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ग्रीन हाइड्रोजन निर्माण के लिए 170 अरब रुपये देगी सरकार, इस क्‍लीन एनर्जी का वैश्विक हब बनेगा भारत

नई व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के सचिव बी एस भल्ला ने बताया कि कारपोरेट सेक्टर को दो चरणों में उक्त प्रोत्साहन की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। वैसे ग्रीन हाइड्रोजन से जुड़ी तकनीक में लगातार बदलाव हो रहे हैं और इसमें काफी शोध का काम हो रहा है इसलिए सरकार को इससे जुड़े गुणवत्ता संबंधी नियमों को बनाने में विलंब हो रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Wed, 28 Jun 2023 09:48 PM (IST)
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यह जानकारी नई व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के सचिव बी एस भल्ला ने दी।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। जनवरी, 2023 में केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से मंजूर ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत अब काम तेजी से आगे बढ़ने की संभावना है। ग्रीन हाइड्रोजन के निर्माण और इसके लिए जरूरी इलेक्ट्रोलाइजर का घरेलू स्तर पर उत्पादन के लिए सरकार पहले चरण में 17 हजार करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना का ऐलान जल्द ही करने वाली है।

ग्रीन हाइड्रोजन से जुड़ी तकनीक में लगातार हो रहे हैं बदलाव : भल्ला

यह जानकारी नई व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के सचिव बी एस भल्ला ने दी। उन्होंने बताया कि कारपोरेट सेक्टर को दो चरणों में उक्त प्रोत्साहन की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। वैसे ग्रीन हाइड्रोजन से जुड़ी तकनीक में लगातार बदलाव हो रहे हैं और इसमें काफी शोध का काम हो रहा है इसलिए सरकार को इससे जुड़े गुणवत्ता संबंधी नियमों को बनाने में विलंब हो रहा है।

19,400 करोड़ रुपये की राशि बतौर प्रोत्साहन देने की व्यवस्था

ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत तकरीबन 19,400 करोड़ रुपये की राशि बतौर प्रोत्साहन देने की व्यवस्था है। इसका मकसद भारत को ग्रीन हाइड्रोजन का वैश्विक हब बनाना है। हालांकि सूचना है कि सरकार जितनी तेजी से इस पर आगे बढ़ना चाह रही थी वह नहीं हो पा रहा है। इसके लिए कई तकनीकी सीमाएं भी जिम्मेवार हैं। भल्ला ने बताया कि उनका मंत्रालय केंद्र सरकार दूसरे संबंधित मंत्रालयों और राज्य सरकारों से मिल कर आगे बढ़ने की रणनीति पर काम कर रही है।

तीन अन्य उपसमिति का किया गया गठन

एक उच्चस्तरीय कार्य समूह और तीन अन्य उपसमिति का गठन किया गया है। एक बड़ा काम ग्रीन हाइड्रोजन से जुड़े सभी क्षेत्रों की गुणवत्ता का निर्धारण करना है। दूसरा काम, शोध व विकास को स्थापित करना है। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय, ऊर्वरक मंत्रालय व इस्पात मंत्रालय से कहा गया है कि वह ग्रीन हाइड्रोजन के इस्तेमाल के लिए पायलट प्रोजेक्ट का चयन करके दें।

इस बीच केंद्र सरकार की मदद से देश में 05-07 जुलाई, 2023 के बीच भारत में ग्रीन हाइड्रोजन पर एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन होने जा रहा है। इसमें पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी, बिजली मंत्री आर के सिह, विज्ञान व तकनीक मंत्री जीतेंद्र सिंह के अलावा दूसरे देशों के सैकड़ों विशेषज्ञ भी हिस्सा लेंगे।