परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों की अब खैर नहीं, नया कानून लाने की तैयारी में सरकार
प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों की अब खैर नहीं। सरकार इसे सख्ती से रोकने के लिए जल्द ही एक नया कानून लाने की तैयारी में है। राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने अभिभाषण में सरकार के रिफॉर्म परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म को सामने रखा है। इसमें पुराने 76 कानूनों को हटाने के साथ ही परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए बनाए जाने वाले नए कानून की जानकारी भी दी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों की अब खैर नहीं होगी। सरकार इसे सख्ती से रोकने के लिए जल्द ही एक नया कानून लाने की तैयारी में है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए इसकी जानकारी दी और कहा कि ऐसे गलत तरीकों पर सख्ती के लिए सरकार ने नया कानून बनाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने साथ ही बताया है कि परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंता से सरकार अवगत है। प्रतियोगी परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के सरकार के इस कदम को हाल ही में राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों से जोड़कर भी देखा जा रहा है। इसके बाद इन सभी राज्यों में युवाओं का विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिला था।
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राष्ट्रपति मुर्मु ने क्या कुछ कहा?
राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने अभिभाषण में सरकार के रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म को सामने रखा है। इसमें पुराने 76 कानूनों को हटाने के साथ ही परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए बनाए जाने वाले नए कानून की जानकारी भी दी।
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में शिक्षा सुधारों को लेकर उठाए गए कदमों और उससे आए बदलावों का भी जिक्र किया और बताया,
उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता के लिए प्रस्तावित किए गए 14,000 से अधिक पीएम-श्री स्कूलों को खोलने पर काम किया जा रहा है। छह से ज्यादा स्कूल शुरु हो गए है। उन्होंने स्कूलों में मोदी सरकार के प्रयासों से घटे ड्रॉप आउट रेट की भी जानकारी साझा की।यह भी पढ़ें: 'दस वर्षों की साधना में 25 करोड़ को गरीबी से निकाला', राष्ट्रपति बोलीं- गरीबी हटाओ नारे को पहली बार साकार होते देखानई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को तेजी से लागू किया जा रहा है। जिसमें मातृभाषा और भारतीय भाषाओं में शिक्षा पर बल दिया गया है। इसके तहत इंजीनियरिंग, मेडिकल और कानून जैसे विषयों की पढ़ाई भारतीय भाषाओं में प्रारंभ कर दी गई है।