पंचायतों की आर्थिक मजबूती के लिए फ्रेमवर्क बनाएगी सरकार, राष्ट्रीय सम्मेलन में वित्त आयोग और कई मंत्रालयों के अधिकारी करेंगे मंथन
विकास के लिए हस्तांतरण थीम पर वित्त आयोगों का राष्ट्रीय सम्मेलन नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 16वें केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष डा. अरविंद पनगढ़िया और पंचायतीराज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज की संयुक्त अध्यक्षता में आयोजित किया जाएगा। इसमें केंद्रीय वित्त आयोग राज्य वित्त आयोगों पंचायतीराज मंत्रालय ग्रामीण विकास मंत्रालय व शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों सहित संबंधित संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्र 'सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास' को केंद्र सरकार शासन व्यवस्था में भी धरातल पर उतारना चाहती है। इसी सोच के अनुरूप पंचायतीराज संस्थाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए पंचायतीराज मंत्रालय ने कमर कसी है।
विशेषज्ञ करेंगे मंथन
इस दिशा में पहल करते हुए मंत्रालय केंद्रीय वित्त आयोग के सहयोग से राज्य वित्त आयोगों, संबंधित मंत्रालयों और संस्थानों को सहभागी बनाते हुए 14 नवंबर को नई दिल्ली में वित्त आयोग सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है। इसमें विभिन्न पहलुओं पर अधिकारियों और विशेषज्ञों द्वारा जो मंथन किया जाएगा, उसके आधार पर ग्रामीण स्थानीय निकायों को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने के लिए फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा।
विकास के लिए हस्तांतरण
'विकास के लिए हस्तांतरण' थीम पर वित्त आयोगों का राष्ट्रीय सम्मेलन नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 16वें केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष डा. अरविंद पनगढ़िया और पंचायतीराज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज की संयुक्त अध्यक्षता में आयोजित किया जाएगा। इसमें केंद्रीय वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोगों, पंचायतीराज मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय व शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों सहित संबंधित संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल होंगे।राज्य वित्त आयोगों का ससमय गठन हो
पंचायतीराज मंत्रालय के अनुसार, सरकार चाहती है कि संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप राज्य वित्त आयोगों का ससमय गठन हो, पंचायतों या ग्रामीण स्थानीय निकायों को वित्तीय अधिकारों का हस्तांतरण हो और निकायों को स्वायत्त व आत्मनिर्भर बनाते हुए विकास के प्रति उनके उत्तरदायित्व भी निर्धारित किए जाएं। मगर, मंत्रालय का मानना है कि व्यवस्था तय होने के बावजूद वित्तीय अधिकारों व कार्यबल के हस्तांतरण और अनुदान के संबंध में कई राज्यों में पंचायतीराज संस्थाओं को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
इसके क्या कारण हैं और इन्हें दूर करते हुए कैसे राज्य वित्त आयोगों के समयबद्ध गठन, सिफारिशों को लागू करने और संस्थागत ढांचे को मजबूत करने के लिए काम किया जा सकता है, इस पर संबंधित अधिकारियों और विशेषज्ञों के विचार लिए जाएंगे।
राष्ट्रीय फ्रेमवर्क होगा तैयार
उसके आधार पर ही पंचायतीराज संस्थाओं को वित्तीय रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए राष्ट्रीय फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा। केंद्र सरकार का मानना है कि केंद्र या राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने और विकसित भारत के संकल्प में ग्रामीण भारत को साथ जोड़ने में सशक्त पंचायतें ही सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।