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टेक्निकल टेक्सटाइल में स्टार्टअप को 50 लाख का अनुदान देगी सरकार, इनोवेशन को मिलेगा बढ़ावा

टेक्निकल टेक्सटाइल के क्षेत्र में सरकार अधिक से अधिक स्टार्टअप्स को लाना चाहती है। जल्द ही टेक्निकल टेक्सटाइल से जुड़े स्टार्टअप्स का चयन करने के लिए सरकार एक पोर्टल लांच करने जा रही है। पोर्टल के माध्यम से स्टार्टअप्स आवेदन कर सकेंगे। चयनित स्टार्टअप्स के साथ सरकार एक समझौता करेगी। स्टार्टअप्स के इनक्यूबेटर्स को इनोवेशन पर खर्च होने वाले राशि का 10 प्रतिशत अपनी तरफ से लगाना होगा।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Tue, 29 Aug 2023 09:53 PM (IST)
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स्टार्टअप्स के इनक्यूबेटर्स को इनोवेशन पर खर्च होने वाले राशि का 10 प्रतिशत अपनी तरफ से लगाना होगा।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। टेक्निकल टेक्सटाइल के क्षेत्र में सरकार अधिक से अधिक स्टार्टअप्स को लाना चाहती है। इस दिशा में मंगलवार को कैबिनेट कमेटी की बैठक में महत्वपूर्ण फैसला किया गया। फैसले के मुताबिक टेक्निकल टेक्सटाइल के क्षेत्र में स्टार्टअप्स को सरकार की तरफ से 50 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा ताकि इस क्षेत्र में इनोवेशन को बढ़ावा मिल सके।

स्टार्टअप्स को इनोवेशन के लिए दी जा सकती है सरकारी सहायता

इसके तहत 100-150 स्टार्टअप्स को इनोवेशन के लिए सरकारी सहायता दी जा सकती है। जल्द ही टेक्निकल टेक्सटाइल से जुड़े स्टार्टअप्स का चयन करने के लिए सरकार एक पोर्टल लांच करने जा रही है। पोर्टल के माध्यम से स्टार्टअप्स आवेदन कर सकेंगे। चयनित स्टार्टअप्स के साथ सरकार एक समझौता करेगी। स्टार्टअप्स के इनक्यूबेटर्स को इनोवेशन पर खर्च होने वाले राशि का 10 प्रतिशत अपनी तरफ से लगाना होगा।

इन इंक्यूबेटर्स में आईआईटी दिल्ली, एनआईटी जालंधर, एनआईटी दुर्गापुर, एनआईटी कर्नाटक, एनआईएफटी मुंबई, आईसीटी मुंबई, अन्ना विश्वविद्यालय, पीएसजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, एमिटी विश्वविद्यालय जैसे संस्थान भी शामिल हैं।

ऑटो पीएलआई स्कीम की समीक्षा, समय सीमा में मिल सकता है एक साल का विस्तार

ऑटोमोबाइल्स सेक्टर से जुड़ी प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम की समय सीमा में एक साल का विस्तार किया जा सकता है। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेन्द्र नाथ पांडे ने मंगलवार को ऑटो सेक्टर से जुड़ी पीएलआई स्कीम की प्रगति की समीक्षा की जिस दौरान कंपनियों की मांग पर उन्हें समय सीमा में विस्तार का भरोसा दिया। अभी इस स्कीम की अवधि पांच साल की है जिसे छह साल किया जा सकता है।

67,690 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव

पीएलआई-ऑटो योजना के तहत आवेदकों ने 67,690 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया है। जबकी 30 जून 2023 तक 10,755 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है। हालांकि अभी इस योजना के तहत उत्पादन शुरू नहीं हुआ है।पांडे ने पीएलआई स्कीम के तहत निवेश करने वालों कंपनियों को उनके कंपोनेंट्स की जांच में तेजी का भी भरोसा दिया।

उन्होंने कहा कि उत्पादन से जुड़े कंपोनेंट्स की जांच के लिए कई और एजेंसियों को जोड़ा जाएगा। अभी सिर्फ ऑटोमोबाइल रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) ही कंपोनेंट्स जांच का काम करती है जिससे जांच पूरी होने में काफी समय लग जाता है और उत्पादन प्रभावित होता है।