियों के साथ बैठक कर तैयार किया मसौदा
मंत्रालय का कहना है कि आनलाइन ग्राहकों के हितों की रक्षा एवं पारदर्शी बाजार को बढ़ावा देने के लिए वह प्रतिबद्ध है। यह मसौदा उद्योग संघों और ई-कामर्स प्लेटफार्म- गूगल, फ्लिपकार्ट, आरआईएल, अमेजन, गो-एमएमटी, स्विगी, जोमैटो, ओला, टाटा क्लिक, फेसबुक, मेटा और शिप राकेट के प्रतिनिधियों के साथ बैठकों के बाद उनके सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है।
इसके पहले कंपनियों को आनलाइन प्लेटफार्म पर ऐसे डिजाइन या पैटर्न को शामिल न करने की हिदायत दी गई थी जो उपभोक्ताओं की पसंद को धोखा दे सकता है या हेरफेर कर सकता है।
यह भी पढ़ेंः अब घर बैठे बनवा सकते हैं पासपोर्ट, जानिए स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस